Pcs Madhav Upadhyay Success Story: किसान के बेटे माधव उपाध्याय बने PCS अफसर, सहायक समीक्षा अधिकारी से अब SDM, चौथे प्रयास में मिली सफलता
Pcs Madhav Upadhyay Kasganj
Uppsc परीक्षा में टॉप 10 की सूची (Top 10 List) में कासगंज के माधव उपाध्याय (Madhav Upadhyay) भी शामिल हैं, जिन्हें दसवां स्थान प्राप्त हुआ है. सहायक समीक्षा अधिकारी (Assistant Review Officer) के पद पर तैनात माधव ने जीतोड़ मेहनत कर पीसीएस अफसर बन गए. उन्हें यह सफलता चौथे प्रयास में मिली है. माधव ने सफलता का श्रेय ईश्वर और माता-पिता को दिया है.
किसान के बेटे ने कासगंज जिले का बढ़ाया मान
यूपीपीएससी (Uppsc) परीक्षा का फ़ाइनल परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया गया. पीसीएस 2023 (Pcs 2023) की परीक्षा में कासगंज (Kasganj) के रहने वाले एक किसान व आगनबाड़ी कार्यकर्ता के बेटे ने भी टॉप 10 में अपनी जगह बनाकर जिले का मान बढ़ाया है. चलिए जानेंगे कौन है यह पीसीएस अफसर जिन्होंने यह बड़ी उपलब्धि हासिल की. इसके पीछे वह किसे श्रेय देते हैं.
कौन हैं माधव उपाध्याय? सहायक समीक्षा अधिकारी से एसडीएम
यूपी पीसीएस परीक्षा 2023 में टॉप-10 की सूची में पुरुषों की संख्या ज्यादा रही. एक ऐसे ही होनहार अभ्यर्थी जिन्होंने सहायक समीक्षा अधिकारी (Assistant Review Officer) पद पर तैनात होकर पीसीएस अफसर (Pcs Officer) बने. यह होनहार अभ्यर्थी माधव उपाध्याय (Madhav Upadhyay) हैं, जो कासगंज के कालानी गांव के रहने वाले हैं. पिता हरिओम उपाध्याय किसान है जबकि मां आशादेवी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. माधव की दो बहनें और एक भाई है. माधव ने हाईस्कूल और इन्टर की परीक्षा नवोदय विद्यालय एटा से उत्तीर्ण की फिर 2017 में स्नातक किया.
फिर इसी बीच उन्होंने डीएलएड की परीक्षा क्लियर की. आगरा से हिंदी साहित्य में परास्नातक किया. माधव लगातार Uppsc परीक्षा की तैयारी करते रहे. वर्ष 2020 से 2022 तक तीन प्रयास किये, लेकिन सफलता नहीं मिली. फिर भी वह तैयारी करते रहे इस दौरान उनका लोक सेवा आयोग में चयन हुआ. जिसके बाद वे सहायक समीक्षा अधिकारी पद पर प्रयागराज में तैनात हो गए.
उत्तर लेखन पर किया अभ्यास, प्रदेश में दसवां स्थान
माधव के मन में तो पीसीएस अफसर बनने की चाह थी. फिर उन्होंने पीसीएस 2023 का फॉर्म भरा. नौकरी के साथ-साथ कड़ी मेहनत करते रहे आख़िर उनकी मेहनत रंग लायी. चौथे प्रयास में माधव ने यह परीक्षा पास कर ली. माधव का नाम जिले के टॉप-10 अभ्यर्थियों की सूची में आया. माधव को प्रदेश में दसवीं रैंक मिली है. उनकी इस उपलब्धि के बाद माता-पिता बेहद खुश हैं.
माधव बताते हैं कि उत्तर लेखन जारी रखा जिसका खूब अभ्यास किया, नोट्स बनाये, रिवीजन करते रहे. इसी के बल पर वह सफल हुए. माधव अब एसडीएम बनने वाले हैं. उन्होंने सफलता का श्रेय ईश्वर और माता-पिता को दिया. इसके साथ ही उनकी प्राथमिकता है कि वे आगे शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार करना चाहते हैं. साथ ही युवा पीढ़ी को संदेश दिया कि असफलता से निराश न हो, धैर्य और हौसला रखें कामयाबी मिलेगी.