
Fatehpur News: फतेहपुर में श्री अन्न रेसीपी प्रतियोगिता और तिलहन मेला सम्पन्न, चौहान स्वीट्स को मिला पहला स्थान
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में मंगलवार को सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रेक्षागृह में जनपद स्तरीय श्री अन्न (मिलेट्स) रेसीपी प्रतियोगिता, तिलहन मेला, फसल अवशेष गोष्ठी और रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 का आयोजन हुआ. चौहान स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट ने प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया, जबकि किसानों को पराली न जलाने की अपील की गई.
Fatehpur News: फतेहपुर जिले में मंगलवार को कृषि विभाग की ओर से एक बहुआयामी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मिलेट्स रेसीपी प्रतियोगिता, तिलहन मेला, फसल अवशेष गोष्ठी और रबी उत्पादकता गोष्ठी शामिल रही. मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस मौके पर जिले भर के कृषक, कृषि वैज्ञानिक और होटल संचालकों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की.
मिलेट्स रेसीपी प्रतियोगिता में चौहान स्वीट्स रहा अव्वल

कृषकों से पराली न जलाने और पर्यावरण बचाने की अपील
मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना ने अपने संबोधन में किसानों से पराली न जलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि उपयोग रहित पराली को गौशालाओं को दान करने से न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि किसानों को बदले में गोबर की खाद भी प्राप्त होगी. उन्होंने किसानों को फसलों में अंतरफसल अपनाने, श्री अन्न का अधिक उत्पादन करने और विविध खेती से आय दोगुनी करने के सुझाव दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री कराना सभी किसानों के लिए आवश्यक है, अन्यथा उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा.
कृषि विभाग ने दी रबी सीजन की उपयोगी जानकारियां
कार्यक्रम का संचालन उप कृषि निदेशक सत्येन्द्र सिंह ने किया. उन्होंने रबी सीजन की नई तिलहनी और दलहनी प्रजातियों के बारे में बताया. कृषकों को समझाया गया कि फसल अवशेष जलाने से मृदा की उर्वरता घटती है. उन्होंने पीएम कुसुम योजना, कृषि यंत्रीकरण योजना और फसल बीमा योजना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मिलेट्स फसलें कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली हैं, इसलिए इन्हें अपनाना समय की जरूरत है.
विशेषज्ञों ने साझा किए आधुनिक खेती के तकनीकी सूत्र
उद्यान निरीक्षक सुनील कुमार ने किसानों को बताया कि मिनी स्प्रिंकलर और माइक्रो स्प्रिंकलर से सिंचाई करने पर पानी और श्रम दोनों की बचत होती है. डॉ. साधना वैश्य, प्रभारी अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक ने मिलेट्स के पोषण गुणों की जानकारी दी और कहा कि बाजरा, रागी और सांवा जैसे अन्न न केवल पौष्टिक हैं बल्कि मधुमेह और हृदय रोगों से भी बचाव करते हैं. उन्होंने किसानों से श्री अन्न के उत्पाद जैसे बाजरे की रोटी, सांवा की खीर और रागी के लड्डू अपने आहार में शामिल करने की अपील की.
कृषक संवाद में साझा हुए अनुभव और नई तकनीकें
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने किसानों को जैविक खाद, जल संचयन और मृदा परीक्षण की महत्ता समझाई. उन्होंने कहा कि फसलों में संतुलित उर्वरक, बीज और कीटनाशक का प्रयोग आवश्यक है. कृषक संवाद में प्रगतिशील किसान शैलेन्द्र पटेल (औंग) और बजरंग सिंह (कोरसग) ने प्याज, तिलहन और दलहनी फसलों की उन्नत तकनीक साझा की. उन्होंने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के प्रयोग से उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी.
कृषि नवाचार और मिलेट्स क्रांति की दिशा में सफल आयोजन
इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, उद्यान निरीक्षक, इफ्को प्रतिनिधि अरविंद कुमार और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. बड़ी संख्या में किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया और कृषि विभाग के अधिकारियों से सीधे संवाद किया. यह आयोजन किसानों के बीच श्री अन्न क्रांति और टिकाऊ खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.
