
Fatehpur News: फतेहपुर में यूपी बोर्ड की मेरिट लिस्ट के लिए अंतर्द्वंद ! सीटिंग प्लान से लेकर कॉपियों में पैसे रखने का बड़ा खेल
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बोर्ड की परीक्षा में पकड़े गए फर्जी कक्ष निरीक्षकों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मेरिट लिस्ट में अपने विद्यालयों को लाने ले लिए विद्यालय संचालक प्रत्येक जतन कर रहे हैं. कहीं शिक्षकों के विषय बदलकर ड्यूटी लगाई जा रही है तो कहीं सीटिंग प्लान में बड़ा खेल हो रहा है. जिला प्रशासन इसको लेकर काफी सतर्क दिखाई दे रहा है.
फतेहपुर में पकड़े गए फर्जी कक्ष निरीक्षकों के बाद प्रशासन हुआ सख्त
यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) में बोर्ड परीक्षा के पहले ही दिन गुरुवार को प्रशासन ने जीआईसी और सरस्वती बाल मंदिर इंटर कॉलेज रघुवंशपुरम से 6 फर्जी कक्ष निरीक्षकों को पकड़ा उनपर मुकदमा दर्ज करवाया दिया. पकड़े गए सभी शिक्षक सरस्वती बाल मंदिर इंटर कॉलेज रघुवंशपुरम के बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा कि इस विद्यालय का सेंटर जीआईसी में गया है जिसको लेकर सांठ गांठ करते हुए विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई गई थी. प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बाद दूसरी पाली (इंटरमीडिएट) की परीक्षा में 12 केन्द्रों के 25 कक्ष निरीक्षक भाग खड़े हुए. जिनमें से 24 अंशकालिक और एक सहायक अध्यापक शामिल हैं इनमें से अधिकतर अध्यापक सरस्वती बाल मंदिर इंटर कॉलेज के थे तो वहीं बाबू राधेश्याम इंटर कॉलेज के तीन और महत्मा गांधी इंटर कॉलेज चौडगरा के दो-दो शिक्षक शामिल हैं.
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जानकारों की माने तो अधिकतर विद्यालय डीआईओएस ऑफिस से सांठ गांठ करते हुए अपने विद्यालयों के विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी लगवाते हैं क्यों कि परिचय पत्र में इतना बड़ा खेल ऐसे ही नहीं होता है. इसमें पकड़े गए विद्यालयों की बात नहीं हैं इनके जैसे कुछ विद्यालय भी ऐसी ही योजनाओं में शामिल हैं
बोर्ड परीक्षाओं की सीटिंग प्लान से लेकर कॉपियों में पैसे लगाने की भी होती है सेटिंग
बोर्ड परीक्षा में अपने विद्यालय का नाम मेरिट लिस्ट में लाने के लिए संचालक बड़े-बड़े जतन कर रहे हैं. सीटिंग प्लान में हेर फेर करते हुए अपने विद्यालयों के विद्यार्थियों को अलग बैठाकर नकल कराई जाती है.

एक विद्यालय से परीक्षा देकर लौटी एक छात्रा ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि उस विद्यालय के शिक्षक अपने विद्यार्थियों की कॉपी और हस्ताक्षर करते समय ऑब्जेक्टिव प्रश्न हल करवाते हैं साथ ही दरवाजे के पास खड़े होकर भी प्रश्न हल करवाते हैं. छात्रा आगे बताती है कि कॉपियों में विद्यालय के शिक्षक छात्रों से पैसे भी लगवाते हैं और जब मैंने भी पैसे लगाए तो उन्होंने उसे हटा दिया. सूत्रों की माने तो जिस विद्यालय का सेंटर किसी दूसरी जगह जाता है और उस विद्यालय ने पैसे की सेटिंग से इंकार किया तो उनको अलग बैठाया जाता है.
डीआईओएस ऑफिस से मैनेज होता है सारा कारनामा
फतेहपुर के शिक्षा माफिया डीआईओएस ऑफिस से सारा कारनामा मैनेज करते हैं. बोर्ड परीक्षा के पहले दिन पकड़े गए फर्जी निरीक्षक के बाद जिला प्रशासन से डीआईओएस को कारण बताओं नोटिस भी भेजा है. सेंटर बनाने से लेकर विषय विशेषज्ञों की ड्यूटी कहां और कैसे लगेगी इसके लिए मोटी रकम भी तय होती हैं.
एडीएम ने कहा हो रही है जांच पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई
फतेहपुर के एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए कहा कि नकल विहीन परीक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह से सख्त है. डीएम फतेहपुर के द्वारा लगातार इसके लिए मीटिंग की जा रही है.
उन्होंने कहा कि विद्यालय में किसी भी प्रकार की अनियमितता अगर पकड़ में आती है तो शिक्षकों से लेकर सभी पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अविनाश त्रिपाठी बताते हैं कि सारे मजिस्ट्रेट लगातार भ्रमणशील रहेंगे साथ ही कठिन विषयों की परीक्षा के दिन मजिस्ट्रेट लगातार केंद्रों में बने रहेंगे अगर उस दौरान कुछ भी गलत होता है तो सख्त कार्रवाई होगी.
