Who Is Duggu Gautam: तीन साल के डुग्गू का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज ! लोग कह रहे हैं Google बॉय, पलक झपकते ही दे देता है जवाब
Viral Guggu Gautam
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahr) जिले के स्याना कस्बे में रहने वाला तीन साल का डुग्गू गौतम (Duggu Gautam) दुर्लभ बीमारी ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा से जूझ रहा है. हड्डियां इतनी कमजोर हैं कि वह न चल सकता है, न बैठ सकता. बावजूद इसके उसका सामान्य ज्ञान उसकी उम्र से कहीं आगे है. प्रधानमंत्री से इलाज में मदद की गुहार लगाने वाला डुग्गू देशभर में मिसाल बन रहा है.

Who Is Duggu Gautam: जिन कंधों पर अभी बस्ता भी नहीं टिका, उन नन्हे कंधों पर दर्द का पहाड़ है. तीन साल का डुग्गू गौतम हड्डियों की ऐसी बीमारी से जूझ रहा है, जिसने उसका बचपन ही छीन लिया है. लेकिन शरीर की मजबूरी उसके हौसलों पर भारी नहीं पड़ सकी. पढ़ाई का जुनून ऐसा कि बिना स्कूल जाए ही प्रधानमंत्री से लेकर संविधान निर्माता अंबेडकर तक की जानकारी जुबानी याद है.
बीमारी ने छीना बचपन, लेकिन नहीं छीन पाई सीखने की ललक
बुलंदशहर (Bulandshahr) के स्याना कस्बे के रहने वाले डुग्गू गौतम को ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा नाम की बीमारी है. यह एक अत्यंत दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर की हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं.
डुग्गू (duggu gautam) की हालत यह है कि वह बैठ नहीं सकता, चल नहीं सकता और जरा सी चोट लगने पर उसकी हड्डियां टूट सकती हैं. लेकिन यह बीमारी उसके हौसले को नहीं तोड़ पाई. उसका सामान्य ज्ञान, याददाश्त और जिज्ञासा इतनी तेज है कि अच्छे-अच्छे बड़े भी हैरान रह जाएं.
बिना स्कूल गए इतना ज्ञान, सुनकर डॉक्टर भी रह गए दंग
उसे संविधान निर्माता अंबेडकर की जन्मतिथि से लेकर उनके योगदान तक सब याद है. डुग्गू को देश-विदेश के कई मंत्रियों के नाम भी याद हैं. यह सब उसने सिर्फ टीवी, मोबाइल और आसपास के लोगों से सीखा है. उसकी सीखने की ललक उसकी सबसे बड़ी ताकत है.
मोदी जी, मुझे ठीक करवा दो–एक मासूम की गुहार
डुग्गू (duggu gautam) जानता है कि उसके मां-बाप इतने सक्षम नहीं हैं कि उसका इलाज करा सकें. इसीलिए उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुद इलाज में मदद की अपील की है. डुग्गू की मासूम आवाज़ में एक भरोसा है कि देश का प्रधानमंत्री उसे सुनेगा. उसकी यह अपील इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. कई लोग इसे देखकर भावुक हो चुके हैं. इस बच्चे को अब देश के साथ की ज़रूरत है.
कर्ज में डूबा परिवार, अब तक बिक चुका है ऑटो
डुग्गू के पिता आकाश गौतम पहले ग्रेटर नोएडा में किराए का ऑटो चलाते थे. रोजाना 500 से 600 रुपये की कमाई होती थी. बेटे के इलाज के लिए उन्होंने न सिर्फ कर्ज लिया, बल्कि अपना ऑटो भी बेच दिया. अब परिवार पूरी तरह आर्थिक तंगी में जी रहा है. डुग्गू की मां रेशू गौतम गृहणी हैं.
माता-पिता दोनों अशिक्षित हैं, जिससे उन्हें इलाज के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी का इलाज करोड़ों रुपये में संभव है, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक कमरे के मकान में रहने वाले इस परिवार के लिए यह सपने जैसा ही है.
देश को चाहिए डुग्गू जैसे होनहार का साथ
डुग्गू (duggu gautam) सिर्फ एक बीमार बच्चा नहीं, बल्कि हौसले की जीती-जागती मिसाल है. उसने यह साबित कर दिया है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर मन में कुछ सीखने की जिद हो तो रास्ता जरूर निकलता है.
अगर इस मासूम को समय पर सही इलाज और सहयोग मिल जाए, तो यह बच्चा न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है, बल्कि देश का गौरव भी बन सकता है. समाज, सरकार और हर जिम्मेदार नागरिक को डुग्गू के सपनों को उड़ान देने में उसकी मदद करनी चाहिए.