
कोरोना:फतेहपुर-गाँवो में पहुँच रहे परदेशियों ने बढ़ाई दहशत..बेरोक टोक घूम रहे..!
देश के बेहद संक्रमित राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात दिल्ली आदि जगहों से फतेहपुर पहुँच रहे प्रवासी कामगारों ने जनपद में संक्रमण का खतरा और बढ़ा दिया है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।

फतेहपुर:कोरोना का संक्रमण अब वृहद रूप ले चुका है।तीसरे चरण के लॉकडाउन में कुछ छूटे दी गईं।जिसका परिणाम यह हुआ कि देश भर में पिछले तीन, चार दिनों के अंदर कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेज़ी के साथ बढ़े।अब तक ग्रीन जोन की श्रेणी में रहा फतेहपुर भी कोरोना से अछूता नहीं रहा है।यहाँ शुक्रवार को दो लोगो की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई।जिसके बाद पूरे जिले में हड़कम्प मच गया।ऐसा अंदेशा है कि जांच के लिए भेजे गए कुछ और कोरोना संदिग्धों की जांच रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आ सकती है!जो ज़िले के लिए बेहद बुरी ख़बर होगी।
परदेशियों ने बढ़ाई चिंता..
शुक्रवार को ही ज़िले में 1200 प्रवासी कामगारों को लेकर गुजरात से एक ट्रेन आई।जिसमें कुछ लोग पड़ोसी जनपदो के भी थे।स्टेशन पर डीएम और एसपी पूरे प्रशासनिक अमले के साथ मौजूद रहे।सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग कर रोडवेज बसों से उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया।जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके गंतव्य की ओर भेज दिया गया है।और सभी से 21 दिनों तक होम क्वारण्टाइन में रहने का आदेश दिया गया है।
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हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार ज़िले में ग्राम, तहसील और जिला स्तर पर प्रशासन द्वारा क़रीब 375 क्वारण्टाइन सेंटर बनाए गए हैं।जिनमें कुल 5 हज़ार से ज्यादा मजदूर क्वारण्टाइन किए गए हैं।
आ रहे प्रवासी मजदूरों में हजारों की तादात में ऐसे मजदूर हैं।जो शासन प्रशासन की आँखों में धूल झोंककर चोरी छिपे सीधे अपने अपने गाँवो में पहुँच रहे हैं।इनमें से ज्यादातर लोगों का न तो किसी भी तरह का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ है।और न ही ये क्वारण्टाइन की अवधि को पूरा कर रहे हैं।ऐसे लोग गाँवो में घूम घूमकर संक्रमण का ख़तरा बढ़ा रहे हैं।
गाँव में सरकारी स्कूलों और पंचायत भवनों में बनाए गए क्वारण्टाइन सेंटरों में ज्यादातर परदेशी रुकने को तैयार नहीं है।कुछ रुकते भी हैं तो वह रात में अपने घरों में निकल जाते हैं।यह स्थिति कमोबेश पूरे जिले की है।
