
UP News Hindi: पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक का निधन ! ऐसा रहा उनका राजनीतिक सफर
AmarJeet Singh Jansevak Fatehpur
पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जन सेवक (Amarjit Singh Jansevak) का 71 वर्ष की उम्र में 15 फरवरी को निधन हो गया है. उनके निधन की सूचना पर राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. पूर्व में प्रदेश के शिक्षा मंत्री भी रह चुके थे. वह 3 बार विधायक भी रहे. अंतिम संस्कार फतेहपुर स्थित उनके गांव में किया जाएगा.

पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक का निधन
पूर्व शिक्षा मंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक के निधन से राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. वर्तमान में वे बीजेपी में शामिल थे. उनका स्वभाव बड़ा ही खुशमिजाज था. बड़े बेटे आशीष सिंह ने बताया कि उन्हें ठंड लगी थी हालत बिगड़ता देख उन्हे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. सुधार न होने के बाद एसजीपीजीआई रेफर किया गया. फेफड़ों में निमोनिया का संक्रमण बढ़ गया था. 15 फरवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली.
परिजन अमरजीत सिंह जनसेवक का पार्थिव शरीर लेकर कानपुर के पांडुनगर स्थित आवास पहुंचे. उनके आवास पर मंत्रियों, सांसदों व विधायकों ने अंतिम दर्शन कर शोक संवेदना व्यक्त की. अंतिम संस्कार के लिए शुक्रवार को फतेहपुर स्थित उनके गांव पार्थिव शरीर ले जाया जाएगा. वे अपने पीछे पत्नी प्रमिला सिंह, व दो पुत्र आशीष सिंह व अमित सिंह को छोड़ गए.

ऐसा रहा राजनीतिक सफर
अमरजीत सिंह जनसेवक के राजनीतिक सफर की बात करें तो कर्मचारी यूनियन की राजनीति से कदम रखा और फिर वे 1988 में कांग्रेस में शामिल हो गए. वे एक हाथ से दिव्यांग होने के कारण विकलांग कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहे. फिर भाजपा में शामिल हो गए वर्ष 1991 में पहली बार चुनाव लड़ा हालांकि वह इसमें जीत नहीं पाए. इसके बाद में अगला चुनाव 1993 में लड़े और चुनाव जीते. बताया जा रहा है अमरजीत सिंह जनसेवक फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे.
वर्ष 2002 में बने मंत्री
वर्ष 2002 में मायावती सरकार में भाजपा-बसपा गठबंधन में मंत्री भी रहे और उन्होंने प्रदेश के शिक्षा मंत्री का पद दिया गया. 2007 में बसपा में शामिल हो गए. फिर उन्होंने 2012 में समाजवादी पार्टी जॉइन की. सपा की ओर से टिकट नहीं दिया गया तो लोकदल पार्टी से चुनाव लड़े. वर्ष 2014 से वे बीजेपी के हो गए. फतेहपुर के मूल निवासी होने के कारण उनका यहां से गहरा नाता रहा है. उनके निधन से पूरा गांव शोक की लहर में डूब गया है. उनका पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया यहां अंतिम दर्शन के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. समाजवादी पार्टी ने भी उनके निधन पर शोक जताकर श्रद्धांजलि दी है.
