Who Is IPS Anoop Kumar Singh: फतेहपुर के नए SP की प्रेरक कहानी, जिन्होंने सिपाही पिता को पहनाए थे प्रमोशन के स्टार
UP IPS Transfer 2025
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) के नए एसपी बने अनूप कुमार सिंह की कहानी संघर्ष, मेहनत और मूल्यों की मिसाल है. एक सिपाही के बेटे से आईपीएस बनने तक का सफर प्रेरणादायक है. पिता को प्रमोशन पर स्टार पहनाने वाला यह अधिकारी अब फतेहपुर की कमान संभालेगा.

IPS Anoop Kumar Singh Biography: उत्तर प्रदेश में सोमवार देर रात 14 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया गया. आईपीएस अनूप कुमार सिंह, जो अब तक लखनऊ 35वीं वाहिनी पीएसी (PAC) के सेनानायक थे उनको फतेहपुर (Fatehpur) का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है.
वहीं, मौजूदा एसपी धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) को गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में उपायुक्त (DCP) नियुक्त किया गया है. जानिए 34 वर्षीय अनूप सिंह की पूरी कहानी
बस्ती से फतेहपुर तक का सफर: ज़मीन से जुड़ा अफसर
आईपीएस अनूप कुमार सिंह (IPS Anup Kumar Singh) उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) जिले के निवासी हैं. उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ. उनके पिता जनार्दन सिंह (Janardan Singh) यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर थे.
जहां पिता की पोस्टिंग होती अनूप वहीं रहकर पढ़ाई करते. सीमित संसाधनों में पले-बढ़े अनूप ने अपनी पढ़ाई-लिखाई हिंदी माध्यम से की और कक्षा 12वीं तक की शिक्षा बाराबंकी से प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) से ग्रेजुएशन और दिल्ली के जेएनयू (JNU) से पोस्ट ग्रेजुएशन किया.
इसी दौरान उन्होंने JRF परीक्षा पास की और स्कॉलरशिप मिलने लगी. लेकिन उनका सपना इससे भी बड़ा था—देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी (UPSC) पास करने का. उन्होंने कठिन मेहनत और आत्मविश्वास से 2014 में यूपीएससी में 119वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बने.
बेटे की तरफ से पिता को मिला सम्मान: तस्वीर हुई थी वायरल
अनूप कुमार सिंह की कहानी तब देशभर में चर्चा में आई जब उन्होंने अपने पिता जनार्दन सिंह, जो उस समय हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे, को खुद अपने हाथों से प्रमोशन के स्टार पहनाए. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.

आमतौर पर प्रमोशन के समय यह कार्य विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी करता है, लेकिन जनार्दन सिंह ने अपने अफसर बेटे से यह सम्मान पाना चाहा. अनूप ने गर्व से यह कर्तव्य निभाया और पिता को सैल्यूट किया.
जब सिपाही पिता के मातहत बना बेटा अफसर
2018 में, अनूप सिंह की पोस्टिंग लखनऊ के एएसपी (नॉर्थ) के रूप में हुई. संयोग ऐसा बना कि उनके पिता विभूतिखंड थाने में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात थे—यानी अब बेटा उस क्षेत्र का एसपी था, जहां पिता सिपाही थे.
रोजाना घर पर पिता को प्रणाम कर निकलने वाला बेटा, ड्यूटी पर पिता से सैल्यूट लेता था. जनार्दन सिंह ने कहा था—“मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मुझे अपने बेटे के अधीन काम करने का अवसर मिल रहा है.”
फील्ड और प्रशासनिक अनुभव से मजबूत अफसर
आईपीएस अनूप सिंह ने अब तक कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाई हैं. वे उन्नाव और लखनऊ में एडिशनल एसपी, श्रावस्ती के एसपी, कानपुर में डीसीपी ईस्ट, अमेठी एसपी और हाल ही में लखनऊ में 35वीं वाहिनी PAC के सेनानायक पद पर कार्यरत थे. उनके पास न केवल फील्ड का अनुभव है, बल्कि टेक्निकल सर्विस से लेकर पुलिस मुख्यालय तक का प्रशासनिक अनुभव भी है.
पढ़ाई, परिवार और संघर्ष: हर मोड़ पर मिली सीख
अनूप सिंह के परिवार में पिता जनार्दन सिंह, मां, एक भाई, एक बहन और उनकी पत्नी हैं. उन्होंने हमेशा पारिवारिक जिम्मेदारियों को समझते हुए पढ़ाई और सेवा को प्राथमिकता दी. हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने के कारण उन्हें यूपीएससी की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के बावजूद उन्होंने आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी मंजिल पाई.
अतीत का एक विवाद जिसने सुर्खियां बटोरीं
अनूप कुमार सिंह (IPS Anup Kumar Singh) का एक विवाद भी चर्चा में रहा. कानपुर (Kanpur) कमिश्नरेट के डीसीपी ईस्ट पद पर रहते हुए उनके खिलाफ अधीनस्थों से अभद्रता के आरोप लगे थे.
पुलिस कमिश्नर द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें डीजीपी ऑफिस से अटैच कर दिया गया था. हालांकि इन घटनाओं के बावजूद, उनकी मेहनत, संघर्ष और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ी कहानी आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित करती है.