Mukhtar Ansari Death: मौत से पहले फोन पर किससे मुख्तार ने कहा हम ठीक से बैठ भी नहीं पा रहे, बेहोशी टाइप आ रही ! आप हिम्मत रखिये जमजम और खजूर लाऊंगा
Mukhtar Ansari News
मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत से पहले का बेटे उमर अंसारी (Umar Ansari) के साथ मुख़्तार की फोन पर बातचीत का ऑडियो सामने आया है. यह ऑडियो करीब 1 या दो दिन पुराना बताया जा रहा है. इस पूरी बातचीत में जेल में बंद मुख्तार अपनी खराब तबियत (Ill Health) को लेकर उमर को बता रहा है. उमर भी पिता मुख़्तार को हिम्मत रखने की बात कर रहा है. जल्द से जल्द मिलने की बात और जमजम व खजूर साथ लाने की बात कर रहा है.
मुख्तार और बेटे उमर के बीच आखिरी बात
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की बाँदा जेल (Banda Jail) में बंद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की गुरुवार शाम अचानक तबियत बिगड़ (Ill Health) गई जहां जेल पुलिस गम्भीर हालत में मुख्तार को मेडिकल कॉलेज लायी. वहां इलाज के दौरान ही मुख्तार को कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) पड़ा जिसमे उसकी मौत हो गई. उधर परिजनों व मुख्तार ने स्लो पॉइज़न (Slow Poison) का भी आरोप लगाया था. इस बीच मुख्तार की मौत से पहले का बेटे उमर संग एक फोन पर बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है. हालांकि युगान्तर प्रवाह इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता. यह ऑडियो करीब 1 या दो दिन पुराना बताया जा रहा है.
मुख्तार और उमर के बीच क्या हुई बातचीत

आप जैसी हिम्मत किसके पास है. हिम्मत रखिये, रमजान का पाक महीना है, इंशाअल्लाह हम जल्द ही हज करेंगे. कोई और होता अब तक मर गया होता. कोर्ट में हूँ आपसे जेल में मिलने आऊंगा परमिशन ले रहा हूँ, मुख्तार ने कहा कि वह व्हीलचेयर के सहारे हैं उमर ने पूछा आप वाशरूम जा रहे है, मुख्तार ने बताया 10 दिन से वाशरूम नहीं हो रहा. उमर ने कहा मैं आपके लिए जमजम, खजूर और फल लेकर आऊंगा. ये बातचीत मुख्तार और उसके बेटे उमर की बताई जा रही है.
पूर्वांचल के डॉन का था ऐसा दबदबा
माफिया गिरी से लेकर राजनीति तक का सफर और जेल से ही कई साल तक राजनीति में अपना सिक्का जमाये रखा. मुख्तार अंसारी के परिवार स्वतंत्रता सेनानी से जुड़ा रहा दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. मुख्तार को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था पिता भी अच्छा क्रिकेट खेलते थे.
डॉन मुख़्तार की कहानी का द एंड
5 बार का विधायक मुख्तार सुर्खियों में तब आया जब कृष्णनन्द रॉय की हत्या का आरोप लगा था. 60 से ज्यादा मुकदमे जिनमे हत्या से लेकर अपहरण तक के मामले मुख्तार पर दर्ज थे. कई मामलों में तो वह पहले ही सजा काट चुका था. मऊ दंगा भड़काने के मामले में सुर्खियों में आया. पंजाब से लेकर तमाम पूर्वांचल के जिलों में मुख्तार का दबदबा हुआ करता था. बांदा जेल में वह पिछले कुछ सालों से कैद था, इन दिनों जेल में उसकी तबियत बिगड़ी उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई. फिलहाल पूर्वांचल के डॉन की कहानी यहीं समाप्त हो गयी.
