
Fatehpur News: फतेहपुर में झोलाछाप के इंजेक्शन से महिला की मौत ! सपा नेता के अस्पताल पर फिर उठे सवाल
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में झोलाछाप के सहारे चल रहे प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही एक बार फिर जानलेवा साबित हुई. बिंदकी बस स्टॉप स्थित एक निजी अस्पताल में इंजेक्शन लगाते ही महिला की मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और गलत इलाज का गंभीर आरोप लगाया है.
Fatehpur News: फतेहपुर जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी और झोलाछाप की करतूत से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ताज़ा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के बिंदकी बस स्टॉप स्थित एक निजी अस्पताल का है, जहां इलाज के नाम पर एक महिला की जिंदगी छीन ली गई. इंजेक्शन लगते ही महिला का शरीर नीला पड़ गया और कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया.
रिश्तेदारी से लौटते वक्त दर्द उठा, प्राइवेट अस्पताल में भर्ती

इंजेक्शन लगाते ही नीला पड़ गया शरीर, रैफर कर झाड़ा पल्ला
अस्पताल पहुंचते ही वहां मौजूद कथित डॉक्टर ने अपसरी को एक इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगते ही महिला का शरीर स्याह पड़ने लगा और वह बेहोश हो गई. जब परिजनों ने डॉक्टर से इंजेक्शन के बारे में सवाल किया तो वह जवाब नहीं दे पाया. आनन-फानन में उसने मरीज को रैफर कर दिया और खुद गायब हो गया. परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
अस्पताल पर पहले भी लग चुके हैं दाग

जुगाड़ से एनओसी हासिल कर फिर शुरू हुआ संचालन
जानकारी के मुताबिक, कुछ माह पहले एसीएमओ की टीम ने बिना एनओसी के संचालन करने पर अस्पताल को सील किया था. लेकिन कुछ महीने बाद सपा नेता ने जुगाड़ के बल पर एनओसी हासिल कर ली और अस्पताल फिर से शुरू कर दिया. इसके बाद भी अस्पताल में झोलाछाप के सहारे इलाज का सिलसिला जारी रहा. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक ढिलाई और राजनीतिक संरक्षण के चलते ऐसे अस्पताल खुलेआम चल रहे हैं.
जांच के आदेश, कार्रवाई की तैयारी
मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. एसीएमओ डॉ. इस्तियाक ने मीडिया को बताया कि घटना की सूचना प्राप्त हुई है, हालांकि परिजनों की ओर से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है. जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
