फतेहपुर:राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की ज़िद पर अड़े रहे कांग्रेसी..सड़क पर लेट जाने की धमकी के बाद झुका प्रशासन!
फतेहपुर प्रवास पर एक दिन के लिए यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर ज्ञापन देने की मांग पर अड़े कांग्रेसियों के सामने आखिरकार जिला प्रशासन को झुकना पड़ा..पढ़े इसी खबर पर युगान्तर प्रवाह की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट।
फतेहपुर:ज़िले में आई यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जैसे ही कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल थरियांव से अपना पहला कार्यक्रम संपन्न कर वापस चौफेरवा स्थित पॉवर ग्रिड के गेस्ट हाउस पहुंची तो गेट के बाहर क़रीब आधा सैकड़ा कांग्रेसी जिला अध्यक्ष अखिलेश पांडेय के नेतृत्व में पहुंच राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन देने के लिए जिला प्रशासन से बात कही।
लेक़िन प्रशासन ने कांग्रेसियों को मिलने की अनुमति नहीं दी।अनुमति न मिलने के बाद कांग्रेसी हंगामा करते रहे काफ़ी देर तक चले हंगामे के बाद भी जब प्रशासन राज्यपाल से मिलने का मौका देने के लिए तैयार नहीं हुआ तो सभी कांग्रेसियों ने गेस्ट हाउस के बाहर ही सड़क पर लेट जाने की धमकी दे दी है।कांग्रेसियों की धमकी के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया और फ़िर तब जाकर उसने राज्यपाल की अनुमति से कांग्रेस के दो सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन देने की अनुमति दी।
राज्यपाल के दौरे को लेकर कांग्रेसियों में था उत्साह-जिलाध्यक्ष!
काँग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए बताया कि राज्यपाल के दौरे को लेकर कांग्रेसियों में उत्साह था और सभी लोग चाहते थे कि राज्यपाल से मिलकर जनपद में व्याप्त कुछ बड़ी समस्याओं के सम्बंध में 11 सूत्रीय ज्ञापन दिया जाए लेक़िन जिला प्रशासन मिलने की अनुमति ही नहीं दे रहा था।अखिलेश पांडेय ने कहा कि जब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सड़क पर लेट जाने की बात कही तब जाकर प्रशासन झुका।जिलाध्यक्ष ने बताया कि राज्यपाल से मिलकर जनपद में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के सम्बंध में 11 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया है और कुछ बड़ी समस्याओं को मौखिक रूप से भी राज्यपाल महोदया को अवगत कराया गया है जिस पर उन्होंने कहा है कि इन दिक्कतो को जल्द से जल्द दूर करवाया जाएगा।
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राज्यपाल के दौरे को लेकर कांग्रेसी नेता शिवाकांत तिवारी ने कुछ सवाल भी उठाएं हैं उन्होंने युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए कहा कि शायद मोदी जी को योगी जी पर अब भरोसा नहीं रहा है इसी लिए गुजरात से लाकर आनंदीबेन पटेल को राज्यपाल बनाया गया और फिर अब उन्हें ज़िले ज़िले में भेजकर भाजपा के नेताओ से मुलाकात करवाकर प्रदेश की स्थिति का जायज़ा लिया जा रहा है उन्होंने कहा कि फतेहपुर में जिस तरह से भाजपा के छोटे से छोटे नेताओं से मुलाकात राज्यपाल महोदया ने की उससे तो यह लगता है कि वह राज्यपाल नहीं ज़िले की प्रभारी मंत्री हैं।वहीं दूसरी ओर जिले की जनसमस्याओं के बाबत राज्यपाल को ज्ञापन देने के कांग्रेसियों को इतना संघर्ष करना पड़ा।तिवारी ने यह भी कहा कि राज्यपाल किसी पार्टी विशेष का नहीं होता है वह तो सबको साथ मे लेकर चलने का काम करता है लेक़िन भाजपा सरकार में राज्यपालो को भी प्रभारी मंत्री जैसे बना दिया गया है।