Fatehpur Gangrape Case : जेल भेजे गए हुसैनगंज गैंगरेप कांड के दरिंदे, मीडिया ट्रायल के बाद जागी पुलिस, थाना प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल.!
फतेहपुर के हुसैनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत दो लड़कियों के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपी सभी 6 दरिंदो को पुलिस ने गिरफ्तार कर मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया. जहां से सभी को जेल भेजने की कार्यवाही की गई.
हाईलाइट्स
- दो नाबालिग लड़कियों के साथ 6 लड़कों ने किया था गैंगरेप..
- मेला देखकर वापस लौट रहीं थीं किशोरियां..
- घटना को कई घण्टे तक छिपाए रही हुसैनगंज पुलिस..
Fatehpur News : फतेहपुर के हुसैनगंज गैंगरेप कांड के सभी 6 आरोपियों को पुलिस ने पॉस्को कोर्ट में प्रस्तुत किया जहां से सभी को जेल भेजने की कार्यवाही की गई.
उल्लेखनीय है कि सोमवार रात थाना क्षेत्र के सेनपुर गांव में लगे मेला से वापस लौट रही दो नाबालिग लड़कियों के साथ 6 लड़कों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. इतना ही बेख़ौफ़ दरिदों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने के बाद तीन अन्य लड़कियों के साथ भी मेला परिसर में छेड़छाड़ की थी. लड़कियों के शोर मचाने पर स्थानीय लोगों ने सभी 6 लड़कों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था.
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी शैलेन्द्र यादव, प्रदीप यादव, विकास यादव, प्रभात यादव, दिलीप यादव औऱ राजन यादव को जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है.
घटना को दबाना चाहती थी थाना पुलिस, मीडिया को कवरेज से रोका..
हुसैनगंज थाना पुलिस घटना के कई घण्टे बाद भी रिपोर्ट लिखने को तैयार नहीं थी. पुलिस की संवेदनहीनता की हद तब हो गई जब सोमवार सुबह घटना की कवरेज के लिए थाना पहुँचें मीडिया कर्मियों के साथ थाना अध्यक्ष हुसैनगंज ने बदसलूकी की और कवरेज़ करने से रोक दिया. वीडियो बनाने पर मीडिया कर्मियों को कैमरा बन्द करने की धमकी दी. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल है. गैंगरेप का मीडिया ट्रायल शुरू होने के बाद पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने आनन फानन में वीडियो बाइट जारी कर सभी 6 आरोपियों के गिरफ्तारी की पुष्टि की.
थाना प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल..
लंबे समय से थाना अध्यक्ष हुसैनगंज की कुर्सी सम्भाल रहे राजेन्द्र सिंह की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. क्षेत्र में लगातार आपराधिक वारदात हो रहीं हैं लेकिन थाना प्रभारी की कार्यशैली पर कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है.
लोग सवाल कर रहे हैं कि थाना पुलिस का इकबाल ख़त्म हो गया है अन्यथा गैंगरेप जैसी जघन्य वारदात को अंजाम देने की हिम्मत लड़के न जुटा पाते औऱ तो औऱ बेख़ौफ़ दरिदें गैंगरेप को अंजाम देने के बाद दोबारा मेला परिसर पहुँचें औऱ वहां फिर कई लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने लगे थे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे लापरवाह थाना अध्यक्ष को इतनी बड़ी घटना के बाद भी थाना अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहना लचर कानून व्यवस्था को बढ़ावा देने वाला नहीं है.!