फ़तेहपुर:मुख्यमंत्री का जनसुनवाई पोर्टल हवा-हवाई आरोपी को ही बना दिया गया जांच अधिकारी.!
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 23 Jun 2019 05:30 AM
- Updated 21 Mar 2023 11:23 AM
उत्तर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा भलेही साफ हो लेकिन उनके नीचे काम करने वाले आला अधिकारी अपनी मर्जी से ही काम करते है..भ्रष्टाचार को मिटाने के सरकार द्वारा बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल मात्र इंटरनेट की शोभा बढ़ाते हुए दिख रहे है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की रिपोर्ट...
फ़तेहपुर: भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए और लोगों की शिकायत सीधे विभाग तक पहुंचाने के लिए बनाए गए जनसुनवाई पोर्टल(आईजीआरएस) बेमतलब साबित होते दिखाई दे रहें हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा भले ही साफ हो लेकिन लग रहा है कि उनके नीचे काम करने वाला प्रशासन अपना काम बखूबी निभाने में सक्षम नहीं है।
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ताज़ा मामला फ़तेहपुर जनपद का है जहां पिछले एक बरस से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए एक शख्स ने कई बार जनसुनवाई पोर्टल में शिकायत दर्ज कराई लेकिन प्रशासनिक स्तर पर हर बार केवल खाना पूर्ति करके मामले को निस्तारित कर दिया जाता है। यहां तक कि मामले में जिसपर आरोप लगाया जा रहा है उसी को जांच अधिकारी बना दिया जाता है। ऐसे में न्याय की परिकल्पना ही क्या की जा सकती है।
आख़िर क्या है पूरा मामला...
जिले के भिटौरा ब्लॉक के कठेरवां ग्राम पंचायत के रहने वाले सालिकराम पुत्र रामआसरे ने अपने गांव में हो रहे अवैध कब्जे के ख़िलाफ़ कई बार आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई साथ ही शिकायती पत्र में सम्बंधित क्षेत्र के लेखपाल अलख निरंजन पर आरोप लगाते हुए मिली भगत से कब्जा कराने का आरोप लगाया है।
सालिकराम ने बताया कि लेखपाल की शिकायत मैंने कई बार तात्कालिक जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार से भी की जिसमें कहा गया कि इसकी जांच कराई जाएगी लेकिन बाद में उसी लेखपाल को फिर से उसी मामले के लिए जांच अधिकारी बना दिया गया।अब इसमें न्याय की उम्मीद ही क्या की जा सकती है। सालिकराम ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि लेखपाल कुछ दबंगों से मिलकर सरकारी जमीन में खेती करता है और फिर उस धन की वसूली करता है।