Kanpur Dehat News: कानपुर में अपनी ही पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठीं राज्यमंत्री ! वारसी की दो टूक रस्सी लाओ यहीं फांसी पर लटकता हूं
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कानपुर देहात के अकबरपुर थाने में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने खुद अपनी पुलिस व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी को हटाने की मांग को लेकर थाने में ही समर्थकों संग धरना दे दिया. तेज बारिश के बावजूद मंत्री शाम से रात 9 बजे तक डटी रहीं. वहीं उनके पति व पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने डिप्टी सीएम से फोन पर तीखा संवाद करते हुए ब्राह्मणों पर अत्याचार का आरोप लगाया और कहा या तो राजनीति छोड़ दें या फांसी लगा लें.

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला द्वारा अपनी ही पुलिस के खिलाफ थाने में धरना देना प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल बनकर उभरा है. थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी को हटाने की मांग पर अड़ी मंत्री रात 9 बजे तक पुलिस के सामने डटी रहीं. मामला शासन तक पहुंच गया और अंततः एसपी के कार्रवाई के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ. इस पूरे घटनाक्रम ने सत्ताधारी दल के भीतर ही उबाल ला दिया है. सपा ने इसे आड़े हाथों लिया है.
बारिश में भी डटी रहीं मंत्री, अधिकारियों ने घंटों मनाया
गुरुवार शाम को जब तेज बारिश हो रही थी, तब भी राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके समर्थक अकबरपुर थाने के बाहर दरी बिछाकर बैठे रहे. वे थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी को हटाने की मांग पर अड़ी रहीं. जैसे ही प्रशासन को सूचना मिली, जिलाधिकारी आलोक सिंह और एसपी अरविंद मिश्र तत्काल थाने पहुंचे.
उन्होंने मंत्री से बातचीत कर धरना समाप्त करने की अपील की लेकिन मंत्री ने स्पष्ट कहा कि जब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होती, वह नहीं उठेंगी. प्रशासनिक अफसरों ने शासन स्तर पर भी बात की, जिसके बाद एसपी ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
राज्यमंत्री ने सौंपा शिकायती पत्र, आरोपों की फेहरिस्त
पूर्व सांसद वारसी का गुस्सा फूटा, डिप्टी सीएम से बोले- रस्सी लाओ, यहीं लटकता हूं
धरने की खबर मिलते ही देर शाम पूर्व सांसद और राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति अनिल शुक्ला वारसी भी थाने पहुंच गए. उन्होंने भी धरने में शामिल होते हुए तीखे तेवर दिखाए. इसी बीच डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का उन्हें फोन आया.
फोन पर बातचीत के दौरान वारसी ने कहा कि अगर ब्राह्मणों को ही अपमानित किया जाएगा, उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखे जाएंगे, तो वे राजनीति छोड़ देंगे या फांसी लगा लेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ब्राह्मण समाज के साथ अन्याय कर रही है. अंत में उन्होंने गुस्से में कहा कि “लाओ रस्सी, मैं यहीं लटकता हूं” और फोन काट दिया.
चौकी प्रभारी की टिप्पणी बनी विवाद की जड़
मंत्री ने साफ तौर पर बताया कि 22 जुलाई की शाम वे बदलापुर में बन रही सड़क का काम रुकवाने पर वहां गई थीं. वहां सभासद शमशाद ने उनके साथ बदसलूकी की. मंत्री ने जब चौकी प्रभारी से शिकायत की, तो उन्होंने पहले से कई शिकायती पत्र मिलने की बात कह दी.
इसके बाद ठेकेदार ने भी एक शिकायती पत्र मंत्री के खिलाफ दे दिया. मंत्री का कहना है कि उनकी मंशा किसी के खिलाफ कार्रवाई कराने की नहीं थी, लेकिन चौकी प्रभारी की टिप्पणी ने स्थिति को बिगाड़ दिया.
प्रमुख सचिव व प्रदेश अध्यक्ष को भी दी गई जानकारी
धरने पर बैठने के बाद जब कई घंटे बीत गए और कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई, तो मंत्री ने सीधे प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष से संपर्क साधा. इसके बाद शासन से लगातार जिले के अधिकारियों से संपर्क किया गया. इस घटना ने भाजपा के भीतर ही हलचल मचा दी है. मंत्री का धरना और उनके पति का विरोध अब पार्टी नेतृत्व के लिए असहज स्थिति बनाता नजर आ रहा है.
अखिलेश यादव ने किया तंज, कहा- भाजपा जाएगी तभी पुलिस व्यवस्था आएगी
घटना के राजनीतिक असर भी सामने आने लगे हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पूरे प्रकरण पर एक्स (ट्विटर) पर तंज कसते हुए लिखा, “सत्ताधारी राज्यमंत्री खुद ही अपनी पुलिस की करतूतों के खिलाफ धरना दे रही हैं. मुख्यमंत्री जी, अब भी कुछ और सबूत चाहिए क्या? भाजपा जाएगी तभी पुलिस व्यवस्था आएगी” इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि यह मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है.