UP Cabinet Meeting: कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों पर चर्चा, 19 को मंजूरी ! दिव्यांग,पर्यटन, पेयजल, सड़क और उद्योग पर बड़े फैसले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 20 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से 19 को मंजूरी मिली और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक प्रस्ताव को रोक दिया गया. अयोध्या में मंदिर संग्रहालय, नई पर्यटन नियमावली, पेयजल परियोजनाएं, सड़क चौड़ीकरण, औद्योगिक निवेश, जेल मैनुअल संशोधन और पेंशन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
UP Cabinet Meeting: यूपी में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में सरकार ने विकास और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े 20 प्रस्तावों पर विचार किया. इनमें से 19 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली, जबकि स्वास्थ्य विभाग का एक प्रस्ताव फिलहाल लंबित रखा गया. बैठक में पर्यटन, अवसंरचना, पेयजल, उद्योग, सड़क निर्माण, सामाजिक कल्याण और कानून व्यवस्था से जुड़े कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई.
अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय को मंजूरी

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश अधीनस्थ पर्यटन सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई, जिससे पर्यटन विभाग की संरचना और कार्यप्रणाली और मजबूत होगी. पर्यटन क्षेत्र को राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है.
पर्यटन नियमावली और संगठनात्मक ढांचे में सुधार
प्रत्येक मंडल में DDRC केंद्र की स्थापना का फैसला
सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट ने हर मंडल मुख्यालय पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (DDRC) स्थापित करने का प्रस्ताव पास किया. इससे दिव्यांग जनों को उपकरण, चिकित्सा, परामर्श और पुनर्वास सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी. यह कदम दिव्यांग जनों की सुविधा और आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
खिलाड़ियों को मिलेगा ‘ड्यूटी अवधि’ का लाभ
अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली 2022 में संशोधन को मंजूरी मिली. अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा प्रशिक्षण शिविरों में बिताया गया खिलाड़ियों का समय ‘ड्यूटी’ माना जाएगा. सरकार के इस फैसले से सरकारी नौकरी कर रहे खिलाड़ियों को सेवा लाभ मिलेंगे और खेलों में प्रोत्साहन बढ़ेगा.
कानपुर और बरेली की पेयजल परियोजनाओं पर बड़ी स्वीकृति
अमृत 2.0 योजना के तहत कानपुर में पेयजल पाइप लाइन विस्तार परियोजना के लिए 316.78 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई. यह योजना शहर में पेयजल आपूर्ति को आधुनिक और व्यवस्थित करेगी. साथ ही बरेली की पेयजल पुनर्गठन परियोजना फेज-1 को 265.95 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. दोनों परियोजनाओं के पूरा होने पर लाखों लोगों को स्वच्छ जल की नियमित सुविधा मिलेगी.
घाघरा पुल मरम्मत और चंदौली सड़क चौड़ीकरण को मंजूरी
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर 45+980 किमी स्थित घाघरा पुल के क्षतिग्रस्त हिस्सों को दुरुस्त करने के लिए स्थायी सुरक्षात्मक कार्यों को मंजूरी दी गई. इसके अलावा चंदौली सकलडीहा-सैदपुर मार्ग (राज्य मार्ग-69) के 4 लेन में चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की पुनरीक्षित प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई.
औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण संस्तुतियां पास
अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 और औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के तहत गठित इम्पावर्ड कमेटी की संस्तुतियों को मंजूरी दी गई. इन प्रस्तावों से प्रदेश में औद्योगिक माहौल मजबूत होगा, निवेश बढ़ेगा और रोजगार सृजन में तेजी आएगी.
जेल मैनुअल में संशोधन और कानूनी प्रावधानों पर निर्णय
माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2025 में महत्वपूर्ण संशोधन को हरी झंडी दी गई. यह संशोधन जेल प्रबंधन प्रणाली को अधिक व्यवस्थित और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
पेंशन विधेयक और गन्ना अधिनियम निरस्त करने का फैसला
‘उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण अध्यादेश 2025’ को आगामी विधानमंडल सत्र में अधिनियमित कराने का प्रस्ताव मंजूर हुआ. साथ ही उत्तर प्रदेश उपकर गन्ना अधिनियम 1956 को निरस्त करने का निर्णय भी लिया गया. यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों से जुड़े पुराने प्रावधानों को नए स्वरूप में ढालने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
प्रदूषण शुल्क संशोधन और टाउनशिप परियोजनाओं पर निर्णय
जल और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के तहत शुद्धीकरण संयंत्रों की स्थापना और संचालन हेतु सहमति शुल्क में संशोधन किया गया. इसके अलावा एकीकृत टाउनशिप नीति 2005 और 2014 के तहत स्वीकृत लेकिन निष्क्रिय परियोजनाओं को निरस्त करने तथा सक्रिय परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूर्ण कराने हेतु नई नीति निर्धारित की गई.
कानपुर और प्रयागराज में भूमि आवंटन पर सहमति
कानपुर स्थित जार्जिना मैकराबर्ट मेमोरियल अस्पताल की 45 हजार वर्ग मीटर नजूल भूमि को मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने के लिए कानपुर विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया. प्रयागराज में उप निबंधक व सहायक महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय हेतु भूमि उपलब्ध कराने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई.
कैग रिपोर्ट और स्वास्थ्य विभाग का लंबित प्रस्ताव
कैग की 2025 की रिपोर्ट को विधानमंडल में प्रस्तुत करने से पूर्व राज्यपाल की अनुमति लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. वहीं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक प्रस्ताव को विस्तार से समीक्षा हेतु रोका गया, जिससे बैठक में प्रस्तुत कुल 20 प्रस्तावों में 19 को ही स्वीकृति मिल सकी.
