UP News In Hindi: माना कसूर हमारा है ये सारा कछार तुम्हारा है ! "राजन" की लिखी ये कविता मानव और प्रकृति की संवेदना को कैसे दर्शाती है?
Hindi Kavita Ganga
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) के रहने वाले कवि राजन (Rajan) की बाढ़ (Flood) पर लिखी कविता मानवीय संवेदनाओं और प्रकृति से खिलवाड़ को दर्शाती है.

UP Fatehpur News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ से बहुत सारे लोग प्रभावित हो रहे हैं. निरंतर बढ़ रहे जलस्तर ने कछार को अपने आगोश में ले लिया है.
गंगा (Ganga) के बिकराल स्वरूप को देखकर लोग अपना स्थान बदल कर दूर बस गए हैं. ऐसे में गंगा और बाढ़ (Flood In UP) पर कवि "राजन" की कविता मानवीय संवेदनाओं और प्रकृति से खिलवाड़ को कैसे दर्शाती है.
मूलरूप से फतेहपुर (Fatehpur) के रहने वाले सुरेश कुमार तिवारी "राजन" प्रयागराज में रखकर शिक्षण कार्य और कविता का मंचन करते हैं.
उत्तराखंड में भी त्राहि मची हुई थी. राजन कहते हैं कि तब मां गंगा से बिनती करते हुए इस कविता को लिखा था जो बहुत प्रासंगिक हुई थी.
गंगा बाढ़ मानव और संवेदनाएं
है बाढ़ नदी में आयी
मुशीबत का संदेशा लायी
बसे गाँव जो इसके तट पर
उनमें दहशत छाई
है बाढ़ नदी में आयी... !!
बढ़ रहा निरंतर जल स्तर
छू रही किनारा रह-रह कर
यह देख नजारा नदिया का
लोगों में मायूसी छाई
है बाढ़ नदी में आयी... !!
माँ गंगे नाम तुम्हारा है
पापियों को तुमने तारा है
रुक जाओ माँ अब उसी जगह
आसियाने में आफ़त आई
है बाढ़ नदी में आयी... !!
माना कसूर हमारा है
ये सारा कछार तुम्हारा है
है लाज तुम्हारे हाथों में
अब दया करो माई
है बाढ़ नदी में आयी... !!
नर अपनी सीमा समझो तुम
ज्यादा अतिक्रमण करो न तुम
अपने प्रवाह क्षेत्र में आकर
मैं एहसास कराने आई
है बाढ़ नदी में आयी... !!
खिलवाड़ प्रकृति से जो करता
राजन दंड उसे मिलता
अब तो संभलो भाई
है बाढ़ नदी में आयी... !!
कवि लेखक सुरेश कुमार तिवारी "राजन" (c)