यूपी:कब थमेगा शिक्षामित्रों की मौत का सिलसिला..?आग लगा शिक्षामित्र ने ख़त्म किया जीवन!
समायोजन रद्द होने के चलते काफ़ी समय से आर्थिक तंगहाली से गुज़र रहे प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षामित्रो के मरने सिलसिला बदस्तूर जारी है।ताज़ा मामला गोंडा जिले का है...पढें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
गोंड़ा: समायोजन रद्द होने के बाद प्रदेश के लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों का परिवार इस वक़्त भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है।आए दिन पूरे प्रदेस में कोई न कोई शिक्षामित्र आर्थिक तंगी के चलते खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा है।
ताजा मामला गोंडा जिले के करनैलगंज थाने के मलौना गाँव का है जहाँ बीते रविवार की रात शिक्षामित्र कैरव प्रताप ने आग लगा आत्महत्या कर ली।कैरव की मौत के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है।कैरव की पत्नी और उसके बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है।
मिली जानकारी के अनुसार कैरव प्रताप मलौना के प्राथमिक विद्यालय प्रथम में बतौर शिक्षामित्र के पद पर तैनात थे। समायोजन रद्द होने के बाद से वह काफी अवसाद में जीवन जी रहे थे घर की माली हालत दिनोंदिन बद से बदतर होती जा रही थी जिसके चलते उनका मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा था। कुछ सालों पहले पिता रामसेवक की मौत के बाद शिक्षामित्र कैरव प्रताप के ऊपर अपने चार छोटे भाइयों की जिम्मेदारी भी आ गई थी। छोटे भाइयों की जिम्मेदारी और अपनी पत्नी तथा तीन छोटे-छोटे बच्चों के पढ़ाई का जिम्मा उठाएं कैरो प्रताप आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे थे,जिसके चलते उन्होंने बीते रविवार की रात आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
बताते हैं कि कैरव प्रताप पत्नी गीता देवी व तीन बच्चो आकाश (12 )आंचल(8 )व प्रांजल( 5)के साथ गांव के किनारे एक छोटे से मकान में रह कर किसी तरह जीवन यापन कर रहे थे। रविवार की शाम रोज की तरह पूरा परिवार खा पी कर सो चुका था कि तभी घर के दरवाजे पर कुछ जलने की बात पर सभी जग गये। देखा तो कैरव बुरी तरह से आग की लपटों से घिरे हुये थे। पत्नी गीता व बच्चो ने मिलकर बचाने का अथक प्रयास किया पर कामयाब न हो सके। चीख पुकार सुनकर पूरा गांव एकत्र हो गया। किसी तरह से आग पर काबू पाया गया। पर तब तक कैरव की मौत हो चुकी थी।
कोतवाल राजेश कुमार सिंह ने बताया कि घटना की पूरी जानकारी नही है। पता चला है कि परिवार के लोग पोस्टमार्टम नहीं कराना चाह रहे थे, इसलिए शव को परिजनों ने मलौना घाट ले जा कर अंतिम संस्कार कर दिया है।
अब तक-जा चुकी है 1178 शिक्षामित्रो की जान सरकारें मौन.!
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के फतेहपुर जिले के कार्यवाहक जिला अध्यक्ष सुशील कुमार तिवारी ने बताया कि समायोजन रद्द होने के बाद से प्रदेश के 1178 शिक्षामित्र विभिन्न कारणों से अपनी जान गवा चुके हैं। ज्यादातर मामलों में समायोजन रद्द होने के बाद आई आर्थिक समस्याओं के चलते घर के बिगड़े आर्थिक हालात मौत का कारण बना है।
सुशील तिवारी ने कहा कि आए दिन हो रही शिक्षामित्रों के मौत के बाद भी सरकारें मौन हैं और इतनी बड़ी संख्या में हो चुकी शिक्षामित्रों की मौत के बाद भी सरकारों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।