यूपी का ये नेशनल हाईवे बना गड्ढामुक्त, अब फर्राटा भरते वाहनों के लिए सफर हुआ सुहावना

Lucknow News In Hindi
राजधानी लखनऊ से कानपुर के बीच एनएच 27 पर सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बनी से आगे का पूरा मार्ग अब बिल्कुल नए रूप में तैयार कर दिया गया है. एनएचएआइ ने सड़क को गड्ढामुक्त और मजबूत बना दिया है. वहीं आगामी 15 सालों तक इसका रखरखाव पीएनसी कंपनी करेगी.
Lucknow News In Hindi: लखनऊ से कानपुर जाने वाले यात्रियों के लिए एनएच 27 पर सफर अब पहले से कहीं ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित हो गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने बनी से आगे सड़क को बिल्कुल नए सिरे से बनवा दिया है. गड्ढों से निजात मिल चुकी है और सड़क की मजबूती बढ़ा दी गई है. खास बात यह है कि अगले 15 सालों तक लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे के साथ ही इस राष्ट्रीय राजमार्ग की देखरेख भी पीएनसी कंपनी ही करेगी.
गड्ढामुक्त और चौड़ी सड़क, तेज रफ्तार से चल रहे वाहन

पीएनसी कंपनी करेगी 15 साल तक रखरखाव
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य करने वाली पीएनसी कंपनी को ही एनएच 27 के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. एनएचएआइ ने स्पष्ट कर दिया है कि सड़क की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. क्षेत्रीय अधिकारी संजीव शर्मा ने बताया कि गुणवत्तापरक निर्माण ही कराया गया है और रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसका सीधा फायदा यात्रियों को लंबे समय तक सुगम सफर के रूप में मिलेगा.
बंथरा से बनी तक की सड़क जल्द होगी दुरुस्त
नाइस बैरियर और मार्ग प्रकाश की कमी बनी चुनौती
नादरगंज फ्लाईओवर पर नाइस बैरियर अधूरा ही लगा है. केवल कुछ मीटर हिस्से तक बैरियर लगाया गया है, जबकि 50 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर अभी भी काम बाकी है. इसके कारण एयरपोर्ट क्षेत्र का हिस्सा वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए असुरक्षित बना हुआ है. वहीं मार्ग प्रकाश की भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है. पहले यहां स्ट्रीट लाइट लगाई गई थीं, लेकिन एयरपोर्ट प्रशासन की आपत्ति के बाद उन्हें हटा दिया गया था. अब तक एनएचएआइ ने इसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं कराया है.
प्रकाश व्यवस्था की कमी से हादसे का खतरा
गुरुवार देर रात नादरगंज फ्लाईओवर पर एक ट्रक खराब हो गया, जिससे कानपुर से आने वाले वाहनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्रकाश व्यवस्था न होने और ट्रक की बैक लाइट न जलने के कारण बड़ा हादसा भी हो सकता था. इससे साफ है कि भले ही सड़क निर्माण और मरम्मत का काम पूरा हो गया हो, लेकिन सुरक्षा इंतजामों में अभी भी खामियां मौजूद हैं.