Who Is IAS Rinku Singh Rahi: वकीलों के सामने उठक बैठक लगाने वाले SDM रिंकू सिंह राही के संघर्ष को सुन आप भी चौंक जाएंगे
IAS Rinku Singh Rahi Biography
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) के पुवायां में नवागत एसडीएम रिंकू सिंह राही (IAS Rinku Singh Rahi) मंगलवार को पहली बार चर्चा में तब आए जब उन्होंने खुले में पेशाब करने पर एक मुंशी को उठक-बैठक लगवाई. विरोध के बाद खुद को दोषी मानते हुए वकीलों के सामने खुद भी उठक-बैठक लगाने लगे. लेकिन यह IAS अफसर सिर्फ प्रशासनिक सख्ती के लिए नहीं, बल्कि अपनी संघर्षशील जिंदगी के लिए भी मिसाल हैं.

Who Is IAS Rinku Singh Rahi: यूपी की नौकरशाही में IAS रिंकू सिंह राही का नाम संघर्ष और ईमानदारी का प्रतीक बन चुका है. जिन्होंने घोटाले का पर्दाफाश किया, गोलियां खाईं, सिस्टम से लड़ाई लड़ी और फिर UPSC क्रैक कर सिस्टम का हिस्सा बने.
अब बतौर पुवायां SDM उनका पहला दिन ही तब चर्चा में आ गया जब उन्होंने खुले में पेशाब कर रहे एक मुंशी को उठक-बैठक लगवाई और खुद को भी जिम्मेदार मानते हुए वकीलों के सामने उठक-बैठक करने लगे. खुद की गलती मानते हुए अपने को सजा देना एक अधिकारी महानता है.
पहले ही दिन उठक-बैठक से चर्चा में आए पुवायां के SDM
सोमवार को पुवायां में बतौर एसडीएम पदभार ग्रहण करने वाले IAS रिंकू सिंह राही मंगलवार को जैसे ही तहसील पहुंचे, परिसर में एक वकील का मुंशी दीवार के पास पेशाब करता मिला.
वकीलों ने जताई नाराजगी, गंदे शौचालयों पर उठाया सवाल
इस घटना के बाद जब रिंकू सिंह (IAS Rinku Singh Rahi) तहसील का निरीक्षण करते हुए धरना दे रहे वकीलों के बीच पहुंचे, तो वकीलों ने मुंशी से उठक-बैठक कराए जाने का विरोध किया. उनका कहना था कि तहसील परिसर में बने शौचालय बेहद गंदे हैं, जिससे मजबूरी में लोगों को खुले में जाना पड़ता है. इस पर IAS राही ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यदि शौचालय गंदे हैं तो वह प्रशासन की गलती है और इस कारण वही दोषी हैं.
दोष खुद पर लिया, वकीलों के सामने खुद भी लगाए उठक-बैठक
गंदे शौचालयों की बात सामने आने पर रिंकू सिंह राही ने खुद को जिम्मेदार मानते हुए वहीं वकीलों के सामने उठक-बैठक लगानी शुरू कर दी. वकीलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन राही नहीं माने और अपनी जवाबदेही का उदाहरण पेश किया. इस साहसिक कदम ने एक ओर प्रशासनिक संवेदनशीलता दिखाई, वहीं दूसरी ओर उनके ईमानदार स्वभाव को भी उजागर किया.
समाज कल्याण विभाग में घोटाले का पर्दाफाश कर चुके हैं राही
रिंकू सिंह राही का नाम पहली बार तब चर्चा में आया था जब वह 2009 में मुजफ्फरनगर में जिला समाज कल्याण अधिकारी थे. वहां उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपए के स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति घोटाले का खुलासा किया था.
इस घोटाले की शिकायत उन्होंने तत्कालीन प्रशासन से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. नतीजा यह हुआ कि 26 मार्च 2009 को उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं. सात गोलियां लगने से उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और जबड़ा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
गोलियों से जूझे, RTI से लड़ाई लड़ी, और फिर हुए मानसिक अस्पताल में भर्ती
घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद रिंकू सिंह राही ने आरटीआई के ज़रिए सूचनाएं मांगीं. लेकिन उन्हें जानबूझकर सूचनाएं नहीं दी गईं. जब उन्होंने 2012 में निदेशालय के बाहर अनशन शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें जबरन उठाकर मानसिक अस्पताल भेज दिया. वहां से उन्हें अलीगढ़ के सरकारी अस्पताल में ट्रांसफर किया गया. यह घटना उनके जीवन की सबसे काली घड़ी थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
UPSC क्रैक कर बने IAS, संघर्ष को बनाया अपनी पहचान
मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक शोषण झेलने के बाद भी रिंकू सिंह राही ने हार नहीं मानी. उन्होंने तय किया कि अब वो IAS बनकर सिस्टम को अंदर से सुधारेंगे.
कई सालों की मेहनत और संघर्ष के बाद 2022 में उन्होंने UPSC में 921वीं रैंक हासिल की और वर्ष 2023 बैच में IAS अफसर बने. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें उन्हीं मुजफ्फरनगर भेजा गया जहां उनके संघर्ष की शुरुआत हुई थी.
गांवों में बनाएंगे व्हाट्सएप ग्रुप, जनता को दिलाएंगे योजनाओं का लाभ
रिंकू सिंह राही ने मीडिया रिपोर्ट्स में कहा कि वह शासन की योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे. इसके लिए गांवों में व्हाट्सएप ग्रुप बनवाए जाएंगे जिसमें लोग अपनी समस्याएं साझा कर सकेंगे और समाधान की सूचना भी वहीं मिलेगी. साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि अगर कोई कर्मचारी रिश्वत मांगता है या दुर्व्यवहार करता है, तो उसका वीडियो बनाकर दें, कड़ी कार्रवाई की जाएगी.