UP Fasal Bima Yojana 2025: यूपी में इस तारीख से पहले करा लें फसलों का बीमा ! तभी मिलेगा लाभ, जानिए प्रक्रिया
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों के लिए फसल बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय की है. किसान केवल 2 फीसदी प्रीमियम देकर बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं. पंजीकरण और सहायता के लिए किसान हेल्पलाइन 14447 पर संपर्क कर सकते हैं.

UP Fasal Bima Yojana: यूपी के किसानों के लिए राहत भरी खबर है. खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित कर दी गई है. किसान केवल 2 फीसदी प्रीमियम का भुगतान करके अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं. बीमा के लिए ऑनलाइन सुविधा, हेल्पलाइन और केंद्रों के जरिए मदद उपलब्ध कराई जा रही है.
बीमा योजना से मिलेगा प्राकृतिक आपदाओं का सुरक्षा कवच
उत्तर प्रदेश सरकार की फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल क्षति से सुरक्षा प्रदान करती है. योजना का उद्देश्य कृषि जोखिम को कम करना और किसानों की आय को स्थिर बनाए रखना है. यह योजना प्रदेश के सभी 75 जिलों में लागू है.
बीमा के अंतर्गत धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल जैसी खरीफ की प्रमुख फसलें शामिल की गई हैं. यदि किसान की फसल को ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, सूखा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होता है, तो उसे बीमा राशि के रूप में क्षतिपूर्ति दी जाती है. इस प्रकार यह योजना किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करती है.
पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज और प्रक्रिया
किसान बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या सीधे ऑनलाइन पोर्टल www.pmfby.gov.in के माध्यम से खुद भी पंजीकरण कर सकते हैं. ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण आसान और तेज़ होता है, जिससे किसान घर बैठे योजना का लाभ ले सकते हैं. योजना के तहत किसानों को केवल दो फीसदी प्रीमियम देना होता है, बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करती हैं.
72 घंटे में दें क्षति की सूचना, तभी मिलेगा लाभ
बीमा योजना के तहत फसल क्षति की सूचना समय से देना बेहद जरूरी है. किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में किसान को 72 घंटे के भीतर नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय, फसल बीमा केंद्र या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर सूचना देनी होगी.
यदि निर्धारित समय में सूचना नहीं दी जाती है, तो किसान बीमा राशि के लाभ से वंचित रह सकता है. इसीलिए पंजीकरण के समय सही फसल और भूमि का विवरण दर्ज कराना जरूरी है, ताकि बाद में सर्वे के दौरान कोई समस्या न हो. सूचना देते समय किसान को अपने आधार, किसान आईडी और खेत से संबंधित विवरण अपने पास रखना चाहिए.
हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगी हर तरह की मदद
फसल बीमा से संबंधित कोई भी जानकारी, पंजीकरण में सहायता, दस्तावेजों की जानकारी या क्षतिपूर्ति प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन के लिए किसान हेल्पलाइन नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन नंबर विशेष रूप से किसानों की सुविधा के लिए शुरू किया गया है, ताकि किसी को भी योजना से जुड़ी प्रक्रिया में परेशानी न हो.
हेल्पलाइन पर कॉल करने से पहले सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार, खतौनी और बैंक पासबुक अपने पास रखना लाभदायक होगा. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के सभी किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं.
31 जुलाई से पहले कराएं बीमा, वरना चूक जाएगा मौका
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को खरीफ सीजन के लिए एक सुनहरा मौका दिया है. 31 जुलाई तक फसल बीमा कराने वाले किसान प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली आर्थिक क्षति से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं.
बीमा की अंतिम तिथि बीत जाने पर किसान इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे. सरकार की ओर से लगातार जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़ें और लाभान्वित हो सकें. इसलिए जरूरी है कि सभी किसान समय रहते अधिसूचित फसलों का बीमा कराएं और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनें.