
Fatehpur News Today: फतेहपुर में राम मंदिर को लेकर बांटे जा रहे हैं अक्षत ! ढोल नगाड़े के साथ घर-घर पहुंच रही है राम टोली
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को हो रही रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. फतेहपुर (Fatehpur) में राम भक्तों की टोली गांव गली में गीत गाकर लोगों को दर्शन के लिए पीले अक्षत देकर निमंत्रण दे रही है.

Fatehpur News Today: अयोध्या में राम मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारत सहित पूरी दुनिया में खासा उत्साह देखा जा रहा है. राम टोली घरों में जाकर लोगों को इसके लिए पौराणिक तरीके से पीले अक्षत देकर आमंत्रित कर रही है. यूपी के फतेहपुर (Fatehpur) में भी लोगों के हर जाकर ढोल नगाड़े से गीत गाते हुए राम भक्तों की टोली उन्हें अयोध्या (Ayodhya) आने और प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रण दे रही है.
पौराणिक तरीके से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण
यूपी के फतेहपुर में राम भक्तों की टोलियां गाजे बाजे के साथ घर-घर जानकर राम गीत गाकर लोगों को पीले अक्षत (Pile Akshat) देकर अयोध्या आने का निमंत्रण दे रहे हैं. शनिवार को फतेहपुर के पक्का तालाब (Pakka Talab) के पास बजरंगदल (Bajrangdal) के आनंद तिवारी की अगुवाई में लोगों के घर जाकर मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के संघर्ष को बताते हुए 22 जनवरी के दिन राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया.
आनंद तिवारी कहते हैं कि यह एक स्वर्णिम काल है जिसे इतिहास हमेसा याद रखेगा. इस दिन हम सभी को अपने घरों में दिवाली माननी चाहिए जिस प्रकार राम जी के अयोध्या आने पर घर-घर दीप प्रज्ज्वलित करके खुशी मनाई गई थी वैसे ही इस अवसर पर हम सभी घरों की सजावट करते हुए राम धुन बजाते हुए बधाई देकर खुशी माननी चाहिए. इस कार्यक्रम में विनय मिश्रा, सुभाष गुप्ता, सचिन साहू और राज ठाकुर के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
राममंदिर आगमन के लिए क्यों दिए जा रहे हैं पीले चावल?
अयोध्या धाम (Ayodhya Dham) में राम लला (Ram Lala) की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरे भारत में लोगों को पीले अक्षत (Akshat) देकर क्यों आमंत्रित किया जा रहा है ये प्रश्न अक्सर लोगों के मन में आता है? आपको बता दें की पौराणिक मान्यताओं में लोगों को आमंत्रित करने के लिए हल्दी और अक्षत का प्रयोग किया जाता था उसी को ध्यान में रखते हुए रामचंद्र जी (Ram Chandra) के प्राण प्रतिष्ठा के लिए उन्हीं मान्यताओं के माध्यम से आमंत्रण भेजा जा रहा है. इन अक्षत को घर में पूजा स्थान में रखा जा सकता है