Fatehpur News: 20 करोड़ से अधिक की ठगी, पूरे देश में 31 मुकदमे ! फतेहपुर की घटना ने उजागर किया इंटरनेशनल साइबर गैंग
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रिटायर्ड रेल कर्मी से डिजिटल अरेस्ट कर 36.50 लाख रुपये ठगने वाले साइबर गैंग का पर्दाफाश हुआ है. साइबर क्राइम थाना और इंटेलीजेंस विंग की संयुक्त टीम ने ग्रेटर नोएडा से तीन शातिरों को गिरफ्तार किया. इनके खिलाफ 31 मुकदमे और 20 करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा हुआ है.
Fatehpur Cyber Gang Arrested: यूपी के फतेहपुर की एक ठगी की वारदात ने पूरे देश में फैले इंटरनेशनल साइबर नेटवर्क का चेहरा उजागर कर दिया. डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 67 वर्षीय रिटायर्ड रेल कर्मी बुजुर्ग से 36.50 लाख रुपये ऐंठने वाले गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला मिला. ग्रेटर नोएडा से हुई गिरफ्तारी के बाद 20 करोड़ से अधिक की ठगी, 31 मुकदमे और क्रिप्टो लिंक सामने आए हैं.
फतेहपुर की घटना ने किया अंतर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश

डर बढ़ा तो कॉल एटीएस चीफ सदानंद बसंत के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई. इस व्यक्ति ने दावा किया कि मोतीलाल के खाते से 70 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है जिनमें 70 लाख रुपये बतौर कमीशन उनके खाते में आए हैं. भ्रमित और भयभीत बुजुर्ग ने खाते की पूरी जानकारी साझा कर दी. यहीं से ठगी का असली खेल शुरू हुआ.
36.50 लाख की ठगी और फिर बढ़ी मांग
ग्रेटर नोएडा से तीन शातिर गिरफ्तार
शिकायत दर्ज होते ही एसपी फतेहपुर ने साइबर क्राइम थाना फतेहपुर और इंटेलीजेंस विंग सर्विलांस की संयुक्त टीम गठित कर जांच शुरू कराई. तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रैकिंग के बाद टीम ग्रेटर नोएडा पहुंची और तीन शातिर गिरोह सदस्यों 29 वर्षीय सार्थक ग्रोवर दिल्ली, 31 वर्षीय राहुल शर्मा गाज़ियाबाद और 44 वर्षीय संतोष कुमार इटावा हलमुकाम गाजियाबाद को गिरफ्तार किया. इनके पास से करीब 10 लाख रुपये कीमत के महंगे मोबाइल, लैपटॉप, कैश और कई विदेशी दस्तावेज बरामद किए गए जिनमें दुबई लॉकर के कागजात भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी केवल 12वीं पास हैं लेकिन साइबर ठगी को तकनीकी तरीके से अंजाम देने में बेहद निपुण हैं.
20 करोड़ की ठगी और 31 मुकदमों का खुलासा
जांच में पता चला कि यह गिरोह केवल यूपी ही नहीं बल्कि केरल, तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, त्रिपुरा और गोवा सहित कई राज्यों में सक्रिय था. इन तीनों के खिलाफ देशभर में 31 मुकदमे दर्ज हैं. जानकारी के मुताबिक अब तक इन शातिरों ने 20 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं. आरोपी पूरी रकम को क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर देते थे ताकि ट्रेसिंग मुश्किल हो जाए. बरामद दस्तावेजों से पुलिस को विदेशी लिंक और फर्जी पहचान पत्रों का बड़ा नेटवर्क मिला है.
संयुक्त टीम की शानदार कार्रवाई, जब्त हुआ इंटरनेशनल गैंग
इस पूरे ऑपरेशन को सफल बनाने वाली साइबर क्राइम थाना और इंटेलीजेंस विंग सर्विलांस की संयुक्त टीम शामिल रही जिसमें प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह, उ0नि0 रणधीर सिंह, मु0आ0 अखिलेश उपाध्याय, का0 शुभेन्दु रंजन, का0 अजय कुमार, मु0आ0 सुमेश यादव
वहीं इंटेलीजेंस और सर्विलांस से उ0नि0 सौरभ पाण्डेय, मु0आ0 पंकज कुमार दुबे, का0 राम सिंह, का0 राहुल, का0 अजय कुमार पटेल और का0 सनत कुमार पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दोनों टीमों की संयुक्त कार्रवाई ने न केवल बुजुर्ग को न्याय दिलाया बल्कि एक विशाल इंटरनेशनल साइबर रैकेट को भी उजागर कर दिया. पुलिस अब विदेशी लिंक, क्रिप्टो ट्रेल और फर्जी दस्तावेजों की गहराई से जांच कर रही है.
