Rent Agreement Rules 2025: अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मनमानी, किराएदारों को मिले बड़े अधिकार
भारत सरकार ने रेंट एग्रीमेंट नियम 2025 लागू कर दिए हैं, जिनमें किराएदारों को मनमानी किराया बढ़ोतरी, अवैध बेदखली, जरूरत से ज्यादा सिक्योरिटी डिपॉजिट और बिना रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के शोषण से राहत मिलने जा रही है. नए नियमों में डिजिटल एग्रीमेंट, 2 महीने डिपॉजिट सीमा और किराए बढ़ाने पर सख्त दिशानिर्देश शामिल हैं.
Rent Agreement Rules 2025: दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में घर खरीदना आम लोगों के लिए अब भी एक सपना है. लाखों लोग नौकरी, पढ़ाई और परिवारिक जरूरतों के लिए किराए पर रहने को मजबूर हैं. ऐसे में मकान मालिकों की मनमानी, जरूरत से ज्यादा सिक्योरिटी डिपॉजिट और अचानक किराया बढ़ाना बड़ी समस्या रही है. इन्हीं परेशानियों को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने रेंट एग्रीमेंट नियम 2025 लागू किए हैं, जो किराएदारों को कानूनी सुरक्षा और राहत दोनों देते हैं.
डिजिटल एग्रीमेंट अब अनिवार्य

एक वैध, रजिस्टर्ड एग्रीमेंट दोनों पक्षों के अधिकार और जिम्मेदारियां स्पष्ट करेगा और किसी भी विवाद की स्थिति में यह अदालत में प्रमाण के रूप में स्वीकार होगा. यदि कोई रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है, तो उसके खिलाफ 5000 रुपये से शुरू होने वाला दंड लगाया जा सकता है.
सिक्योरिटी डिपॉजिट पर रोक
इससे किराएदारों पर पड़ने वाला भारी वित्तीय बोझ कम होगा और उन्हें नए शहर में रहने के लिए घर ढूंढना आसान होगा. इस प्रावधान का उद्देश्य किराया व्यवस्था को संतुलित बनाना और आर्थिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. नियम का उल्लंघन करने पर सरकार ने सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया है.
किराया बढ़ाने के नियम सख्त हुए
सरकार ने किराया बढ़ोतरी को लेकर मकान मालिकों की मनमानी पर सख्त प्रावधान लागू किए हैं. अब किराया तभी बढ़ाया जा सकेगा जब किराएदार के घर में रहते हुए 12 महीने पूरे हो जाएं. इससे पहले किराया बढ़ाना पूरी तरह अवैध माना जाएगा. इतना ही नहीं, मकान मालिक को किराएदार को 90 दिन पहले लिखित नोटिस देना अनिवार्य होगा.
बिना लिखित नोटिस के किराया बढ़ाया नहीं जा सकेगा और यदि ऐसा किया जाता है तो वह स्वतः अवैध माना जाएगा. यह नियम किराएदारों को वित्तीय स्थिरता देता है और उन्हें मनमानी बढ़ोतरी से बचाता है. इससे किराएदार और मकान मालिक के बीच पारदर्शी और संतुलित संबंध बनेंगे.
मरम्मत में देरी तो किराएदार उठाएगा कदम
घर की मरम्मत को लेकर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. यदि कोई खराबी, लीकेज, सीलन या टूट-फूट की शिकायत किराएदार करता है और मकान मालिक 30 दिनों के भीतर इसे ठीक नहीं कराता, तो किराएदार खुद मरम्मत करा सकता है. मरम्मत पर किया गया खर्च वह सीधे किराए से काट सकता है.
यह प्रावधान खासकर महानगरों में किराएदारों के लिए राहतकारी है, जहां मकान मालिक अक्सर मरम्मत से बचते हैं. नए नियमों का उद्देश्य घर को रहने योग्य बनाए रखना और बुनियादी मरम्मत को लेकर होने वाली बहस और तनाव को खत्म करना है. इससे किराएदार अपने अधिकारों के साथ सुरक्षित महसूस करेगा.
बेदखली पर अब सख्त रोक
नए नियमों ने जबरन बेदखली पर सबसे कठोर प्रावधान लागू किए हैं. मकान मालिक अब किसी भी स्थिति में किराएदार को अपनी मर्जी से घर से नहीं निकाल सकता. बेदखली केवल रेंटर ट्रिब्यूनल के आदेश से और निर्धारित कानूनी आधारों पर ही संभव होगी.
इसके अलावा मकान मालिक किराएदार के घर में प्रवेश से पहले कम से कम 24 घंटे पहले लिखित नोटिस देगा. बिजली-पानी काटने, धमकाने या दबाव बनाने जैसे मामलों में मकान मालिक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी. वहीं किराएदारों के लिए भी पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है ताकि सुरक्षा और पारदर्शिता दोनों बनी रहे.
