UP Fatehpur News: फतेहपुर में भ्रष्टाचार का खुलासा ! लेखपाल 5 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, एसडीएम ने किया सस्पेंड
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बिंदकी तहसील के घोरहा गांव में तैनात लेखपाल सीताराम को एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. जमीन के बंटवारे और नजरी नक्शा बनाने के एवज में घूस मांगने पर किसान ने शिकायत की थी. आरोपी को निलंबित कर दिया गया है.

UP Anti Corruption News: यूपी के फतेहपुर जिले की बिंदकी तहसील से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां घोरहा गांव में तैनात लेखपाल सीताराम को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. किसान की शिकायत के बाद प्रयागराज (Prayagraj) से पहुंची टीम ने तहसील परिसर में ट्रैप कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे सस्पेंड कर दिया गया है.
किसान ने रिश्वतखोरी से तंग आकर की थी शिकायत
तहसील के घोरहा गांव निवासी किसान चक्रदत्त तिवारी का फरवरी 2024 से एसडीएम न्यायिक की अदालत में जमीन के बंटवारे का मुकदमा चल रहा था. कोर्ट ने लेखपाल सीताराम को निर्देश दिया था कि वह हिस्सा फांट और नजरी नक्शा तैयार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे.
लेकिन आदेश के बावजूद लेखपाल जानबूझकर कार्य में देरी कर रहा था. जब किसान ने लेखपाल से काम में तेजी लाने की बात की तो उसने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी. किसान ने पहली किस्त के तौर पर रकम दी, मगर लेखपाल ने और पैसे की मांग कर दी. थक-हारकर किसान ने प्रयागराज स्थित एंटी करप्शन विभाग से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.
एंटी करप्शन की टीम ने रचा जाल, रंगेहाथ पकड़ा गया लेखपाल
विशेष कैमिकल पाउडर लगे हुए पांच हजार रुपये किसान को दिए गए. जैसे ही किसान ने तहसील परिसर में लेखपाल को पैसे दिए और उसने रकम अपनी जेब में रखी, टीम ने तुरंत दबिश देकर उसे रंगेहाथ पकड़ लिया. टीम ने लेखपाल की तलाशी ली और उससे वही पांच हजार रुपये बरामद कर लिए.
तहसील परिसर में हड़कंप, अधिवक्ता भी हो गए इकट्ठा
घटना के वक्त तहसील परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं और आम लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई. जैसे ही लेखपाल को पकड़कर एंटी करप्शन टीम ने घेरा, कई अधिवक्ता मौके पर पहुंच गए. हालांकि टीम ने तुरंत अपना परिचय दिया और कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी.
इसके बाद किसी ने कोई विरोध नहीं किया. टीम लेखपाल को पकड़कर सीधे कल्यानपुर थाने ले गई, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई.
एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से किया निलंबित
लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद बिंदकी एसडीएम सर्वेश सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. उन्होंने बताया कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद रिपोर्ट न देने और रिश्वत मांगने का मामला अत्यंत गंभीर है. जांच के बाद आरोपी के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आगे की विधिक कार्यवाही जारी है.
रिश्वतखोरी पर सख्ती की जरूरत, लोगों में जागरूकता जरूरी
इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार जैसे मामलों में यदि पीड़ित समय पर आवाज उठाए और शिकायत करे, तो दोषियों को सजा मिल सकती है. किसान चक्रदत्त तिवारी की जागरूकता ने एक भ्रष्ट अधिकारी को बेनकाब किया.
अब जरूरत है कि अन्य पीड़ित भी हिम्मत दिखाएं और ऐसे मामलों में चुप न बैठें. एंटी करप्शन जैसी संस्थाओं का सक्रिय होना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक सकारात्मक संकेत है.