Fatehpur News: फतेहपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सहित चार लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा ! ऑपरेशन के बाद हुई थी महिला की मौत

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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर मेडिकल कॉलेज में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत साहू पर बड़ा आरोप लगा है. चौधियाकियापुर गांव के कोमल नामक व्यक्ति ने उनकी पत्नी की मौत का जिम्मेदार डॉक्टर और उनके तीन अन्य स्टाफ को ठहराया है. आरोप है कि पैसे की मांग कर बिना सहमति के ऑपरेशन किया गया जिससे महिला की जान चली गई. पुलिस ने SCST कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया है.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है जिसने मेडिकल जगत और आम जनता दोनों को झकझोर कर रख दिया है. मेडिकल कॉलेज में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत साहू पर मरीज की मौत और जातिसूचक शब्दों से गाली देने का गंभीर आरोप लगा है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने डॉ. साहू समेत तीन अन्य स्टाफ पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वहीं, डॉक्टर ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि उनके पास सभी साक्ष्य मौजूद हैं और ऑपरेशन पूरी सहमति से किया गया था.
पेट दर्द से शुरू हुआ मामला, मौत पर जाकर खत्म हुआ

इसी दौरान कोमल का आरोप है कि डॉक्टर ने 25 हज़ार रुपए की मांग की. कोमल ने तत्काल 7 हज़ार रुपए दिए और कहा कि ऑपरेशन दूरबीन तकनीक से किया जाए. लेकिन डॉक्टर ने उनकी बात अनसुनी कर अलग तरीके से ऑपरेशन कर दिया.
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी तबीयत और हुई मौत
पति ने लगाए जातिसूचक गालियों और धमकी देने के आरोप
निर्मला के पति कोमल का कहना है कि जब उन्होंने लापरवाही और पत्नी की मौत पर सवाल उठाया तो डॉ. साहू ने उन्हें जातिसूचक शब्दों से गाली दी और जान से मारने की धमकी भी दी. यही नहीं, कोतवाली जाकर शिकायत करने पर पुलिस ने पहले पोस्टमार्टम कराने की बात कही, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई. आखिरकार, SCST कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने डॉ. प्रशांत साहू और तीन अन्य स्टाफ पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
डॉक्टर प्रशांत साहू ने दी सफाई, बोले आरोप निराधार
डॉ. प्रशांत साहू ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि निर्मला देवी का यूट्रस का ऑपरेशन उनके पति की अनुमति से ही किया गया था. डॉक्टर का दावा है कि उनके पास सभी साक्ष्य मौजूद हैं जो यह साबित करते हैं कि कोई भी प्रक्रिया बिना अनुमति के नहीं की गई.
दूरबीन से ऑपरेशन की सुविधा जिला अस्पताल में नहीं है. उन्होंने बताया कि मरीज की तबीयत देर रात बिगड़ी थी और सूचना मिलने के बाद वे करीब 1 से 2 बजे रात अस्पताल पहुंचे. वहां केवल दो महिलाएं मौजूद थीं और उस समय तक निर्मला की सांसें नहीं चल रही थीं. पति कोमल वहां मौजूद नहीं थे. डॉक्टर ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऑपरेशन से मौत का कोई उल्लेख नहीं है और यह बात पहले की कई जांचों में भी सामने आ चुकी है.
पुलिस जांच और कोर्ट की सख्ती के बाद बढ़ा मामला
इस पूरे मामले में शुरू से ही पुलिस पर लापरवाही का आरोप लग रहा था. मृतका के परिजनों का कहना है कि समय पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई और मामले को दबाने की कोशिश हुई. लेकिन SCST कोर्ट के आदेश के बाद अब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया है. इस कदम से मृतका के परिवार को उम्मीद जगी है कि उन्हें न्याय मिलेगा. वहीं, डॉक्टर पक्ष का कहना है कि वे पूरी तरह से कानून का पालन करेंगे और कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे.