Fatehpur News: फतेहपुर में दरोगाओं और कारखासों पर एसपी का चाबुक, 12 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर ! गाजीपुर को अभयदान
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में एसपी धवल जायसवाल ने भ्रष्टाचार और वसूली के आरोपों में चार दरोगाओं सहित 12 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया. हालांकि गाजीपुर के थानाध्यक्ष प्रमोद मौर्या पर फर्जी मुकदमे के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे चयनात्मक न्याय पर सवाल उठे हैं.

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में वर्षों से थानों में जमकर मनमानी कर रहे पुलिसकर्मियों पर शनिवार रात एसपी धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) का डंडा चला. चार दरोगाओं समेत कुल 12 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए.
जिनमें अधिकतर वही हैं जो थानों के ‘कारखास’ के रूप में लंबे समय से जमे हुए थे. इन पर वसूली, अनुशासनहीनता और जनप्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप थे. अचानक हुई इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.
वसूली और मनमानी की शिकायतों पर गिरी गाज
बीते कुछ महीनों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लगातार शिकायतें आ रही थीं कि कुछ पुलिसकर्मी थानों में गलत व्यवहार कर रहे हैं. वसूली, पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और गरीबों के शोषण की घटनाएं आम हो चुकी थीं.
एसपी धवल जायसवाल (IPS Dhawal Jaiswal) ने इन मामलों की पड़ताल कराई और जैसे ही आरोपों की पुष्टि हुई, बिना देरी के चार दरोगा और आठ सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया. इस फैसले से स्पष्ट संकेत गया है कि अब थानों में अनुशासन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जिन्हें हटाया गया, वो थे थानों के स्थायी चेहरे
लाइन हाजिर किए गए पुलिसकर्मियों में ललौली थाने के एसएसआई संतोष कुमार मिश्रा, एसआई सनद कुमार तिवारी, थरियांव से एसआई श्याम बहादुर सिंह शामिल हैं. महिचा मंदिर चौकी प्रभारी संजय यादव को एक स्थानीय नाई को अवैध रूप से चौकी में बंद करने के चलते दंडित किया गया.
इसके अतिरिक्त सिपाही राजेंद्र सिंह (खखरेरू थाना), दिनेश चंद्र और राम कुमार (ललौली), विपुल यादव (हुसैनगंज), चंद्रवीर (सदर कोतवाली), तथा पीआरवी में तैनात पवन कुमार, दीपू कुमार और विकास कुमार को भी लाइन हाजिर किया गया है.
पीआरवी बनी थी वसूली का जरिया, जांच में खुला राज
सबसे चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब रारी मोड़ पर लकड़ी लदे एक ट्रैक्टर चालक से पीआरवी टीम द्वारा वसूली की गई. इसकी जांच सीओ स्तर से कराई गई और आरोप सिद्ध होने पर पीआरवी कर्मियों को भी हटाया गया. यह मामला पुलिस के उन चेहरों को उजागर करता है जो कानून की रक्षा के नाम पर अपना निजी कारोबार चला रहे थे.
लेकिन गाजीपुर थानाध्यक्ष पर अब भी रहम
जहां एक ओर एसपी धवल जायसवाल द्वारा पुलिस विभाग में अनुशासन और जवाबदेही को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है, वहीं दूसरी ओर गाजीपुर थानाध्यक्ष प्रमोद मौर्या पर अब भी मेहरबानी बरती जा रही है.
धनसिंहपुर ग्राम पंचायत में बीते दिनों हुई एक घटना में एसएचओ प्रमोद मौर्या ने ग्राम प्रधान और उनके परिवार पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया. चौंकाने वाली बात यह है कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी, जिसमें ग्राम प्रधान पक्ष की बेगुनाही स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है.
बावजूद इसके प्रमोद मौर्या के खिलाफ अब तक कोई विभागीय जांच या कार्रवाई नहीं की गई, जिससे पुलिस विभाग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
कारखासी से हटने लगे सिपाही—सिस्टम में हलचल
जैसे ही कार्रवाई की खबर फैली, थानों में वर्षों से जमा सिपाही खुद को 'कारखासी' व्यवस्था से अलग कराने की गुहार लगाने लगे. कई सिपाहियों ने खुद को थाने की जिम्मेदारी से हटाने की मांग की है. यह बदलाव पुलिस महकमे में वास्तविक शुद्धिकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.