Fatehpur News: फतेहपुर में यूपी बोर्ड का कठिन पेपर ! नकलची विद्यालयों पर प्रशासन की संजय दृष्टि
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में यूपी बोर्ड (UP Board) के कठिन पेपर को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया है. पिछले दिनों जिले में फर्जी कक्ष निरीक्षकों के पकड़े जाने के बाद जिले का उड़न दस्ता नकल माफियाओं पर नकेल कसने को तैयार है.
फतेहपुर में आज है यूपी बोर्ड का गणित का पेपर, सतर्क है प्रशासन
फतेहपुर (Fatehpur) में यूपी बोर्ड हाईस्कूल का गणित का पेपर है. जिसको लेकर जिले का उड़न दस्ता पूरी तरह से मुस्तैद है. नकल विहीन परीक्षा कराने के शासन की मनसा के अनुरूप नकल माफियाओं पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग हो गया है. यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन जिले में पकड़े गए फर्जी कक्ष निरीक्षकों के बाद सख्ती और बड़ा दी गई है.
आपको बतादें कि सरस्वती बाल मंदिर इंटर कॉलेज रघुवंशपुरम के पकड़े गए फर्जी कक्ष निरीक्षकों के ऊपर किए गए मुकदमें के बाद ऐसे विद्यालय संचालकों के अंदर दहशत भरी हुई है लेकिन उसके बावजूद सांठ गांठ के माफिर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं.
मजिस्ट्रेट के पहरे में होगी हाईस्कूल की गठित परीक्षा
फतेहपुर में मंगलवार को प्रथम पाली में हाईस्कूल का गणित का पेपर है वहीं दूसरी पाली में इंटरमीडिएट का गृह विज्ञान का पेपर है. एडीएम अविनाश त्रिपाठी बताते हैं कि कठिन विषयों के पेपर में नकल पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए विद्यालयों में मजिस्ट्रेट की नियुक्ति होगी और उड़न दस्ता भी विद्यालयों में लगातार नज़र दौड़ता रहेगा.
उन्होंने कहा कि अगर परीक्षा के दौरान विद्यालय में किसी भी प्रकार की अनियमितता अगर पकड़ में आती है तो शिक्षकों से लेकर सभी पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. एडीएम ने कहा कि जनपद में किसी भी विद्यालय में नकल ना होने के लिए पूरा प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
कैसे होती है जिले में नकल की सांठ गांठ
फतेहपुर जिले में प्रशासन की सख्ती के बाउजूद तिकड़मी विद्यालय नकल के अपने मनसूबे में कामयाब हो जाते हैं. जिस विद्यालय में सेंटर जाता है वहां अपने ही विद्यालय के शिक्षकों को दूसरे का विद्यालय का बताकर फर्जी आईडी कार्ड बनवाया जाता है फिर अपने छात्रों को धड़ल्ले से नकल करवाई जाती है.
यह खेल ऐसे ही नहीं होता है आईडी बनाने के लिए मोटी रकम में सौदा होता है और पकड़े जाने पर उसी सिस्टम को जांच दे दी जाती है. सीटिंग प्लान से लेकर कॉपियों में पैसे भी लगाए जाते हैं. पिछले दिनों पकड़े गए फर्जी कक्ष निरीक्षकों के लिए डीआईओएस को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. उसके बाद भी नकल का कारोबार जारी है. सूत्रों की माने तो कुछ विद्यालयों में अलग से कॉपियां भी लिखीं जा रही हैं ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऐसे छात्रों का आखिर भविष्य क्या होगा.