Kaushambi News: 39 रुपये से 4 करोड़ की किस्मत ! कौशांबी का मंगल सरोज रातों रात बना करोड़पति, जानिए कैसे बना?
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कौशांबी (Kaushambi) जिले के मंगल सरोज ने Dream11 पर 39 रुपए की टीम बनाकर IPL मैच में 4 करोड़ रुपये जीत लिए. कभी प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरी करने वाला ये युवक अब करोड़पति बन गया है. गांव में जश्न का माहौल है और यह कहानी अब सबके लिए प्रेरणा बन गई है.

UP Dream11 Crorepati 2025: कभी प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरी करने वाला एक साधारण युवक, कच्चे घर की दीवारों से सपनों की उड़ान भरने वाला बेटा अचानक करोड़पति बन गया. कौशांबी जिले के मंगल सरोज की किस्मत ने ऐसा पलटा खाया कि 39 रुपये की फैंटेसी क्रिकेट टीम ने उसकी पूरी दुनिया ही बदल दी.
संघर्षों की राख से उगता एक सपना जब करोड़ों में बदल जाए, तो वह सिर्फ एक खबर नहीं, पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाती है. मंगल की यही कहानी आज घासी का पूरा गांव से निकलकर देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है.
घासी का पूरा गांव अचानक बना सुर्खियों का केंद्र
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कौशांबी (Kaushambi) जिले के सरायअकिल थाना क्षेत्र स्थित ‘घासी का पूरा’ गांव पहले कभी सुर्खियों में नहीं आया था. लेकिन अब हर मीडिया, सोशल मीडिया और ग्रामीण चर्चा का केंद्र यही गांव बन गया है. वजह यहीं का एक मजदूर बेटा मंगल सरोज (Mangal Saroj Winner) जिसने ड्रीम11 पर 39 रुपये की टीम बनाकर 4 करोड़ रुपये का इनाम जीत लिया.
लोग गूगल पर ये भी सर्च कर रहे हैं (How to Win Dream11) बताया जा रहा है कि 30 अप्रैल को खेले गए आईपीएल (IPL 2025) मुकाबले—पंजाब किंग्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स—में मंगल की बनाई गई टीम ने पहला स्थान हासिल किया. मैच खत्म होते ही मोबाइल पर जैसे ही मैसेज आया उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा.
खुशी की लहर, आंखों में आंसू और घर पर भीड़
मंगल की इस बड़ी जीत के बाद गांव में ऐसा उत्सव देखने को मिला, जैसा शायद किसी त्योहार पर भी नहीं होता. सुबह होते-होते उनके घर के बाहर बधाई देने वालों का तांता लग गया. गांव वाले मिठाइयां लेकर पहुंचे, बैंक के लोग दस्तावेज़ों के साथ आए और हर किसी के चेहरों पर मुस्कान थी.
मंगल का घर आज भी मिट्टी और फूस का बना हुआ है, लेकिन उस घर से अब सपनों की ऊंची उड़ान दिखाई दे रही है. मंगल ने भावुक होते हुए कहा, हमारे घर में पहली बार कोई ऐसा मौका आया है, जब पूरा गांव एक साथ हमारी खुशी मना रहा है.
हापुड़ की फैक्ट्री से करोड़ों की दुनिया तक का सफर
मंगल सरोज की यह कहानी कोई रातोंरात मिली दौलत की कहानी नहीं है. यह मेहनत, धैर्य और भाग्य के मेल की मिसाल है. कभी वह हापुड़ की एक प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरी करते थे, जहां दिन-रात काम कर रोजी-रोटी चलाते थे. ड्रीम11 (Dream 11)
उनके लिए सिर्फ एक खेल नहीं, थोड़ी उम्मीद की जगह थी. कई बार खेला, कई बार हारे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि 39 रुपये की एक टीम मेरी पूरी जिंदगी बदल देगी. अब सबसे पहले मैं अपने मां-बाप के लिए पक्का घर बनवाऊंगा.”
सपनों के साथ आई ज़िम्मेदारी
मंगल अब करोड़ों रुपये के मालिक हैं, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि वह इस रकम को सोच-समझकर खर्च करेंगे. “ये पैसा मेरे लिए सिर्फ मौज-मस्ती का साधन नहीं है. ये एक जिम्मेदारी है. मैं चाहूंगा कि इस जीत से मेरे गांव के और बच्चे भी प्रेरित हों.
मैं कुछ पैसा सामाजिक कार्यों में लगाना चाहता हूं और भविष्य में कोई छोटा व्यवसाय शुरू करने की योजना है.” मंगल की ये सोच बताती है कि उन्हें न सिर्फ जीत की अहमियत पता है, बल्कि जिम्मेदारी की भी पूरी समझ है.
डिजिटल भारत में गांव से उठते नए सितारे
मंगल सरोज की कहानी आज के डिजिटल युग की एक सशक्त तस्वीर है. जहां गांव का एक मेहनती युवक भी अपने मोबाइल और थोड़े से ज्ञान के सहारे करोड़ों तक पहुंच सकता है.
ड्रीम11 (UP man wins Dream11) जैसे फैंटेसी प्लेटफॉर्म्स युवाओं के लिए एक नया द्वार खोल रहे हैं, बशर्ते इन्हें समझदारी से खेला जाए. मंगल की जीत सिर्फ एक गेम की नहीं, एक सोच, एक उम्मीद और एक पूरे वर्ग की आवाज है जो अब कह सकता है"अगर हम कोशिश करें, तो किस्मत भी दरवाज़ा खोल सकती है."