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Mukhtar Ansari Ki Maut: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत कैसे हुई ? कभी पूर्वांचल की राजनीति में रहा दबदबा, बांदा में निकली जान

Mukhtar Ansari Ki Maut: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत कैसे हुई ? कभी पूर्वांचल की राजनीति में रहा दबदबा, बांदा में निकली जान
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत : Image Credit Original Source

Banda News In Hindi

पूर्वांचल (Purvanchal) के डॉन माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की हार्ट अटैक (Heart Attack) के चलते मौत (Died) हो गई. बताया जा रहा है जेल में ही उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें बाँदा मेडिकल कॉलेज (Banda Medical College) में भर्ती कराया गया था इलाज के दौरान मुख़्तार ने दम तोड़ दिया. दो दिन पहले तबियत बिगड़ी थी उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया. ठीक होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. शाम को दोबारा मुख्तार की हालत बिगड़ी और बेहोशी हालत में बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहाँ डॉन मुख्तार की मौत हो गई. परिजनों व खुद मुख्तार ने उन्हें धीमा जहर देने का आरोप भी लगा चुके है. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने प्रशासन को निर्देशित किया है कि किसी भी हाल में शांति व्यवस्था न बिगड़े.

डॉन मुख़्तार अंसारी की मौत

पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की गुरुवार को शाम अचानक जेल में तबीयत फिर से बिगड़ गई. आनन-फानन में जेल प्रशासन उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज (Banda Medical College) लेकर पहुंची जहां इलाज के दौरान मुख्तार की मौत हो गई. मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है. मुख्तार की मौत के बाद से उनके गांव गाजीपुर में लोगों का जुटना घर पर शुरू हो गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने आवास पर बैठक करते हुए पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि शांति व्यवस्था बनाये रखें. मुख्तार की मौत के बाद प्रयागराज, गाजीपुर, बांदा और मऊ में अलर्ट जारी किया गया है. वही पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. हमीरपुर के बॉर्डर पर भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. उधर मुख्तार की मौत की सूचना मिलते ही गाजीपुर स्थित मुख्तार के घर पर लोगों की भीड़ जुटना शुरु हो गई है. फिलहाल 8 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार का पोस्टमार्टम करेगा जिसके बाद उसका शव गाजीपुर भेजा जाएगा. दरअसल मुख्तार ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उसे खाने में स्लो पॉइज़न दिया जा रहा था.

कभी हुआ करता था पूर्वांचल का माफिया डॉन, 61 केस थे दर्ज

पूर्वांचल के डॉन माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की सूचना आते ही प्रदेश में अलर्ट कर दिया गया है. कई जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. लगातार सड़कों पर पुलिस फोर्स मार्च कर रहा है. जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे. कभी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में दहशत का नाम मुख्तार अंसारी हुआ करता था जिसके ऊपर गैंगस्टर के करीब 61 मुकदमे दर्ज थे. बड़ी-बड़ी मूंछे और लम्बी-चौड़ी कद काठी, कुर्ता पायजामा पहनने वाला मुख्तार का पूर्वांचल में बड़ा खौफ था.

पहला केस 1988 में मुख्तार पर लगा था जिसमे उसके द्वारा कांस्टेबल राजेन्द्र सिंह की हत्या का आरोप था. बांदा जेल में करीब पिछले कुछ वर्षों से बंद था. दो दिन पहले ही मुख्तार की तबीयत बिगड़ी थी जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था. हालत ठीक होने के बाद फिर से जेल में शिफ्ट कर दिया गया. आज शाम फिर से मुख़्तार की अचानक तबियत बिगड़ गई बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मुख्तार की मौत हो गई.

जेल में रहकर जीतता रहा चुनाव

मुख्तार के ऊपर 61 केस दर्ज है जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, सीएलए एक्ट उस पर लगी हुई थी जिनमें आठ मामलों में पहले ही जेल जा चुका था. मुख्तार अंसारी का नाम तब चर्चा में आया जब उसपर वाराणसी के बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप लगा. हालांकि वह इस मामले में बरी कर दिया गया था.

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फिर मऊ में दंगा भड़काने के मामले में मुख्तार ने गाज़ीपुर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया. इसके बाद उसे गाजीपुर जेल के बाद मथुरा भेजा गया, मथुरा जेल में रहने के बाद फिर आगरा जेल और आगरा से फिर बांदा जेल भेजा गया. बताया जा रहा है कि मुख्तार का आधा जीवन जेल में ही बीता और जेल में ही उसकी राजनीति चलती रही जहां उसने अपना दबदबा बनाये रखा और चुनाव जीतता रहा. मुख्तार बसपा से टिकट पाकर मऊ से दो दफा एमएलए और 3 बार जेल में रहकर चुनाव जीते. पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजल को कृष्णानंद राय ने हराया था. तबसे अंसारी बन्धुओ ने कृष्णानन्द राय को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी.

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बांदा जेल में किया गया था शिफ्ट

एक मामले में मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल में भेजा गया जहां पर वह कई दिन तक बंद रहा मुख्तार ने लगभग सभी पार्टियों को अपनाया लेकिन भाजपा से हमेशा दूरी बनाए रखी और वह यूपी से भी दूर रहना चाहता था लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के द्वारा मुख्तार को यूपी में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया जिसके बाद उसे 7 अप्रैल 2021 को पंजाब के रोपण जेल से निकालकर आगरा, इटावा औरैया के रास्ते उसे बांदा जेल में शिफ्ट कर दिया गया. तबसे वह जेल में बंद था.

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