Human Trafficking In Kanpur : मानव तस्कर गिरोह ने सुरेश को दी थीं कड़ी यातनाएं,जानिए फिर क्या हुआ
कानपुर के सीधे साधे युवक को मानव तस्कर गिरोह ने पहले लालच देकर जाल में फंसाया और बन्धक बनाकर उसके हाथ पैर तोड़ दिये ,इतने से मन नहीं भरा तो जालिमों ने आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया और कड़ी यातनाओं के साथ भीख मंगवाने को मजबूर कर दिया.किसी तरह गिरोह के चंगुल से छूटा पिछले 8 महीने से इतनी यातनाएं झेल चुके शरीर ने जवाब दे दिया ज्यादा संक्रमण की वजह से युवक ने दम तोड़ दिया.
हाईलाइट्स
- मानव तस्करों के गिरोह ने दी थीं कानपुर के सुरेश को कड़ी यातनाएं,मौत
- शरीर मे फैल गया था संक्रमण ,काटते रहे अस्पतालों के चक्कर
- मानव तस्कर गिरोह के चंगुल से छुटा था सुरेश
Suresh Manjhi was severely tortured by human traffickers : कानपुर के सुरेश मांझी की अलग ही कहानी है. पिछले 1 वर्ष से सुरेश को न जाने कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ा मानव तस्कर गिरोह ने इतनी यातनाएं दी और शरीर से लाचार बना दिया और बाहर ले जाकर उसे अपने गिरोह में शामिल कर लिया जहाँ उससे भीख मंगवाई गई किसी तरह से सुरेश बीते नवंबर को उनके गिरोह के चंगुल से छूट कर पहुंचा इसी तरह उसकी तबीयत बिगड़ गई थी शरीर में काफी संक्रमण फैल गया था जिसकी वजह से कभी दिल्ली कभी कानपुर इलाज के लिए भटकता रहा हैलट में उसे भर्ती किया गया था शरीर मे फैले संक्रमण की वजह से सुरेश की मौत हो गई.
किस तरह से मानव तस्करों ने उसे फंसाया
कानपुर नौबस्ता मछरिया निवासी सुरेश मांझी मूल रूप से बिहार का रहने वाला था, वह अपने बड़े भाई रमेश के साथ रहता था. बताया जा रहा है 2022 मई में गुलाबी बिल्डिंग मछरिया निवासी विजय जो उसके पड़ोस में रहता था उसने काम दिलाने के बहाने उसे अपने साथ ले गया और उसे अपने जाल में फंसाया. दरअसल उसका इरादा कुछ और ही था, यहां वह इसे मानव तस्कर गिरोह में शामिल कर इसे बेचना चाह रहा था.
कानपुर में ही विजय ने अपने गिरोह के साथ सुरेश को बंधक बनाकर रखा और पहले उसके हाथ पैर तोड़ दिए. फिर सोते वक्त केमिकल डालकर उसे अंधा कर दिया. कई दिनों तक कड़ी यातनाएं दी . जिसके बाद दिल्ली के नांगलोई में भीख मांगने वाले गिरोह के सरगना राज नागर को 70 हज़ार रुपये में बेच दिया. इतनी यातना झेलने के बाद सुरेश के पास कोई काम नहीं बचा था तो उसने भीख मांगना शुरू कर दिया था लेकिन शरीर में बढ़ते संक्रमण की वजह से राज नागर में उसे फिर से विजय को सौंप दिया.
चंगुल से छूटकर पुलिस से की थी शिकायत
किसी तरह से सुरेश विजय के चंगुल से छूट निकला और अपने परिजनों को आपबीती बताई जिसके बाद परिजनों की तहरीर के आधार पर नौबस्ता पुलिस ने मानव तस्करी अंग भंग करने और बंधक बनाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.जिसमें गिरफ्तारी भी हुई . उधर दिनबदिन सुरेश का शरीर में संक्रमण बढ़ रहा था क्योंकि शरीर के हर जगह पर घाव थे. गंभीर हालत में सुरेश को परिजनों ने पहले उर्सला में दिखाया तो कभी उसे दिल्ली के अस्पताल भी लेकर गए .
पर्याप्त इलाज ना मिल पाने के कारण उसे फिर से कानपुर वापस आना पड़ा जहां उसे हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार को सुरेश की हालत बिगड़ गई जिसके बाद परिजनों से काशीराम अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर सीएमएस ने सुरेश माझी को प्राथमिक उपचार के बाद हैलट रिफर कर दिया था जहां उसकी देर रात मौत हो गई.
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस ने मानव तस्करी के सरगना राज नागर और उसकी मां आशा को गिरफ्तार कर लिया था.तीसरे आरोपी विजय ने कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया था. विजय की बहन तारामती फरार चल रही है जिस पर 20 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित है.