UP Shiksha Mitra News: शिक्षामित्र संघ के पितामह रमेश चंद्र मिश्र को फतेहपुर में दी गई श्रद्धांजलि ! नहीं होगा संघर्ष विराम
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष और पूर्वांचल प्रभारी रमेश चंद्र मिश्र के निधन पर फतेहपुर (Fatehpur) की नहर कॉलोनी में एक शोकसभा आयोजित हुई. जिलाध्यक्ष सुशील तिवारी के नेतृत्व में हुई बैठक में शिक्षामित्रों ने श्रद्धांजलि देते हुए उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया.

UP Shiksha Mitra News: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कोषाध्यक्ष रमेशचंद्र मिश्र का 21 मई को निधन हो गया. तीन माह पहले सर में चोट लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई थी. इलाज के लिए उन्हें गुजरात और लखनऊ के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद वे जिंदगी की जंग हार गए. उनके निधन की खबर से पूरे शिक्षामित्र समाज में शोक की लहर दौड़ गई है.
नहर कॉलोनी में हुई श्रद्धांजलि सभा, दो मिनट का मौन
रविवार को फतेहपुर (Fatehpur) की नहर कॉलोनी में शिक्षामित्र संघ की ओर से एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई. उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुशील तिवारी के आह्वान पर बुलाई गई इस बैठक में जिले भर से शिक्षामित्रों ने हिस्सा लिया.
कार्यक्रम की शुरुआत दो मिनट के मौन से हुई, जिसमें सभी ने रमेश चंद्र मिश्र को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए. सभा का माहौल बेहद भावुक था और हर कोई उनके योगदान को याद कर रहा था.
रमेश चंद्र मिश्र इस संगठन के पितामह थे—जिलाध्यक्ष
बैठक में बोलते हुए जिलाध्यक्ष सुशील तिवारी ने रमेश चंद्र मिश्र को संगठन का पितामह बताया. उन्होंने कहा कि रमेश जी का जाना पूरे शिक्षामित्र समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने संगठन को जिस तरीके से सींचा और मजबूत किया, वह हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.
तिवारी ने यह भी कहा कि हमारे कोषाध्यक्ष का सपना अधूरा नहीं रहेगा, हम सभी उनके दिखाए रास्ते पर संघर्ष जारी रखेंगे. उनकी सोच और नीतियों को जिंदा रखना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
बैठक में उठीं ट्रांसफर और मानदेय की समस्याएं
श्रद्धांजलि सभा के बाद हुई संगठनात्मक बैठक का संचालन अजय सिंह ने किया. इस दौरान शिक्षामित्रों से जुड़ी प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई. विशेष रूप से शिक्षामित्रों के ट्रांसफर और मानदेय की समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आईं. वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में शिक्षामित्रों को स्थायीत्व, उचित वेतन और सुविधाओं की सख्त जरूरत है, और संगठन को इन मुद्दों को लेकर सरकार के समक्ष मजबूती से आवाज उठानी चाहिए.
बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने दर्ज कराई उपस्थिति
इस श्रद्धांजलि सभा और बैठक में जिले भर से शिक्षामित्र पहुंचे. इनमें प्रमुख रूप से अखिलेश गुप्ता, ओम पटेल, भानू सिंह, विशाल शुक्ला, सुनील मिश्रा, लालू मिश्रा, मनोज गुप्ता, राम सुमेर, रामानंद, अनिल श्रीवास्तव, आशुतोष द्विवेदी, अतर राजावत शिव सिंह, नीता द्विवेदी, मिथिलेश देवी, माया देवी, शशिकांती, सतेंद्र सिंह, धर्मेंद्र, मनोज यादव, अन्नपूर्णा, शैलेन्द्र वर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षामित्र शामिल रहे. सभी ने एकजुट होकर संगठन को मजबूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई.
संगठन के प्रति समर्पण ही थी रमेश मिश्र की पहचान
रमेश चंद्र मिश्र ने अपने जीवन का अधिकांश समय शिक्षामित्र संगठन को मजबूत करने में लगाया. वे सिर्फ प्रदेश कोषाध्यक्ष ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के प्रभारी के रूप में भी कार्यरत थे. उनका नेतृत्व संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.
उनका समर्पण, संगठन के प्रति निष्ठा और शिक्षामित्रों के हक के लिए लड़ने का जज़्बा उन्हें हमेशा यादगार बनाए रखेगा. उनके जाने से संगठन को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई संभव नहीं, लेकिन उनकी सोच को आगे बढ़ाना ही अब सभी शिक्षामित्रों का कर्तव्य बन गया है.