Fatehpur News: फतेहपुर नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोप ! अध्यक्ष नहीं गैंगस्टर के इशारे पर हो रहा काम, सभासदों की हुंकार
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर नगर पालिका परिषद में पटल परिवर्तन के बहाने भ्रष्टाचार का बड़ा खेल सामने आया है. सभासद विनय तिवारी समेत कई सभासदों ने प्रेस वार्ता कर अध्यक्ष राजकुमार मौर्य पर पारदर्शिता खत्म करने और गैंगस्टर हाजी रजा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है.
Fatehpur Nagar Palika: यूपी की फतेहपुर की नगर पालिका परिषद एक बार फिर घोटालों की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. शुक्रवार को सभासदों ने खुलकर कहा कि पालिका में कोई काम पारदर्शिता से नहीं हो रहा. अध्यक्ष राजकुमार मौर्य (Rajkumar Maurya) सिर्फ नाम के लिए पद पर हैं, जबकि संचालन का असली रिमोट गैंगस्टर छवि वाले पूर्व अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रजा (Haji Raza) के हाथ में है.

पटल परिवर्तन में कर्मचारियों के मामले बने सवालों के घेरे में
सभासदों ने कर्मचारियों की नियुक्ति में हुई गड़बड़ियों का ब्यौरा देते हुए बताया कि पूरी प्रक्रिया सिर्फ खानापूर्ति के लिए की गई.
- मो. सलीम अनवर 10 वर्षों से लेखा विभाग में बिना पद के कार्यरत रहे और अब उन्हें कैशियर लिपिक बना दिया गया, जबकि अधिष्ठान से उनका ट्रांसफर नहीं हुआ.
- मो. आकिब को लेखा लिपिक से प्रकाश लिपिक बना दिया गया, लेकिन निर्माण लिपिक के रूप में उनकी तैनाती जस की तस है.
- मो. नदीम को बार-बार बदला गया, हाल ही में जन्म-मृत्यु अनुभाग से हटाकर कर अनुभाग सर्किल 06 में भेजा गया.
- राजू लिपिक की नियुक्ति कर अनुभाग व रिकॉर्ड कीपर के तौर पर थी, लेकिन वे भवन नक्शों में ग्राम समाज लिपिक की रिपोर्टिंग कर रहे हैं.
- सैफ्फुल इस्लाम 15 वर्षों से जलकल लिपिक थे, उन्हें अब एक ऐसे 'जलमूल लिपिक' पद पर भेजा गया है जो बना ही नहीं है.
- कैसर हुसैन, जो लाइब्रेरियन हैं, उन्हें ऐसे पद पर बनाए रखा गया है, जबकि पालिका में लाइब्रेरी ही नहीं है.
विनय तिवारी का आरोप अध्यक्ष नहीं, हाजी रजा चला रहे हैं नगर पालिका
सभासद विनय तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि अध्यक्ष राजकुमार मौर्य की भूमिका सिर्फ औपचारिक है. असल में नगर पालिका गैंगस्टर और पूर्व अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रजा के इशारे पर चल रही है. सभासदों ने सवाल किया कि आखिर एक व्यक्ति जिसकी कानूनी छवि संदिग्ध रही है, उसे पालिका निर्णयों में इतनी भूमिका क्यों मिल रही है?
शासन की मंशा के खिलाफ पारदर्शिता विहीन आदेश
सभासदों ने कहा कि सरकार की मंशा है कि नगर निकायों में भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी कार्यप्रणाली अपनाई जाए, लेकिन पालिका में इसका उल्टा हो रहा है. कर्मचारियों का सिर्फ नाम बदलकर विभागों में अदला-बदली की गई, लेकिन काम करने की प्रक्रिया और विभाग वही रखे गए हैं. इससे यह साफ होता है कि यह सूची केवल दिखावे के लिए जारी की गई है.
तीन दिन में नई सूची नहीं आई तो होगा धरना प्रदर्शन
सभासदों ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिवस के अंदर इस सूची को रद्द कर नई पारदर्शी सूची जारी नहीं की गई तो वे नगर पालिका परिसर में धरना देने को मजबूर होंगे. उन्होंने अधिशाषी अधिकारी को इस सूची पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश देने की मांग की है. हालांकि अध्यक्ष राजकुमार मौर्य की ओर से इस संबंध में कोई बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है. उनका बयान आने पर ख़बर में जोड़ दिया जाएगा.
