
Up News In Hindi: सड़क दुर्घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट हुआ सख्त ! ट्रैक्टर-ट्रॉली से अब नहीं होगें ये काम, कानून बनाने पर करे सरकार विचार
Allahabad Highcourt News
आए दिन हो रही ट्रैक्टर-ट्रालियों (Tractor-Trolley) से सड़क दुर्घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट (Highcourt) ने चिंता व्यक्त करते हुए अब गंभीर और सख्त रवैया अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को कहा है कि ट्रैक्टर ट्रॉली का प्रयोग केवल कृषि कार्य (Agricultural Operation) में ही किया जाए. ईट, बालू या अन्य चीजों की ढुलाई (Transportation) के लिए इस पर रोक लगाई जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि दुर्घटनाओं में अंकुश लगाने के लिए सरकार कानून बनाने पर विचार कर सकती है.

सड़क दुर्घटनाओं को लेकर हाइकोर्ट गम्भीर, लगाई जाए लगाम
आए दिन अक्सर सड़कों और हाईवे पर देखा जाता है कि अनाधिकृत रूप से ट्रैक्टर-ट्रालियों (Tractor-Trolley) का सिर दर्द बना रहता है डर यह रहता है कि लोडेड ट्रॉलियां कब पलट (overturned) जाएं. जरा सा भी घुमावदार मोड़ आया समझो ट्रॉली पलटी, जिसकी वजह से बड़े हादसे हो रहे है लोगों की जानें जा रही है. फिर भी इस तरह से ईंट, मौरंग, गिट्टी व बालू लोडेड ट्रेक्टर ट्रालियों पर अंकुश नहीं लग सका. अब हाइकोर्ट इस मामले में सख्त और गम्भीर (Serious) हुआ है. इस मामले में सरकार को कानून (Law) बनाने के लिए विचार करने को कहा है. यह भी निर्देश दिए हैं कि ट्रैक्टर ट्रालियों का उपयोग केवल कृषि कार्य (Agricultural Operation) में हो.

ट्रैक्टर-ट्रॉली से केवल कृषि का हो कार्य
दरअसल फिरोजाबाद के अरांव थाना क्षेत्र में बीते दिनों ट्रैक्टर ट्राली से हुई दुर्घटना में मौत के आरोपी संजय की सुनवाई को लेकर कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है इसके साथ ही आरोपित की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग कृषि कार्य में ही हो. ट्रैक्टर ट्रॉली का मुख्य कार्य कृषि है जिससे खेतों की जुताई, बुवाई, कटाई व अन्य कृषि कार्य से संबंधित ढुलाई का काम होता है. लेकिन अवैध और अनधिकृत तरह से अक्सर देखा जा रहा है कि ट्रैक्टर-ट्राली से ईट, बालू, मौरंग, गिट्टी भरकर तेज रफतार से ढुलाई की जा रही है.
ट्रैक्टर-ट्रालियों के पलटने की रहती है सम्भावना
आएदिन हाइवे व सड़कों पर फर्राटा भर रहे ट्रैक्टर ट्राली से दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जा रही है. अक्सर देखा जाता है ट्रैक्टर ट्राली सड़कों, गलियों और मोहल्ले से भी होकर गुजरते हैं और बाजारों से भी गुजरते है जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खास तौर पर पलटने के चांस ज्यादा रहते है क्योंकि लोडेड ट्रॉली अक्सर चढ़ाई व मोड़ पर पलटती हुई देखी जाती रही है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से कृषि कार्य के लिए एक कानून बनाने के लिए कहा है केवल ट्रैक्टर ट्राली का कार्य कृषि उपयोग के लिए ही किया जाए.
बिना लाइसेन्स के दौड़ाते ट्रैक्टर
कोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्राली की बनावट केवल कृषि कार्य के दृष्टिकोण से ही बनाई गई है. जिसे केवल मैदानी और खेतों में चलाया जा सकता है. ट्रैक्टर आगे से छोटा और पीछे उसकी ट्रॉली काफी बड़ी होती है ट्रैक्टर में ना तो लाइट लगी होती है ना ही इंडिकेटर जिसके कारण रात में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है. हमेशा ट्रैक्टर पलटने का भी खतरा बना रहता है जिससे बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती है. अनाधिकृत रूप से ट्रैक्टर चालक बिना लाइसेंस के ही ट्रैक्टर चलाते हैं. कोर्ट ने कहा कि ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग रजिस्टर्ड गैर कृषि कार्यों के लिए किया जाना केंद्रीय मोटर यान अधिनियम 1988 और उत्तर प्रदेश मोटरयान कर आधार नियम 1998 का उल्लंघन है.
कानून बनाने पर करे विचार
कोर्ट ने परिवहन विभाग को भी निर्देशित किया है कि ट्रैक्टर ट्राली को अनावश्यक रूप से मुख्य मार्गों पर ना चलाया जाए जिससे दुर्घटनाओं पर अंकुश और लोगों को मौत के मुंह से बचाया जा सके. ट्रैक्टर-ट्राली का इस्तेमाल केवल कृषि कार्यों में ही लगाया जाए और उन्हें केवल खेती संबंधित माल ढोने के लिए ही प्रयोग में लाया जाए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इसके लिए अगर कानून भी बनाना पड़े तो सरकार इस दिशा की ओर विचार कर सकती है.