
Rahul Gandhi In Fatehpur: फतेहपुर में क्या राहुल गांधी के खिलाफ जबरन बनवाया गया वीडियो? बहन और मां फूट-फूट रोईं

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की हत्या के बाद राजनीति उफान पर है. राहुल गांधी के पहुंचने से पहले परिवार का एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने मिलने से इनकार किया था. राहुल ने आरोप लगाया कि यह वीडियो सरकार के दबाव में बनवाया गया. मुलाकात के दौरान मां और बहन फूट-फूटकर रो पड़ीं.
Rahul Gandhi In Fatehpur: यूपी के फतेहपुर में हरिओम वाल्मीकि हत्या मामला अब राजनीतिक बवंडर बन चुका है. शुक्रवार को राहुल गांधी जब परिवार से मिलने पहुंचे तो उससे पहले ही इलाके में ‘वापस जाओ’ के पोस्टर चिपका दिए गए थे और परिवार का एक वीडियो वायरल हो चुका था. राहुल ने दावा किया कि यह वीडियो सरकार के दबाव में जबरन बनवाया गया है.
राहुल गांधी पहुंचे, परिवार से 25 मिनट की मुलाकात

“वीडियो दबाव में बनवाया गया”, राहुल गांधी का गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने फतेहपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि “आज सुबह सरकार ने परिवार को मुझसे न मिलने की धमकी दी. जबरन वीडियो बनवाया गया जिसमें उनसे कहलवाया गया कि वे मुझसे नहीं मिलना चाहते.” राहुल ने कहा कि असलियत में परिवार न्याय चाहता है लेकिन उन्हें डराया जा रहा है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया और कहा कि “यह अपराध सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि दलित समाज के सम्मान के खिलाफ है.”
बहन और मां की सिसकियां, बोलीं “हम अब डर के साये में जी रहे हैं”

पोस्टरों से भरा शहर, 'वापस जाओ' की राजनीति ने बढ़ाया तनाव
राहुल गांधी के आने से पहले ही फतेहपुर में ‘दर्द को मत भुनाओ, वापस जाओ’ जैसे पर्चे दीवारों पर लगाए गए थे. इससे माहौल और गरम हो गया. स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी थी. राहुल के आने से एक घंटा पहले हरिओम के भाई शिवम वाल्मीकि ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि वे किसी भी राजनीतिक नेता से नहीं मिलना चाहते. लेकिन राहुल ने इस वीडियो को सरकारी दबाव का परिणाम बताया और कहा कि “सत्ता डर पैदा कर रही है ताकि सच बाहर न आए.”

सरकार ने दी नौकरी और मुआवजा, लेकिन विवाद थमा नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हरिओम वाल्मीकि के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दी गई है. बहन कुसुम देवी को अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियाव सिंह मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग के तहत स्टाफ नर्स की नौकरी दी गई, जबकि छोटे भाई शिवम को भी आउटसोर्स में नियुक्त किया गया है.

इसके बावजूद विपक्ष का कहना है कि सरकार ने परिवार को राहत के नाम पर ‘खामोश’ करने की कोशिश की है. वहीं, बीजेपी का दावा है कि विपक्ष इस दर्दनाक घटना पर राजनीति कर रहा है.
भीड़ ने चोर समझकर पीटा था हरिओम को, अब न्याय की लड़ाई में राजनीति
2 अक्टूबर को रायबरेली जिले के ऊंचाहार नई बस्ती में फतेहपुर निवासी हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. वे अपनी ससुराल गए थे, जहां ग्रामीणों ने उन्हें चोर समझ लिया. पहचान न बता पाने पर भीड़ ने बेरहमी से लाठी-डंडों से हमला कर दिया जिससे उनकी मौत हो गई.
पीटने के दौरान हरिओम ने राहुल गांधी का नाम लिया था, पीटने वालों ने बाबा का नाम लिया जिसके बाद से घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया. सरकार ने तत्परता दिखाते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन अब राहुल गांधी की मुलाकात ने इस मामले को फिर से राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है.