Fatehpur News: फतेहपुर में आंगनबाड़ी से लेकर स्कूल में जड़े ताले ! विद्यालय सीज, चार कर्मियों को हटाने के आदेश
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) जिले में सीडीओ पवन कुमार मीना ने भिटौरा ब्लॉक के मोहम्मदपुर कला गांव का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, एएनएम सेंटर व स्कूलों में भारी लापरवाही सामने आई. सीडीओ ने चार संविदा कर्मियों को सेवा समाप्ति की नोटिस दी, चार अन्य के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की और एक अवैध स्कूल को सीज कर एक लाख रुपये जुर्माना ठोका.

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पवन कुमार मीना ने मोहम्मदपुर कला गांव का औचक निरीक्षण किया. इस दौरे में उन्हें कई गंभीर अनियमितताएं मिलीं, जिनमें बंद आंगनबाड़ी केंद्र, ताले लटके एएनएम सेंटर, गायब पंचायत सहायक और स्कूल में नाम मात्र की उपस्थिति जैसे मामले प्रमुख रहे. सीडीओ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जिम्मेदारों को नोटिस जारी किए और जुर्माने के निर्देश दिए.
गायब मिलीं कार्यकर्ता, CDO कर दी सेवा समाप्त
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निरीक्षण की शुरुआत सीडीओ ने आंगनबाड़ी केंद्र से की. मोहम्मदपुर कला गांव के दोनों आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटकता मिला. मौके पर कार्यकर्ता शहरबानो और प्रेमा देवी अनुपस्थित पाई गईं. यह देख सीडीओ ने तत्काल दोनों को सेवा समाप्ति की नोटिस देने का निर्देश दिया.
यही नहीं, आगे बढ़ते हुए जब वह सार्वजनिक शौचालय पहुंचे तो वहां भी ताला बंद मिला. पूछताछ में पता चला कि वहां की केयरटेकर गीता देवी भी अक्सर गायब रहती हैं. सीडीओ ने गीता देवी को भी नोटिस देकर सेवा से हटाने का आदेश दिया.
पंचायत भवन में भी पसरा सन्नाटा, सहायक नदारद
एएनएम सेंटर में लटकता मिला ताला, कार्रवाई का निर्देश
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के लिए जब सीडीओ एएनएम सेंटर पहुंचे तो वहां भी ताला बंद मिला. इस पर उन्होंने एएनएम पूनम देवी से स्पष्टीकरण तलब करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए. ग्रामीणों ने भी बताया कि पूनम देवी की उपस्थिति गांव में ना के बराबर रहती है, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.
सरकारी स्कूल में नामांकन, लेकिन बच्चे नहीं, बड़ा फर्जीवाड़ा
पीएमश्री परिषदीय स्कूल में बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी, लेकिन मौके पर विद्यार्थी मौजूद नहीं थे. संदेह होने पर सीडीओ ने गांव में जांच की तो कई छात्र एक निजी विद्यालय में पढ़ते मिले.
जब उस निजी विद्यालय की जांच की गई तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं. न तो स्कूल के पास कोई मान्यता थी, न ही पक्का भवन. तीन किराए के कमरों में स्कूल चलाया जा रहा था, और कोई बोर्ड भी नहीं लगा था. सीडीओ ने तत्काल बीएसए भारती त्रिपाठी व बीईओ दीप्ति रिछारिया को बुलाकर स्कूल को सीज कराया और संचालक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
मिलीभगत से खेला गया हाजिरी का खेल
सीडीओ ने जब सरकारी स्कूल के बच्चों की हाजिरी रजिस्टर से मिलान किया तो पाया कि कई बच्चों की फर्जी उपस्थिति दर्ज की गई है. इस मामले में प्रधानाचार्य पदमावती और कक्षा 5 की शिक्षिका सबीहा की संलिप्तता सामने आई.
बच्चों ने बताया कि वे कभी सरकारी स्कूल गए ही नहीं. सीडीओ ने इन दोनों के खिलाफ विभागीय जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर बच्चों को मिड-डे मील में भी उपस्थिति दर्शाकर लाभ दिया गया है, तो इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी.
किस पर क्या कार्रवाई हुई?
सेवा समाप्ति की नोटिस:
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता: प्रेमा देवी, शहरबानो
- केयर टेकर: गीता देवी
- पंचायत सहायक: अंकित कुमार
विभागीय कार्रवाई की संस्तुति:
- पंचायत सचिव: चंद्रशेखर
- एएनएम: पूनम देवी
- प्रधानाचार्य: पदमावती
- शिक्षिका: सबीहा