लखनऊ कैबिनेट बैठक: आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की उम्मीदों से लेकर ई-बसों के सपनों तक, 15 बड़े फैसले

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक आम जनता, कर्मचारियों और कारोबारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई. 16 प्रस्तावों में से 15 पर मुहर लगी, जबकि कृषि से जुड़ा एक प्रस्ताव फिलहाल टाल दिया गया. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थिरता लाने से लेकर लखनऊ और कानपुर की सड़कों पर 200 नई ई-बसों का सफर शुरू करने तक कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए.
Lucknow Cabinet Meeting: यूपी की राजधानी लखनऊ में मंगलवार सुबह लोकभवन में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी टीम के साथ कैबिनेट बैठक की शुरुआत की, तो सबकी निगाहें उन फैसलों पर टिकी थीं जो प्रदेश की तस्वीर बदल सकते थे.
बैठक खत्म होते-होते सरकार ने 15 अहम प्रस्तावों को मंजूरी देकर यह साफ कर दिया कि उसकी प्राथमिकता जनता की भलाई और विकास है. इस बैठक में लिए गए फैसले सिर्फ कागजों पर नहीं बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी में असर डालने वाले हैं.
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मिली सुरक्षा की गारंटी
प्रदेश भर के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही चिंता को सरकार ने दूर कर दिया. कैबिनेट ने 'उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम' के गठन को हरी झंडी दे दी. अब कर्मचारियों की भर्ती जेम पोर्टल से होगी और उनकी नौकरी की अवधि तीन साल तय होगी.
लखनऊ और कानपुर की सड़कों पर दौड़ेंगी 200 ई-बसें
लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों में प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या के बीच सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. कैबिनेट ने 100-100 ई-बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इन आधुनिक बसों से शहरवासियों को आरामदायक सफर मिलेगा.
हर रूट पर शुरुआत में एक बस चलाई जाएगी, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. खास बात यह है कि किराया सरकार तय करेगी और चार्जिंग स्टेशन की सुविधा भी खुद सरकार उपलब्ध कराएगी. 12 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर चलने वाली ये बसें शहरी परिवहन की तस्वीर बदल देंगी.
निवेश और रोजगार के नए दरवाजे खुले
बैठक में 'उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022' के तहत कंपनियों को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने का फैसला हुआ. इसका सीधा फायदा युवाओं को मिलेगा क्योंकि नई कंपनियां प्रदेश में उद्योग लगाएंगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे. सरकार का दावा है कि इस कदम से हजारों युवाओं को नौकरी मिलेगी और निवेशक यूपी में कारोबार करने के लिए और ज्यादा उत्साहित होंगे.
यूपी बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब
आईटी विभाग के प्रस्ताव 'उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025' को भी मंजूरी मिली. इस नीति का मकसद है कि यूपी देश ही नहीं बल्कि दुनिया का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बने. मोबाइल से लेकर कंप्यूटर और चिप्स बनाने वाली कंपनियों को यहां निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा. इससे प्रदेश तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनेगा और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके खुलेंगे.
नई निर्यात नीति और आम लोगों को राहत
कैबिनेट ने यूपी की नई निर्यात नीति को भी मंजूरी दी है. यह नीति 2030 तक लागू रहेगी और इसमें निर्यातकों व कारोबारियों को खास रियायतें दी जाएंगी ताकि वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें. वहीं आम लोगों के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है. अब पैतृक संपत्ति का बंटवारा करने के लिए रजिस्ट्री सिर्फ 5,000 रुपये शुल्क पर हो सकेगी. इससे उन परिवारों को राहत मिलेगी जिनके पास पहले भारी-भरकम शुल्क भरने की क्षमता नहीं थी.