
Fatehpur News: फतेहपुर में फर्जी जाति प्रमाण लगाकर नौकरी करने वाले ग्राम विकास अधिकारी को किया गया बर्खास्त
Fatehpur VDO Terminate: फतेहपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का दस्तावेज लगाकर नौकरी करने वाले ग्राम विकास अधिकारी मनीष कुमार को उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.

हाईलाइट्स
- फतेहपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर वीडीओ कर रहा था नौकरी
- जिलाधिकारी मिर्जापुर के शिकायत पत्र के बाद खुला राज, किया गया टर्मिनेट
- मिर्जापुर का रहने वाला है फर्जी वीडीओ मनीष कुमार, उसी के गांव वीर प्रकाश ने की थी शिकायत
Fatehpur Airaya Block VDO Manish Kumar Terminate: यूपी के फतेहपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने करने वाले नए-नए मामले सामने आ रहे हैं कभी शिक्षकों से जुड़ा तो कभी भू राजस्व से जुड़ा. ऐसा ही एक प्रकरण जिले के ऐरायां ब्लॉक का है जहां फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे ग्राम विकास अधिकारी (VDO) मनीष कुमार (Manish Kumar) को शासकीय सेवाओं से हटाते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. डीडीओ प्रमोद सिंह चंद्रौल के पत्र के अनुसार शिकायतकर्ता वीर प्रकाश ने डीएम मिर्जापुर (Mirzapur News) से इसकी शिकायत की थी.

यूपी के मिर्जापुर जनपद के मड़िहान तहसील के गांव बसही के रहने वाले वीडीओ मनीष कुमार पुत्र शीतला प्रसाद ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर अपना अनुसूचित जनजाति (गोंड) का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर सन 2018 में फतेहपुर (Fatehpur) के ऐरायां ब्लॉक में जॉइनिग ली थी. मनीष के ही गांव के रहने वाले वीर प्रकाश ने इसकी शिकायत मिर्जापुर जिलाधिकारी से थी.
जिस पर डीएम मिर्जापुर ने फतेहपुर जिलाधिकारी को इस प्रकरण में शिकायत पत्र भेजा था. बताया जा रहा है कि तत्कालीन डीएम मिर्जापुर द्वारा गठित अनुसूचित जनजाति सत्यापन समिति ने साल 2009 में ही अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र संख्या 69309501013 को निरस्त कर दिया था उसके बावजूद मनीष ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की.
जिला विकास अधिकारी ने मनीष कुमार को किया टर्मिनेट
मिर्जापुर डीएम की शिकायत के आधार पर डीडीओ प्रमोद सिंह चंद्रौस ने इसकी जांच कराई और मनीष कुमार से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा जिसके बाद शनिवार को उन्होंने पत्र जारी करते हुए कहा कि मनीष कुमार ग्राम विकास अधिकारी विकास खंड ऐरायां फतेहपुर का उपरोक्त समिति द्वारा अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र (गोंड) निरस्त कर दिए जाने के फलस्वरूप अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत की गई नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए उन्हें शासकीय सेवाओं से बर्खास्त किया जाता है.