UP Fatehpur News: फतेहपुर में नौकरी का फर्जीवाड़ा ! डीएलएड की पढ़ाई के दौरान बन गई पंचायत सहायक, ऐसे हुआ खुलासा
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर की नूतन शुक्ला पर एक साथ डीएलएड की पढ़ाई और पंचायत सहायक की नौकरी करने का आरोप लगा है. शिकायत उसके चाचा ने की है. विभाग ने नूतन से 7 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. ऑनलाइन उपस्थिति को फर्जी माना गया है और कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

UP Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में एक ही समय पर पंचायत सहायक की नौकरी और डीएलएड की पढ़ाई करने का मामला सामने आया है. छात्रा नूतन शुक्ला पर फर्जी तरीके से नौकरी हासिल कर दो स्थानों पर उपस्थिति दिखाने का आरोप है. हैरानी की बात यह है कि शिकायत किसी और ने नहीं बल्कि छात्रा के सगे चाचा ने की है. अब विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
एक ही समय पर दो जगह मौजूदगी ने खड़े किए सवाल
फतेहपुर (Fatehpur) जिले के धाता ब्लॉक (Dhata Block) के ग्राम पंचायत सेमरहटा निवासी नूतन शुक्ला का मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है. नूतन शुक्ला ने जहां डीएलएड (DELED) की नियमित छात्रा के तौर पर कौशांबी (kaushambi) के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश लिया, वहीं दूसरी ओर उसने सेमरहटा ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक पद की नौकरी भी कर ली.
दोनों ही जिम्मेदारियों में उपस्थिति दर्ज होती रही, जिससे दो स्थानों पर एक साथ उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. शिकायतकर्ता ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया है कि नूतन ने एक समय में दो संस्थानों में कैसे उपस्थिति दर्ज करवाई.
सगे चाचा ने ही दर्ज कराई शिकायत, मांगा निष्कासन
नूतन शुक्ला के इस पूरे मामले की शिकायत उसके ही सगे चाचा राजेश शुक्ला ने आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से दर्ज कराई. शिकायत में साफ कहा गया कि नूतन ने डीएलएड की पढ़ाई करते हुए गुपचुप तरीके से पंचायत सहायक की नौकरी हासिल की, जो नियमों के विरुद्ध है.
राजेश शुक्ला ने मांग की कि नूतन को तत्काल पद से हटाया जाए और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए. चाचा द्वारा की गई यह शिकायत अब पूरे गांव और विभाग में चर्चा का विषय बन गई है.
डीएलएड संस्थान ने दी उपस्थिति की पुष्टि, लेकिन उठे सवाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीएलएड संस्थान कौशांबी (Kaushambi) के प्रवक्ता डॉ. देवेन्द्र यादव ने पुष्टि की है कि नूतन शुक्ला वर्ष 2022 बैच की नियमित छात्रा है और उसकी तीनों सेमेस्टर की इन्टर्नशिप 90 दिन की रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि कक्षा में नूतन की उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक रही है. वहीं, परियोजना संबंधी फील्ड वर्क भी किया गया है. इन सभी तथ्यों के बीच यह सवाल उठना लाजिमी है कि यदि वह विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रही, तो पंचायत कार्यालय में प्रतिदिन उपस्थित होकर कार्य कैसे कर रही थी?
ऑनलाइन उपस्थिति को बताया गया फर्जी, जांच में खुलासा
एडीओ पंचायत से कराई गई जांच में यह सामने आया है कि सेमरहटा पंचायत कार्यालय प्रतिदिन खुलता रहा और नूतन शुक्ला वहां कार्य भी करती रही. कार्यालय की उपस्थिति की पुष्टि जीपीएस फोटो और ऑनलाइन अटेंडेंस के जरिए की गई.
लेकिन जब यह बात सामने आई कि डीएलएड संस्थान में भी उसकी नियमित उपस्थिति रही है, तो विभाग ने ऑनलाइन उपस्थिति को फर्जी मानते हुए स्पष्टीकरण मांगा. अधिकारियों का कहना है कि दो जगहों पर एक ही समय में उपस्थिति दिखाकर नियमों की अवहेलना की गई है और इससे ये भी स्पष्ट हो गया है कि तथ्यों को छिपाकर नौकरी प्राप्त की गई.
7 दिन में मांगा जवाब, कार्रवाई की दी गई चेतावनी
विभाग ने नूतन शुक्ला को नोटिस भेजते हुए सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है. नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अगर समय पर संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में यह भी सामने आया है कि डीएलएड की पढ़ाई करते समय ही नूतन ने पंचायत सहायक पद के लिए आवेदन किया और नियुक्ति प्राप्त की.
उसने छात्रा होने की जानकारी आवेदन में नहीं दी, जो कि नियमानुसार आवश्यक था. अब उसकी नियुक्ति पर तलवार लटक रही है और भविष्य अधर में नजर आ रहा है. इस पूरे प्रकरण में एक पेंच और फसता दिखाई दे रहा है और वो है चयन समिति की. जानकारी के मुताबिक पंचायत समित ही इसका चयन करती है जो कि नूतन शुक्ला को हटाने के लिए राजी नहीं है.