Fatehpur News: फतेहपुर में 4 करोड़ की लागत से बनेगा भव्य हनुमान मंदिर ! संपत्ति बेचने वाले ही कर रहे हैं अपनी दावेदारी
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर शहर के चौक क्षेत्र में 150 साल पुराने श्री हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार करीब 4 करोड़ की लागत से किया जाएगा. लेकिन मंदिर की संपत्तियों और प्रबंधन को लेकर राम प्रकाश गुप्ता अपनी दावेदारी कर रहे हैं. वहीं ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि राम प्रकाश गुप्ता मंदिर की संपत्ति को बेचना चाहते हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.

Fatehpur Hanuman Mandir Vivad: फतेहपुर शहर के चौक क्षेत्र में स्थित लगभग 150 साल पुराने ऐतिहासिक श्री हनुमान मंदिर को लेकर इन दिनों बड़ा विवाद गरमा गया है. मंदिर का जीर्णोद्धार ट्रस्ट द्वारा 4 करोड़ की लागत से किया जाना तय हुआ है और इसका नक्शा भी जारी हो चुका है. वहीं राम प्रकाश गुप्ता खुद को वैध प्रबंधक बता रहे हैं जबकि मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इसे गलत बताया है. साथ ही आरोप लगाया कि है कि वो मंदिर की संपत्ति को बेचना चाहते हैं.
भूमि पूजन के दौरान हुआ था बवाल, पुलिस तक पहुंचा मामला
बीते रविवार को जब मंदिर के जीर्णोद्धार के तहत भूमि पूजन का कार्यक्रम चल रहा था, तभी खुद को वैध प्रबंधक बताकर राम प्रकाश गुप्ता अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कार्यक्रम का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.
मामला बढ़ने पर पुलिस को बुलाना पड़ा और अंततः दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया गया. सीओ सिटी गौरव शर्मा की मध्यस्थता में दोनों पक्षों ने अस्थायी रूप से भूमि पूजन किया. हालांकि विवाद वहीं नहीं रुका, प्रशासन ने दोनों पक्षों को एसडीएम सदर अर्चना अग्निहोत्री के समक्ष अपनी बात रखने को कहा.
ट्रस्ट का दावा: मंदिर सभी का, संपत्ति बेचना चाहते हैं कुछ लोग
उन्होंने राम प्रकाश गुप्ता पर आरोप लगाया कि वह मंदिर की संपत्ति को बेचना चाहते हैं. वीरेंद्र पांडेय ने दावा किया कि वर्ष 2024 में राम प्रकाश गुप्ता ने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र देकर मंदिर की संपत्ति बेचने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण सर्वसमाज के सहयोग से हुआ था और इसके अध्यक्ष जगन्नाथ प्रसाद गांधी व वर्तमान प्रबंधक कालका प्रसाद मोदनवाल दोनों हलवाई समाज से आते हैं, इसलिए जातिगत दावे भी निराधार हैं.
ट्रस्ट की आंतरिक राजनीति और 70 लाख के गबन का आरोप
ट्रस्ट के महामंत्री कुलदीप रस्तोगी (पप्पन) ने बताया कि पहले मंदिर का संचालन एक अनौपचारिक कमेटी करती थी, लेकिन संपत्ति और व्यवस्था की पारदर्शिता के लिए 2007 में ट्रस्ट रजिस्टर कराया गया. उन्होंने बताया कि जब मंदिर निर्माण के लिए फंड एकत्र किया जा रहा था, तब तत्कालीन प्रबंधक श्रीराम गुप्ता ने कोई सहयोग नहीं किया और बाद में मंदिर की आय-व्यय भी छुपा ली.
पप्पन का आरोप है कि श्रीराम गुप्ता ने बिना कमेटी की सहमति के वर्ष 2022 में राम प्रकाश गुप्ता को व्यक्तिगत रूप से प्रबंधक बना दिया, जबकि यह पद सामूहिक निर्णय से तय होता है. उन्होंने 70 लाख रुपये के गबन का भी आरोप लगाया है.
रजिस्टर्ड दस्तावेज बनाम ट्रस्ट बायलॉज की कानूनी लड़ाई
राम प्रकाश गुप्ता के पास एक रजिस्टर्ड दस्तावेज है जो उन्हें तत्कालीन प्रबंधक श्रीराम गुप्ता द्वारा प्रबंधक नियुक्त करने का प्रमाण देता है. हालांकि ट्रस्ट के अनुसार, वर्ष 2007 में कमेटी के गठन के बाद ऐसे किसी भी एकतरफा दस्तावेज की वैधता खत्म हो जाती है.
बायलॉज के मुताबिक किसी भी पद पर नियुक्ति तभी वैध मानी जाती है जब वह कमेटी की सामूहिक सहमति से हो. एसडीएम सदर अर्चना अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया है कि राम प्रकाश गुप्ता की दावेदारी केवल चुनाव के माध्यम से ही वैध हो सकती है.
करोड़ों की संपत्ति पर कब्जे और नियंत्रण की होड़
संरक्षक वीरेंद्र पांडेय के मुताबिक श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट के पास चौक क्षेत्र में मंदिर परिसर के अलावा साईं मंदिर, रेलबाजार समेत कई बेशकीमती जमीनें हैं. इनकी कुल कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है. कई जगहों पर इन संपत्तियों पर अवैध कब्जे भी हैं. जो कि अब प्रशासन और व्यतिगत वार्तालाप से मंदिर के पक्ष में आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सदर कोतवाली में बातचीत के दौरान तत्कालीन प्रबंधक श्रीराम गुप्ता ने स्वयं माना कि राम प्रकाश गुप्ता को प्रबंधक बनाना गलती थी. वीरेंद्र पांडेय और महामंत्री कुलदीप रस्तोगी पप्पन ने कहा कि जल्द ही प्रशासन के आदेश पर मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा.