
UP News: क्या टल सकते हैं उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव? वज़ह कुछ ये बताई जा रही है, प्रशासनिक स्तर पर तेज हुई अटकलें
उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अब टल सकते हैं. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के चलते पंचायत चुनाव की तैयारियां ठप पड़ गई हैं. अधिकारियों का मानना है कि दोनों प्रक्रियाओं को एक साथ चलाना संभव नहीं है.
UP Panchayat Chunav 2026: यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव टलने की संभावना पर अब प्रशासनिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. वजह है एसआईआर (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, जिसे प्राथमिकता पर चलाया जा रहा है. इस अभियान के चलते पंचायत चुनाव की तैयारियां रोक दी गई हैं. पिछली बार वर्ष 2021 में हुए थे पंचायत चुनाव, और अब यदि ये छह माह आगे भी बढ़ जाते हैं तो कानूनी या प्रशासनिक दिक्कत नहीं आने वाली है.
SIR अभियान ने रोकी पंचायत चुनाव की तैयारी

ग्राम स्तर पर रुका पुनरीक्षण कार्य
कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायत स्तर पर त्रिस्तरीय चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य शुरू हुआ था. लखनऊ में ही करीब 95 हजार नए नाम ‘ई बीएलओ’ ऐप के माध्यम से जोड़े या संशोधित किए गए हैं. इस प्रक्रिया के लिए कुल 678 बीएलओ नियुक्त किए गए थे. लेकिन एसआईआर अभियान शुरू होने के बाद पंचायत चुनाव का यह काम फिलहाल रोक दिया गया है. अधिकारियों के अनुसार, एसआईआर पूरा होने के बाद ही पंचायत चुनाव की सूची पर पुनः कार्य शुरू किया जाएगा.
40 लाख मतदाताओं के बीच बड़ा अभियान

पिछले चुनाव 2021 में हुए थे
यूपी में पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव वर्ष 2021 में संपन्न हुए थे. मौजूदा पंचायतों का कार्यकाल अगले वर्ष तक है. ऐसे में अगर चुनाव छह महीने आगे बढ़ा भी दिए जाएं तो कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी. सूत्रों के मुताबिक आयोग इस विकल्प पर भी विचार कर सकता है. फिलहाल, एसआईआर अभियान पूरा होने तक पंचायत चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियां ठप हैं.
ग्राम पंचायतों में प्रत्याशी फिर भी सक्रिय
हालांकि पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारी भले ही रुकी हो, लेकिन ग्राम पंचायतों में प्रत्याशियों की हलचल बढ़ गई है. कई गांवों में संभावित उम्मीदवार पहले से ही जनता के बीच सक्रिय हो गए हैं. पंचायतों में जनसंपर्क और सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए उन्होंने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. प्रत्याशी गांव-गांव जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, जबकि प्रशासन फिलहाल मतदाता सूची के पुनरीक्षण में व्यस्त है.
