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Uttar Pradesh News: यूपी की इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध 70 B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द ! जानिए क्यों किया गया फैसला

Uttar Pradesh News: यूपी की इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध 70 B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द ! जानिए क्यों किया गया फैसला
आगरा की भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से 70 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द (प्रतीकात्मक फोटो): Image Credit Original Source

UP News In Hindi

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीएड शिक्षा को बड़ा झटका लगा है. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 70 कॉलेजों की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने रद्द कर दी है. इनमें बीएड, बीपीएड और एमएड कोर्स वाले संस्थान शामिल हैं. अब ये कॉलेज 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.

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Uttar Pradesh News: यूपी के बीएड छात्रों के लिए बड़ा झटका सामने आया है. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 70 कॉलेजों की मान्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने रद्द कर दी है. इनमें बीएड के अलावा बीपीएड और एमएड कोर्स संचालित करने वाले संस्थान भी शामिल हैं. अब ये कॉलेज 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर कर दिए गए हैं, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है.

NCTE की सख्त कार्रवाई से बीएड कॉलेजों में मचा हड़कंप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने देशभर में अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता की जांच के तहत बड़ा कदम उठाया है. परिषद ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 70 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है.

इन संस्थानों में 67 बीएड, 2 बीपीएड और 1 एमएड कॉलेज शामिल हैं. इस कार्रवाई के बाद अब ये कॉलेज आगामी सत्र 2025-26 की काउंसलिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. NCTE ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और निर्धारित मानकों के पालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.

रिपोर्ट नहीं देने वाले कॉलेजों पर गिरी गाज

NCTE ने बीते वर्षों 2021-22 और 2022-23 की परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों से मांगी थी. परिषद ने रिपोर्ट जमा करने के लिए कई बार समय सीमा बढ़ाई, लेकिन फिर भी तमाम कॉलेजों ने तय समय में रिपोर्ट नहीं भेजी.

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इसके बाद परिषद ने कारण बताओ नोटिस जारी किए. लेकिन जवाब न मिलने पर आखिरकार परिषद को मान्यता समाप्त करने का निर्णय लेना पड़ा. देशभर में करीब 2200 संस्थानों की मान्यता समाप्त की गई है, जबकि कई और कॉलेजों की जांच अभी भी जारी है.

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70 कॉलेजों की सूची में शामिल हैं बीएड, बीपीएड और एमएड

NCTE की इस कार्रवाई की जद में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेज भी आ गए हैं. कुलसचिव अजय मिश्रा ने पुष्टि की कि विश्वविद्यालय से संबद्ध 70 कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी गई है.

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इनमें से 67 कॉलेज बीएड के हैं, जबकि 2 बीपीएड और 1 एमएड कॉलेज भी शामिल हैं. इससे इन कॉलेजों की हजारों सीटें अब काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगी. यह फैसला आगरा, मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद जैसे जिलों में संचालित कॉलेजों पर सीधा असर डालेगा.

इन जिलों के ये प्रमुख कॉलेज हुए बाहर, जानिए पूरी सूची

आगरा जिले से प्रभावित संस्थानों में शामिल हैं: सी इंपेक्ट इंस्टीट्यूट, एचएल वर्मा महाविद्यालय, एमडी कॉलेज, श्रीराम महाविद्यालय, मां दुर्गा कॉलेज, विजय स्वरूप महिला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, श्री पूरन प्रसाद गुप्ता मेमोरियल डिग्री कॉलेज और श्री सौदान सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन.

मथुरा जिले के प्रमुख संस्थानों में शामिल हैं

मथुरा जिले में राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, श्री गिरिराज महाराज कॉलेज, डीपी एजुकेशन इंस्टीट्यूट, एनएसएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन और आरबीएस कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं.

फिरोजाबाद जिले के प्रमुख संस्थानों में शामिल हैं

फिरोजाबाद जिले में एसआरके कॉलेज, मां अंजनी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, माइंड पावर एजुकेशन कॉलेज और एसआरडी कॉलेज को भी सूची से बाहर कर दिया गया है.

 मैनपुरी जिले के प्रमुख संस्थानों में शामिल हैं

मैनपुरी जिले से बाबूराम यादव डिग्री कॉलेज, केबीए महिला महाविद्यालय, शांतिदेवी महाविद्यालय, विक्रम शिक्षा निकेतन महाविद्यालय और चौधरी हरिद्वारी लाल महाविद्यालय जैसे संस्थानों को काउंसलिंग से बाहर किया गया है.

छात्रों के लिए नई चिंता, भविष्य की राह मुश्किल

इस कार्रवाई से सबसे अधिक प्रभावित वे छात्र होंगे जो 2025-26 में बीएड या अन्य शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की तैयारी कर रहे थे. इन कॉलेजों की मान्यता समाप्त होने से न सिर्फ सीटों की संख्या घटेगी बल्कि छात्रों को अब वैकल्पिक संस्थान खोजने पड़ेंगे.

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम जरूरी तो है लेकिन छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी समय रहते सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि वे भ्रम की स्थिति में न रहें.

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