Fatehpur News: मां...मैं आ रहा हूं! आख़िरी बार कहे ये शब्द अब मां के कानों में हमेशा गूंजेंगे, रात भर लहूलुहान पड़ा रहा शव, कफ़न में लौटा बेटा
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 25 वर्षीय करन रैदास की मौत हो गई. मां को मायके से लाने निकला था, लेकिन रास्ते में बाइक पेड़ से टकरा गई. रातभर शव सड़क किनारे पड़ा रहा. सुबह ग्रामीणों ने देखा तो गांव में हड़कंप मच गया.

Fatehpur Road Accident News: सड़क पर पसरा सन्नाटा, रात की नीरवता को चीरती सिर्फ हवा की सनसनाहट, और एक टूटी हुई बाइक के पास लहूलुहान पड़ा एक नौजवान. यह मंजर जिसने भी देखा, उसकी रूह कांप उठी. 25 साल का करन रैदास, जो अपनी मां को मायके से लाने के लिए शनिवार की रात निकला था, अब कभी लौटकर नहीं आएगा. उसकी मौत ने मां की ममता को हमेशा के लिए सूना कर दिया.
दिल्ली से लौटकर मां की गोद में सुकून ढूंढ रहा था करन
फतेहपुर (Fatehpur) खागा कोतवाली (Khaga Kotwali) क्षेत्र के संवत गांव निवासी रमेश रैदास का बेटा करन कुछ सालों से दिल्ली में मज़दूरी करता था. चार महीने पहले ही वह अपने गांव लौटा था, क्योंकि उसे शहर की भीड़ में अब सुकून नहीं मिलता था. उसे अपनी मां की गोद, पिता की छांव और गांव की मिट्टी की सौंधी खुशबू चाहिए थी. लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था.
मां को लाने जा रहा हूं कहकर निकला था, फिर आया शव
शनिवार की रात करन ने अपनी मां से फोन पर बात की बताया जा रहा है कि उसकी मां भोगलपुर गांव, अपने मायके गईं थीं. बिना देर किए वह बाइक उठाकर निकल पड़ा. रास्ते में संवत-महिचा मार्ग पर तेज रफ्तार और अंधेरे ने मिलकर उसका सब कुछ छीन लिया. बाइक अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गई और करन की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
रातभर पड़ा रहा बेटा लहूलुहान, मां को खबर भी न थी
जिस मां को करन लेने निकला था, वह मायके में उसकी राह देख रही थी. उधर उसका बेटा ठंडी सड़क पर, खून से लथपथ, बेसहारा पड़ा था. पूरी रात उसका शव यूँ ही पड़ा रहा, न कोई मदद, न कोई पुकार. जब सुबह ग्रामीणों ने शव देखा तो पूरे गांव में मातम फैल गया..टूटी हुई बाइक और करन की निःशब्द देह, मानो कुछ कह रही थी "मां... तू वहीं रुकी रह गई, और मैं हमेशा के लिए चला गया"
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, मां बेसुध हुई
सुबह पुलिस को सूचना दी गई. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. जैसे ही करन के परिवार को खबर मिली, पिता रमेश रैदास और छोटे भाई घटनास्थल पर पहुंचे. मां को जब बेटे की मौत का समाचार मिला, तो वह ज़मीन पर गिर पड़ीं..उनका रो-रोकर बुरा हाल है.. बार-बार उसे एहसाह होता है कि करन उसे बुला रहा है.
क्या कहा पुलिस ने? कुछ सवाल अब भी जिंदा हैं
थानाध्यक्ष हेमंत कुमार मिश्रा ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है. लेकिन गांव में अब भी सवाल गूंज रहे हैं..क्या करन की जान बच सकती थी? अगर सड़क पर रोशनी होती, अगर कोई समय पर पहुंचता, अगर… ये सारे 'अगर-मगर'अब सिर्फ मां के आंसुओं में बह रहे हैं.