Fatehpur News: हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची मजिस्ट्रेट दुल्हन ! गांव में उमड़ी मेले जैसी भीड़
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के बनरसी गांव में उस समय हलचल मच गई जब मजिस्ट्रेट दुल्हन तारा शुक्ला अपने पति विकास पांडेय के साथ हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंचीं. आसमान में मंडराता हेलीकॉप्टर देखते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. फूल बरसाए गए और वीडियो वायरल होते ही शादी पूरे जिले में चर्चा बन गई.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में शनिवार की दोपहर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला. जालौन में नायब तहसीलदार तारा शुक्ला, शादी के बाद विदाई कराकर पहली बार ससुराल पहुंचीं तो उनकी एंट्री किसी वीआईपी समारोह से कम नहीं थी. कानपुर से उड़ा हेलीकॉप्टर जैसे ही बनरसी गांव में उतरा, मैदान में जुटी भीड़ का उत्साह चरम पर पहुंच गया. गांव ने इस दिन को एक यादगार उत्सव की तरह मनाया.
गांव में हलचल, आसमान में दिखा अनोखा नजारा

कानपुर से भरी उड़ान, जिसने बदल दी शादी की पहचान
तारा शुक्ला और विकास पांडेय की शादी कानपुर के एक गेस्ट हाउस में हुई थी. परिवार ने विदाई के लिए साधारण वाहनों के बजाय हेलीकॉप्टर का इंतजाम कर सभी को चौंका दिया. जैसे ही हेलीकॉप्टर उड़ान भरता नजर आया, वहां मौजूद हर चेहरे पर हैरानी और खुशी थी. पहले से ली गई अनुमति के कारण यह उड़ान सीधे बनरसी गांव के मैदान में उतरी. इस अनोखी विदाई ने शादी की चर्चा को पूरे क्षेत्र में फैला दिया.
अफसर बहू की एंट्री से गर्वित हुआ बनरसी गांव
व्यवसायी परिवार का सपना और अनोखी परंपरा का आयोजन
रिटायर्ड कोआपरेटिव बैंक बाबू ओम प्रकाश पांडेय के पुत्र विकास पांडेय बड़े व्यवसायी हैं. परिवार चाहता था कि डेहरीपूजन परंपरा को कुछ अलग और यादगार तरीके से निभाया जाए. इसी सोच से हेलीकॉप्टर से दूल्हा-दुल्हन को गांव लाने की योजना बनाई गई. दक्षिणी गौतम नगर में रहने वाला यह परिवार मूल रूप से बनरसी गांव का निवासी है और इस आयोजन ने उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को और बढ़ा दिया.
सड़कों पर स्वागत का सिलसिला, भीड़ ने बनाया ऐतिहासिक दिन
हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद तारा और विकास को फूलों से सजी कार में गांव के घर ले जाया गया. इसके बाद पूरा काफिला शहर के गौतम नगर स्थित निवास तक पहुंचा. रास्ते भर लोगों ने दोनों का स्वागत किया और वीडियो बनाए. प्रधान प्रतिनिधि विपिन तिवारी, विनय तिवारी, संजय पांडेय समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण और रिश्तेदार मौजूद रहे. गांव ने इस दिन को अपनी यादों में ‘ऐतिहासिक शनिवार’ के रूप में दर्ज कर लिया.
