UP Jal Nigam News: 6 महीने से वेतन-पेंशन से वंचित जल निगम कर्मियों ने बांधी काली पट्टी, फतेहपुर समेत पूरे यूपी में मौन प्रदर्शन
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बीते छह माह से वेतन और पेंशन नहीं मिली है. इससे आक्रोशित होकर शुक्रवार को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर मौन धरना दिया. फतेहपुर (Fatehpur) में भी जल निगम कार्यालय के बाहर तख्तियां लेकर बैठे कर्मियों ने मुख्यमंत्री से वेतन और सातवां वेतनमान जल्द लागू करने की मांग की.

UP Jal Nigam News: उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के सैकड़ों कर्मी और पेंशनर्स बीते छह माह से वेतन और पेंशन की बाट जोह रहे हैं. आधा अधूरा वेतन, रुकी हुई पेंशन और सातवें वेतनमान को लेकर अब उनका आक्रोश सड़कों पर उतर आया है. शुक्रवार को फतेहपुर (Fatehpur) समेत पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर जल निगम कर्मियों ने मुंह पर काली पट्टी और तख्तियां लेकर मौन प्रदर्शन कर सरकार से न्याय की गुहार लगाई.
जल निगम कार्यालय पर सन्नाटा, अब बर्दाश्त नहीं
फतेहपुर के जल निगम कार्यालय के सामने अलग ही नज़ारा देखने को मिला. बाजुओं में काली पट्टी और हाथों में अपनी समस्याओं की तख्तियां लिए सैकड़ों कर्मी, पेंशनर और अधिकारी बिना कुछ बोले धरने पर बैठे रहे. नारे नहीं, आवाज़ नहीं, सिर्फ मौन और प्रतीक्षा—एक स्पष्ट संदेश कि अब हद हो चुकी है. प्रदर्शनकारियों में वर्तमान कर्मचारी से लेकर सेवानिवृत्त पेंशनर्स तक शामिल रहे, जिन्होंने वेतन और पेंशन में लगातार हो रही देरी पर नाराजगी जाहिर की.
6 माह से नहीं मिला पूरा वेतन, 14 साल से नहीं मिला बोनस
जल निगम संघर्ष समिति के संयोजक संतोष कुमार दिवाकर ने कहा कि कर्मी पिछले छह महीने से पूरे वेतन और पेंशन से वंचित हैं. कभी आधा वेतन मिलता है तो कभी महीनों बाद कुछ हिस्सा. इससे कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है.
अनुकंपा नियुक्तियों पर अघोषित रोक से नाराज हैं कर्मचारी
धरने के दौरान वक्ताओं ने बताया कि विभाग ने अघोषित रूप से अनुकंपा नियुक्तियों को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है. इससे उन परिवारों को झटका लगा है, जिनका एकमात्र सहारा सेवा काल में दम तोड़ गया.
अब उनके आश्रित भी बेरोजगारी की चपेट में हैं. यह न केवल अन्याय है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी हनन है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द इस नीति में सुधार करना चाहिए.
सात सूत्रीय मांगों को लेकर चेतावनी, जुलाई में लखनऊ घेराव
संघर्ष समिति ने जल निगम प्रशासन और सरकार को साफ चेतावनी दी है कि यदि सात सूत्रीय मांगों का समाधान नहीं किया गया तो यह आंदोलन और तेज होगा. संतोष दिवाकर ने कहा कि 17, 18 और 19 जुलाई को लखनऊ स्थित जल निगम मुख्यालय पर अनवरत धरना दिया जाएगा.
इस दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी राजधानी में जुटेंगे और अपना विरोध दर्ज कराएंगे. उन्होंने कहा कि अब यह सिर्फ वेतन का नहीं, सम्मान और अधिकार का सवाल बन चुका है.
नेताओं ने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की
विरोध के दौरान महेश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, अवध किशोर, मोहम्मद अदीम, मेराज अहमद, मुकेश कुमार पाल, पीसी पटेल, मलखान, देवमणि, विनोद कुमार, सपनीश कुमार और अनुराग सहित दर्जनों कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की.
उन्होंने मांग की कि जल निगम (नगरीय) के कर्मियों और पेंशनर्स को समय पर वेतन, अद्यतन महंगाई भत्ता, राहत और सातवां वेतनमान शीघ्र लागू किया जाए, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके और उनका जीवन फिर से सामान्य हो सके.