KGMU Big Achievement: केजीएमयू के डॉक्टर्स ने बनाया कृत्रिम कान ! मरीज पर किया सफल प्रयोग
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यहां के डॉक्टर्स ने कृत्रिम कान बनाकर एक मरीज पर इसे इम्प्लांट किया है. डाक्टरों के इस कार्य की हर तरफ चर्चा है.
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हाईलाइट्स
- केजीएमयू अस्पताल के डाक्टर्स ने किया कमाल, बनाया कृत्रिम कान
- मरीज पर किया इम्प्लांट, प्रयोग हुआ सफल हर तरफ चर्चा
- 3 डी प्रिंट के जरिये इमेज बनाकर बनाया गया कृत्रिम कान
Miracle of KGMU doctors made artificial ear : डाक्टर्स को धरती का भगवान इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वह अपने अनुभव, कौशल के जरिये बड़ी से बड़ी गम्भीर बीमारी की समस्या का निदान कर सकता है.कहते हैं कि डॉक्टर के हाथों में जादू होता है.कुछ ऐसा ही अजब-गजब कारनामा केजीएमयू के दंत संकाय के डॉक्टर्स ने कर दिखाया है, जिनकी हर तरफ चर्चा के साथ प्रशंसा की जा रही है.
केजीएमयू के डॉक्टर्स ने बनाया कृत्रिम कान
लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डाक्टर्स ने नई तकनीकी का प्रयोग कर कृत्रिम कान बनाया है.दरअसल एक मरीज जिसके जन्म से ही एक कान नहीं था.हालांकि उसे सुनने में कोई समस्या नहीं आती थी.लेकिन शायद एक कान न होने की वजह से कहीं न कहीं समस्या उत्तपन्न होती थी.डाक्टर सौमयेंद्र विक्रम सिंह व उनकी टीम ने मिलकर मरीज के लिए कृत्रिम कान बनाकर इम्प्लांट किया है.जो दिखने में बिल्कुल असली लगता है.
कुछ मरीजों में जन्म से ऐसा होता है
ट्रांसप्लांट के लिए इसमें कान के आकार की 3 डी प्रिंट के जरिये इमेज बनाकर प्रयोग किया गया.इस प्रत्यारोपण में डाक्टर्स को सफलता मिली है.डाक्टर्स का कहना है कि मरीज के जन्म से ही कान नहीं था.ऐसा इसलिए होता है कि नार्मल चेहरा की अपेक्षा कोई चेहरा ग्रोथ कम करता है,जिससे एक कान का न होना या छोटा कान होना जैसी समस्या रहती है.
3 डी प्रिंट के जरिए इमेज बनाकर बनाया कृत्रिम कान
चिकित्सक का कहना है कि मरीज के एक कान का प्रत्यारोपण कर इसे फिक्स कर दिया. जिससे यह असली दिखाई देगा.और मरीजों को समस्या भी नहीं होगी.यह 3 डी प्रिंट के जरिये यह कृत्रिम कान बनाया है.इस कान को बार-बार चिपकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.सिर की हड्डी में पेंच लगाकर इसे मैग्नेट से फिक्स कर दिया गया है.ये प्रकिया सफल रही.फिलहाल केजीएमयू के इस कार्य की चारो ओर चर्चा है.