Fatehpur News Today: फतेहपुर नगर पालिका में लगे भ्रष्टाचार के आरोप ! वर्ग विशेष को दिया जा रहा लाभ, बाकियों की दबा दी जाती हैं फाइलें
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में नगर पालिका परिषद पर भेदभाव और तानाशाही के गंभीर आरोप लगे हैं. ठेकेदारों और सभासदों ने आरोप लगाया कि पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी केवल वर्ग विशेष के ठेकेदारों को भुगतान कर रहे हैं, जबकि अन्य ठेकेदार महीनों से फाइलें लिए चक्कर काट रहे हैं.

Fatehpur News Today: यूपी की फतेहपुर नगर पालिका परिषद एक बार फिर विवादों के घेरे में है. सोमवार को नगर पालिका के सभागार में ठेकेदारों और सभासदों ने प्रेसवार्ता कर पालिका प्रशासन पर तानाशाही, पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. ठेकेदार ने कहा कि अध्यक्ष और अधिशाषी अधिकारी एक खास वर्ग के ठेकेदारों को फायदा पहुंचा रहे हैं, जबकि बाकी ठेकेदारों की एमबी फाइलें जानबूझकर रोकी जा रही हैं.
वर्ग विशेष को मिल रहा लाभ, अन्य ठेकेदारों का भुगतान अटका
एसआर इंटरप्राइजेज के ठेकेदार अंकित मिश्रा और सभासद विनय तिवारी ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष केवल एक विशेष समुदाय के ठेकेदारों के भुगतान करवा रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई महीनों से बाकी ठेकेदार भुगतान के लिए फाइलों के पीछे दौड़ रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. उन्होंने दावा किया कि पालिका प्रशासन ने हिंदू समुदाय के ठेकेदारों के साथ भेदभाव किया है और यह सिलसिला लगातार जारी है.
सफाई विभाग और पीडब्ल्यूडी कर्मचारी के इशारे पर सिस्टम
सभासद और भाजपा नेता विनय तिवारी ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पालिका के सफाई विभाग और पीडब्ल्यूडी की सभी गतिविधियां एक ही कर्मचारी के इशारे पर चलाई जा रही हैं.
उन्होंने बताया कि यह कर्मचारी शुरुआत में चपरासी के पद पर नियुक्त हुआ था लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए उसे विभागीय प्रमोशन देकर बाबू की कुर्सी पर बैठा दिया गया है. इससे विभाग में अराजकता और पक्षपात का माहौल बन गया है.
एमबी न करने पर ठेकेदार ने काटा हंगामा, मां के साथ पहुंचा
सोमवार को एक और बड़ा विवाद तब सामने आया जब ठेकेदार अंकित मिश्रा ने एमबी फाइल का भुगदान न किए जाने को लेकर नगर पालिका परिसर में हंगामा कर दिया. अंकित ने बताया कि उसने दो महीने पहले काम पूरा कर लिया था और बिल भी जमा कर दिया, लेकिन अब तक एमबी नहीं की गई.
आरोप है कि बाद में काम करने वाले ठेकेदारों की फाइलें पहले स्वीकृत कर दी गईं. अंकित अपनी मां राजेश्वरी देवी के साथ ईओ के पास पहुंचे और जवाब मांगा, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिससे मामला और गर्मा गया.
सभासदों ने भी लगाए पक्षपात और तानाशाही के आरोप
ठेकेदारों के समर्थन में आए नगर पालिका के कई सभासदों ने भी प्रेसवार्ता में खुले मंच से पालिका अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगाया.
सभासदों का कहना था कि अध्यक्ष सिर्फ अपने चहेतों और एक खास वर्ग से जुड़े ठेकेदारों को भुगतान कर रहे हैं. बाकियों की फाइलें जानबूझकर रोक दी गई हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द इस भेदभावपूर्ण रवैये को खत्म नहीं किया गया, तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
बिना कार्रवाई आंदोलन की चेतावनी, सभासदों ने दिखाई एकजुटता
इस पूरे घटनाक्रम में कई सभासदों की मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि नगर पालिका में प्रशासन के खिलाफ असंतोष गहराता जा रहा है. प्रेसवार्ता में सभासद विनय तिवारी, संजय श्रीवास्तव, अतीश पासवान, रितिक पाल, गुड्डू यादव, सैंकी नागर, अंशू सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
सभी ने एक सुर में प्रशासन पर तानाशाही रवैया अपनाने और ठेकेदारों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने मांग की कि सभी ठेकेदारों को समान रूप से भुगतान किया जाए और नियमों की अनदेखी कर विभागीय पदों पर बैठे कर्मचारियों पर कार्रवाई हो.