UP News: यूपी के संविदाकर्मी पिता की तीन बेटियों ने रचा इतिहास ! एक साथ बनी पुलिस कांस्टेबल, छलके खुशी के आंसू
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) जिले की तीन सगी बहनों ने एक साथ यूपी पुलिस में चयनित होकर इतिहास रच दिया है. नगर पंचायत में संविदाकर्मी पद पर तैनात उनके पिता वीरेंद्र सिंह का सपना था कि उनकी बेटियां वर्दी पहनें. बेटियों ने गरीबी और तंगी को मात देकर इस सपने को हकीकत में बदल दिया.

UP Hathras News: यूपी के हाथरस जिले की तीन सगी बहनों ने एक साथ यूपी पुलिस (Police Bharti) में चयनित होकर समाज के लिए प्रेरणा बन गई हैं. उनके पिता वीरेंद्र सिंह मुरसान नगर पंचायत में संविदाकर्मी हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. इसके बावजूद बेटियों ने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते हुए वर्दी पाने का सपना पूरा किया. सोमवार को ट्रेनिंग के लिए रवाना होने पर गांववालों ने भव्य स्वागत किया.
तीनों बहनों ने किया फिल्म 'दंगल' जैसा कमाल
जिस तरह 'दंगल' फिल्म में एक पिता ने अपनी बेटियों को देश के लिए गोल्ड मेडल जितवाने के लिए तैयार किया, उसी तरह मुरसान की इन तीन बहनों ने भी अपने पिता के सपनों को पूरा किया है. संविदाकर्मी वीरेंद्र सिंह की तीन बेटियों—रश्मि, सपना और कंचन—का एक साथ यूपी पुलिस में चयन हुआ है.
तीनों बहनों ने न सिर्फ अपने माता-पिता का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे गांव और जिले का भी गौरव बढ़ाया है. सोमवार को जब तीनों बहनें ट्रेनिंग के लिए रवाना हुईं, तो गांवभर में खुशी की लहर दौड़ गई. स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया. वहीं परिजनों में खुशी के आंसू देखने को मिले.
गरीबी के बावजूद नहीं मानी हार, एक कमरे में की पढ़ाई
मां निर्मला भी हर कदम पर बेटियों के साथ रहीं. तीनों बहनों ने मिलकर न सिर्फ शुरुआती पढ़ाई की, बल्कि पुलिस भर्ती की तैयारी भी एक साथ की. सुबह 5 बजे उठकर वे पिता के साथ दौड़ लगाने जाती थीं, फिर दिनभर पढ़ाई करती थीं. इसी मेहनत का नतीजा है कि तीनों का एक साथ चयन हुआ.
रश्मि, सपना और कंचन, तीनों का एक ही सपना था
रश्मि और सपना ने वर्ष 2018 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी, जबकि कंचन ने 2019 में. स्कूल के दिनों से ही तीनों बहनों का सपना था कि वे पुलिस में भर्ती हों. पिता ने जब यह सपना सुना, तो उन्होंने तय किया कि चाहे हालात जैसे भी हों, बेटियों को रोकेंगे नहीं.
तीनों बहनों ने कभी कोचिंग का सहारा नहीं लिया, बल्कि सेल्फ-स्टडी के जरिए ही तैयारी की. उनके मजबूत इरादों और अनुशासन का नतीजा है कि आज तीनों बहनों को एक साथ वर्दी मिली.
दो की ट्रेनिंग ललितपुर, एक की ट्रेनिंग कानपुर देहात में
तीनों बहनों को यूपी पुलिस के अलग-अलग ट्रेनिंग सेंटर्स पर भेजा गया है. रश्मि और सपना की ट्रेनिंग ललितपुर (Lalitpur) में शुरू होगी, जबकि कंचन की ट्रेनिंग कानपुर देहात Kanpur Dehat) में है.
सोमवार को तीनों जब ट्रेनिंग के लिए रवाना हुईं, तो मुरसान में जश्न जैसा माहौल था. लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया. इस मौके पर पूर्व चेयरमैन गिरिराज किशोर शर्मा, पंकज अग्रवाल, डॉ. विष्णु, मास्टर लखन सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे और बेटियों को आशीर्वाद दिया.
बेटियों की सफलता ने संविदाकर्मी पिता को बनाया हीरो
नगर पंचायत में संविदाकर्मी पद पर काम करने वाले वीरेंद्र सिंह को अब लोग ‘हिरो पिता’ कहने लगे हैं. गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने जिस तरह बेटियों की परवरिश की, वह मिसाल है.
एक कमरे में रहकर, सीमित संसाधनों में तीन बेटियों को पढ़ाना और उन्हें पुलिस की वर्दी तक पहुंचाना, एक प्रेरणादायक कहानी है. अब यह परिवार दूसरे जरूरतमंदों के लिए प्रेरणा बन गया है. वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि "मेरी बेटियों ने वो कर दिखाया जो कभी मेरा सपना था, अब मेरा सिर गर्व से ऊंचा हो गया है."