
Lucknow PGI News: PGI इमरजेंसी डॉक्टर्स से गिड़गिड़ाते रहे बीजेपी के पूर्व सांसद ! नहीं मिला बेटे को इलाज, तड़प-तड़प कर तोड़ा दम
Ex MP Bhairav Prasad Mishra PGI: लखनऊ के पीजीआई से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. बीजेपी के पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा, गुर्दों की समस्या से ग्रसित बेटे प्रकाश को लेकर पीजीआई पहुंचे थे. हालत बिगड़ने पर पूर्व सांसद ने इमरजेंसी में भर्ती करने का निवेदन किया.आरोप है कि उनके गिड़गिड़ाने के बाद भी इमरजेंसी में तैनात डाक्टर्स व स्टॉफ का दिल नहीं पसीजा और इलाज के अभाव में बेटे ने तड़प-तड़प कर वहीं दम तोड़ दिया. इस मामले की जानकारी होते ही पीजीआई निदेशक इमरजेंसी पहुंचे और पूर्व सांसद को कार्रवाई क

हाईलाइट्स
- पीजीआई में बीजेपी के पूर्व सांसद के पुत्र को नहीं मिला इलाज, तोड़ा दम
- पूर्व सांसद के पुत्र प्रकाश मिश्र गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे थे
- पीजीआई निदेशक ने दिए जांच के आदेश , टीम गठित कर मांगी रिपोर्ट, अखिलेश यादव ने साधा निशाना
Former MP's son did not get a bed in PGI : पीजीआई जैसे बड़े अस्पतालों में जब बीजेपी पूर्व सांसद की नहीं सुनी जाती तो आम लोगों की कैसे सुनी जाएगी. गम्भीर बीमारी से जूझ रहे पूर्व सांसद के बेटे की इलाज के अभाव में पीजीआई में मौत हो गयी. ऐसे में आखिर बड़ा सवाल यह है कि चूक कहाँ हुई है. पीजीआई जैसे बड़े अस्पतालों के अगर यह हाल है तो अन्य अस्पतालों का क्या होगा. फिलहाल इस गम्भीर मामले में सियासी राजनीति भी गर्मा गयी है. उधर पीजीआई प्रशासन ने जांच की बात कही है.
पूर्व सांसद के बेटे को नहीं मिला बेड,हुई मौत
बीजेपी से पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्र 2014 में बाँदा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे. चित्रकूट से अपने बेटे प्रकाश मिश्र को लेकर पीजीआई पहुंचे थे. प्रकाश गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे थे. पूर्व सांसद ने बेटे की हालत देख इमरजेंसी में भर्ती करने का निवेदन किया. आरोप है कि स्टॉफ डाक्टर ने बेड न खाली होने की बात कही. यही नहीं पूर्व सांसद बेटे की बिगड़ती हालत को देख इतने भावुक हो गए कि स्टॉफ से एक बेड की मांग के लिए हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगे लेकिन किसी का दिल नहीं पिघला.
पीजीआई निदेशक ने दिए जांच के आदेश
इमरजेंसी में समय से भर्ती न करने के चलते ईलाज के अभाव में पूर्व सांसद के पुत्र ने दम तोड़ दिया. बेटे की मौत के बाद पूर्व सांसद के समर्थकों ने इमरजेंसी में ही धरना दे दिया. धरने की सूचना पर पीजीआई प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए. आनन फानन में पीजीआई निदेशक डॉ आर के धीमान मौके पर पहुंचे. पूर्व सांसद को जांच का आशवासन दिया. इसके साथ ही टीम गठित कर इस मामले में 48 घण्टे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है. पूर्व सांसद बेटे के शव को लेकर चित्रकूट के लिए रवाना हो गए.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साधा निशाना
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर निशाना साधते हुए एक्स पे पोस्ट कर लिखा कि किसी विशेष व्यक्ति को इलाज न मिल पाने की वजह से दम तोड़ देने की नहीं है, हर एक सामान्य नागरिक के जीवन के मूल्य की भी है.
अखिलेश यादव ने आगे लिखा, "जब उप्र में सत्ताधारी बीजेपी के पूर्व सांसद के पुत्र तक को इलाज नहीं मिल पा रहा है तो आम जनता के बारे में क्या कहना. आशा है दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार से लौटने के बाद उप्र के भाजपाई मंत्रीगण इसका संज्ञान लेंगे क्योंकि अभी तो उनके लिए चुनाव किसी के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है."
