UPPCL News: बिजली कर्मियों ने कॉरपोरेशन के खिलाफ खोला मोर्चा ! आदेश की प्रतियां जलाईं, चेयरमैन की बर्खास्तगी की मांग
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बिजली कर्मचारियों ने पॉवर कॉरपोरेशन (UPPCL) के असंवैधानिक आदेशों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सभी जिलों और परियोजनाओं में विरोध प्रदर्शन करते हुए कर्मियों ने आदेश की प्रतियां जलाईं. संघर्ष समिति ने चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल की बर्खास्तगी और निजीकरण से जुड़े घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की.

UPPCL News Today: फतेहपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने आज पॉवर कॉरपोरेशन के तानाशाही आदेशों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. आदेश की प्रतियां जलाते हुए कर्मचारियों ने चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल को बर्खास्त करने और निदेशक वित्त निधि नारंग के कार्यकाल विस्तार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाई. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि निजीकरण की साजिश के तहत उन पर अनैतिक दबाव बनाया जा रहा है.
प्रदेशभर में बिजली कर्मियों का आक्रोश, फूंकी गईं प्रतियां
यूपी के सभी जनपदों में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पॉवर कॉरपोरेशन के असंवैधानिक आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ.
दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली कर्मचारियों ने विरोध सभा की और बर्खास्तगी के आदेश की प्रतियां जलाईं. संघर्ष समिति ने इसे लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया.
औद्योगिक अशांति फैला रहे हैं चेयरमैन
संघर्ष समिति की ओर से राजेश कुशवाहा ने स्पष्ट कहा कि पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल (IAS Ashish Goyal) ऊर्जा निगमों में जानबूझकर औद्योगिक अशांति का माहौल बनाकर हड़ताल थोपना चाहते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी करते हुए कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश निकाले गए, जो पूरी तरह से तानाशाही और अलोकतांत्रिक हैं. कुशवाहा ने मुख्यमंत्री से डॉ. गोयल की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की.
शांतिपूर्ण आंदोलन से बौखलाए चेयरमैन
पूर्व जिला सचिव दीपनारायण ने कहा कि बिजली कर्मियों का आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है, बावजूद इसके डॉ. आशीष गोयल बौखलाहट में आकर असंवैधानिक निर्णय ले रहे हैं.
उन्होंने कहा कि गर्मी के इस मौसम में कर्मचारी उपभोक्ताओं को किसी तरह की असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने चेताया कि यदि प्रबंधन का रवैया नहीं बदला तो हालात और बिगड़ सकते हैं.
निधि नारंग पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप
संघर्ष समिति के सदस्य ऐश्वर्य मिश्रा ने निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दोबारा तीन माह बढ़ाने पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि निधि नारंग पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए नियुक्त किए गए ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने में लगी हैं. अमेरिका में लगे पेनाल्टी और झूठे शपथपत्र के बावजूद ग्रांट थॉर्टन की सेवाएं रद्द न करना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है.
GM स्तर के अधिकारियों की धमकी, इस्तीफे का दबाव
प्रदीप सिंह ने गंभीर आरोप लगाए कि पॉवर कारपोरेशन के महाप्रबंधक (आई.आर.) प्रदीप कुमार और उत्पादन निगम के महाप्रबंधक (एच.आर.) ए.के. सेठ ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को फोन और व्यक्तिगत बुलावे के माध्यम से इस्तीफा देने और समिति छोड़ने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक और पुलिस कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है.
निजीकरण एक साजिश के तहत लाया जा रहा है
संघर्ष समिति फतेहपुर के संयोजक विनय कटारिया और प्रविधिक संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र ने पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन पर भय का वातावरण बनाकर मुख्यमंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया.
उन्होंने मांग की कि डॉ. गोयल द्वारा दिए जा रहे आंकड़ों की सीबीआई जांच कराई जाए. साथ ही महाप्रबंधकों द्वारा दी जा रही धमकियों की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाए.