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World Cup 2011 Memories: आज ही के दिन भारत ने जीता था विश्व कप ! वानखेड़े में एम.एस धोनी का विजयी छक्का आज भी किया जाता है याद

World Cup 2011

भारतीय क्रिकेट के इतिहास (Indian Cricket History) का 2 अप्रैल 2011 का दिन स्वर्णिम अक्षरों (Golden Letters) में लिखा हुआ है. आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप (Icc Odi Wc 2011) जिसकी मेजबानी भारत कर रहा था. फाइनल मुम्बई वानखेड़े (Wankhede) में खेला गया था. भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद विश्व कप ट्राफी उठायी. 5 बार विश्व कप का हिस्सा रह चुके सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को क्रिकेट करियर के अंतिम पड़ाव पर छठी बार उन्हें इस वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को उठाने का आखिर मौका मिल ही गया. कुछ यूजर्स ने उस फाइनल की स्मृतियों (Memories) को शेयर किया है.

World Cup 2011 Memories: आज ही के दिन भारत ने जीता था विश्व कप ! वानखेड़े में एम.एस धोनी का विजयी छक्का आज भी किया जाता है याद
वर्ल्ड कप फाइनल 2011, image credit original source
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क्रिकेट के भगवान को मिला आखिर 2011 में मौका

सचिन तेंदुलकर (Sachin tendulkar) भारत की ओर से सबसे ज्यादा 6 बार विश्व कप खेलने वाले खिलाड़ी है. उनको अपने करियर में यही मलाल रहा कि वह वर्ल्ड कप की ट्रॉफी नहीं उठा सके. 1996 में सेमीफाइनल (Semifinal) का सफर तय किया, 2003 में फाइनल का सफर मगर जीत हासिल नहीं हुई. आखिरकार वर्ष 2011 में महेंद्र सिंह धोनी (M.S.Dhoni) की कप्तानी में सचिन को यह मौका मिल गया भारत ने विश्व कप ट्रॉफी जीती सचिन ने अपने हाथों में यह विश्व कप ट्राफी उठाई.

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वर्ल्ड कप फाइनल 2011, image credit original source

ताजा हुईं वर्ल्डकप फाइनल 2011 की स्मृतियां

आज वही 2 अप्रैल तारीख है जब मुंबई के खचाखच दर्शकों से भरे हुए वानखेड़े स्टेडियम में पूरे भारत वर्ष की नजर भारतीय टीम पर थी. टीम इंडिया ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीतकर देशवासियों को खुशियां मनाने का मौका दिया था और इस जीत की खुशी कई महीनो तक नहीं बल्कि सालों तक मनाई गई थी. कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर फाइनल मुकाबले के कुछ वीडियो भी शेयर किए हैं यानी उन लम्हों की यादें ताजा कर दी है. हर कोई उस दिन को नहीं भूल सकता खास तौर पर कप्तान धोनी का आखरी में लगाया हुआ विजयी छक्का सभी के जहन में हैं.

वर्ल्डकप 2011 फ़ाइनल (World Cup Final Day)

बात की जाए 2 अप्रैल 2011 को वर्ल्ड कप फाइनल मैच के आंकड़े की तो भारत और श्रीलंका के बीच यह वर्ल्ड कप का फाइनल मैच हुआ था जो मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. टॉस श्रीलंका कप्तान कप्तान कुमार संगकारा के पाले में गया और उन्होंने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था श्रीलंका ने महेला जयवर्धने के शतक की बदौलत 274 रन का स्कोर बोर्ड पर टांग दिया. अब बारी थी भारत की बल्लेबाजी करने की भारत की ओर से ओपनिंग बैट्समैन के रूप में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने शुरुआत की.

मलिंगा ने सचिन-सहवाग को किया आउट

सामने बॉलर थे श्रीलंकाई फास्ट बॉलर लसिथ मलिंगा पूरी दुनिया उस फाइनल मैच को बड़े ही अपनी भावनाओं के साथ देख रही थी. वानखेड़े में इंडिया-इंडिया का शोर था. उसका खामियाजा आखिर भारतीय टीम को भुगतना भी पड़ा जहां पहले ही ओवर में मलिंगा ने वीरेंद्र सहवाग को एलबीडब्ल्यू आउट करके भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी. सहवाग के आउट होने के बाद गौतम गंभीर ने मोर्चा संभाला सचिन तेंदुलकर ने हालांकि एक दो शॉट चौके के रूप में मारे लेकिन वह भी मलिंगा का शिकार हो गए और उसके बाद फिर से एक बार टीम इंडिया दबाव में आ गई.

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अब लक्ष्य काफी ज्यादा लग रहा था और टीम इंडिया के दो विकेट जल्द ही गिर गए थे टीम इंडिया फाइनल के दबाव में दिखाई दे रही थी इसी बीच गौतम गंभीर का साथ देने के लिए भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज विराट कोहली मैदान में पहुंचे और दोनों ने अच्छी साझेदारी कर टीम इंडिया को आगे बढ़ने का कार्य किया.

धोनी का विजयी छक्का आज भी सबके जेहन में

कहीं ना कहीं टीम इंडिया की स्थिति सही होती दिखाई दे रही थी तभी संगाकारा ने दिलशान को गेंद थमाई. दिलशान ने विराट कोहली को आउट कर टीम इंडिया में फिर खलबली मचा दी. एक तरफ गौतम गंभीर काफी आक्रामक और बड़े ही सहजता से बल्लेबाजी कर रहे थे पेड बांधे युवराज सिंह ड्रेसिंग रूम में बैठे हुए थे लेकिन जब महेंद्र सिंह धोनी ने यह देखा कि मुरलीधरन ने गेंदबाजी संभाल ली है तो उन्होंने युवराज को रोककर खुद मैदान में उतरे.

इसके बाद जो हुआ वह हम सबके सामने हैं कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत श्रीलंका के जबड़े से जीत छीन ली. हालांकि गौतम गंभीर 97 रन बनाकर अपने शतक से चूक गए. धोनी के द्वारा लगाया हुआ विजयी छक्का ने भारत को 28 साल बाद विश्व कप की ट्रॉफी दिलाई. धोनी 91 रन पर नाबाद लौटे. इसके बाद पूरे देश ने जमकर इस जीत को सेलिब्रेट किया था. 1983 के बाद 2011 में भारतीय टीम ने दूसरी दफा वर्ल्ड कप जीता.

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