UPPCL News: फतेहपुर के इस फीडर में तीन दिन से बिजली व्यवस्था धड़आम ! बूंद-बूंद पानी के लिए तहस रहे लोग, नदारत अफसर
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बिजली व्यवस्था तीन दिन ऐसी धड़ाम है कि लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. मामला थरियांव पॉवर हाउस के मंडा सराय फीडर का है. अफसरों की उदासीनता से आधा दर्जन गांव प्रभावित हो रहे हैं.

Fatehpur UPPCL News: यूपी के फतेहपुर जिले में बिजली विभाग की लापरवाही ने गांव वालों की ज़िंदगी को अंधेरे में धकेल दिया है. थरियांव पावर हाउस के अंतर्गत आने वाले मंडा सराय फीडर की हालत ऐसी है कि बिजली की बजाय अब लोग उम्मीदों की रोशनी भी खो चुके हैं.
पिछले तीन दिनों से फीडर पूरी तरह ठप पड़ा है और आधा दर्जन से अधिक गांव बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. गर्मी अपने चरम पर है, मोबाइल चार्ज करना दूर यहां अब जानवरों को पानी पिलाना भी चुनौती बन गया है. उधर, विभागीय अफसर नदारद हैं जैसे इस अंधेरे से उनका कोई लेना-देना ही न हो.
गांवों में पसरा घुप्प अंधेरा, उम्मीद भी हो गई ठंडी
थरियांव पावर हाउस के अंतर्गत आने वाले मंडा सराय फीडर के लगभग आधा दर्जन गांव भैरमपुर, मीरपुर, ब्रह्मपुर, चक जैनउद्दीनपुर, चकिवा चौराहा सहित कई क्षेत्रों में बिजली तीन दिन से लापता है. गर्मी के मारे लोगों का हाल बेहाल है, और रातें जैसे सज़ा बन चुकी हैं. लोग पसीने से लथपथ, छोटे बच्चे तड़प रहे हैं और घरों में पंखे, कूलर सब शोपीस बन गए हैं. गांव के युवक मोबाइल चार्ज करने के लिए 6-7 किलोमीटर दूर शहर की ओर भागते नज़र आ रहे हैं.
बिजली नहीं, तो पानी नहीं ! मवेशी भी परेशान
बिजली गायब होते ही सबसे बड़ा संकट पानी का खड़ा हो गया है. मोटर और हैंडपंप बिजली से चलते हैं, और जब तीन दिन तक करंट ही न हो, तो बूंद-बूंद पानी जुटाना भी मुश्किल हो जाता है. महिलाएं दूर-दराज से बाल्टी भरकर पानी ला रही हैं.
जानवरों के पानी के लिए बर्तन सूख चुके हैं और खेतों की सिंचाई पूरी तरह ठप है. गांव की एक महिला रोते हुए कहती है—"गर्मी से तो मर ही रहे हैं, अब पानी के लिए तरस रहे हैं... ये तो जीते जी नरक हो गया है"
मंडा सराय फीडर बना मनमर्जी का अड्डा, कब चालू-कब बंद
ग्रामीणों का आरोप है कि मंडा सराय फीडर पर कोई तय सिस्टम नहीं है. बिजली कब आएगी, कब जाएगी, इसका कोई शेड्यूल नहीं. न कोई सूचना दी जाती है, न कोई जिम्मेदार अधिकारी सामने आता है. गांव के बुजुर्ग कहते हैं लगता है ये फीडर अब खुद ही तय करता है कि किस दिन गांव में उजाला होगा और किस दिन अंधेरा.
तीन दिन से गायब है बिजली एसडीओ को पता नहीं
बिजली विभाग के क्षेत्रीय एसडीओ यश तनेजा से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा "एक पोल टूटा था, जिसे ठीक करवा दिया गया है" लेकिन यह जवाब गांववालों की तकलीफों के सामने खोखला लग रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि साहब तो कहते हैं सब ठीक है, लेकिन गांव में सब ठप है, पोल तो ठीक हुआ होगा, पर पूरी व्यवस्था तो अब तक अंधेरे में है. एसडीओ का गैर जिम्मेदाराना बयान लोगों के लिए मुसीबत बना है.
अफसर गायब, जनप्रतिनिधि चुप ! धरने को तैयार ग्रामीण
तीन दिन से लगातार परेशानी झेल रहे ग्रामीणों का सब्र अब जवाब देने लगा है. न कोई अधिकारी गांव में झांकने आया, न कोई जनप्रतिनिधि ने सुध लेता है. गांव वालों का कहना है कि यदि जल्द बिजली बहाल नहीं हुई, तो वह थरियांव पावर हाउस पर धरना देंगे और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.